हम उस देश के वासी हैं, जहाँ सड़क ही स्पीड-ब्रेकर का काम करती है.
स्पीड-ब्रेकर नहीं गाड़ी-ब्रेकर का काम भी करती है.
हम उस देश के वासी हैं, जिसमें कुछ भी नहीं बासी है. यहाँ तो हर साल रामलीला भी नए ढंग से पेश की जाती है.
हम उस देश के वासी हैं, जिसके वासी इतने धार्मिक हैं कि सड़कों पर ही नमाज़ पढ़ते हैं, लंगर चलाते हैं, शोभा-यात्राएं निकालते हैं और हर आने-जाने वाले को धार्मिक रंग में रंगने का मौका देते हैं.
हम उस देश के वासी हैं, जिस देश में गंगा बहती है, इतनी पवित्र कि हज़ारों गंदे नाले भी उसमें गिर कर पवित्र हो जाते हैं.
बाकी आप जोडें ...............
स्पीड-ब्रेकर नहीं गाड़ी-ब्रेकर का काम भी करती है.
हम उस देश के वासी हैं, जिसमें कुछ भी नहीं बासी है. यहाँ तो हर साल रामलीला भी नए ढंग से पेश की जाती है.
हम उस देश के वासी हैं, जिसके वासी इतने धार्मिक हैं कि सड़कों पर ही नमाज़ पढ़ते हैं, लंगर चलाते हैं, शोभा-यात्राएं निकालते हैं और हर आने-जाने वाले को धार्मिक रंग में रंगने का मौका देते हैं.
हम उस देश के वासी हैं, जिस देश में गंगा बहती है, इतनी पवित्र कि हज़ारों गंदे नाले भी उसमें गिर कर पवित्र हो जाते हैं.
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