Monday, 16 January 2017

हरेक को अपना धरम, धरम लगता है, दूजे का भरम लगता है. 

संघी  को सिखाया गया है कि हिंदुत्व जीवन-पद्धति है और इस्लाम मात्र पूजा-पद्धति. जबकि इस्लाम खुद को दीन कहता है, पूरा जीवन दर्शन. और वो है भी.

और हिंदुत्व नाम की कोई चीज़ है नहीं. बांधते रहो शब्दों में, वो सब आपके अपने प्रोजेक्शन हैं. हिंदुत्व तो अपने आप में कुछ है ही नहीं.



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