हिजाब विवाद फ़िज़ूल है

अमेरिका ने वर्षों गला दिए अफ़गानिस्तान को कल्चर सिखाने में.  फिर तौबा कर ली. सोचा लड़ने -मरने दो आपस में. हमें क्या?

ऐसा ही है  हिजाब विवाद. हमारी बला से. मेरी नज़र में भाग्यशाली हैं औरत-मर्द जो लगभग नग्न अवस्था में समुद्र तटों पर धुप लेते हैं. मैंने तो आज भी पश्चिम विहार, दिल्ली के डिस्ट्रिक्ट पार्क में मात्र शॉर्ट्स में दौड़ लगाई है. मेरी बला से. पहनने दो न काला सा लबादा जिस ने पहनना हो. 

मुस्लिम समाज वैसे भी ज्ञान-विज्ञान में बहुत पीछे छूटा हुआ है. छूटने दो. इस समाज के पास सिवा एक बड़ी आबादी के कुछ भी नहीं. इस आबादी पर कण्ट्रोल करने का हर इलाज करो. बस. फ़िज़ूल मुद्दों में मत उलझो.

तुषार कॉस्मिक

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