जहाँ-जहाँ सम्भव हो, सरकारी तन्त्र के हाथों से शक्ति छीन लेनी चाहिए.....मिसाल के लिए ट्रैफिक चालान बड़ी आसानी से वीडियो रिकॉर्डिंग करवा कर, प्राइवेट मैनेजमेंट से करवाए जा सकते हैं, पुलिस का कोई रोल ही नहीं होना चाहिए इसमें.....चालान के साथ वीडियो CD भी भेजी जानी चाहिए...अगले को केस फाइट करना हो कर ले अन्यथा जुर्माना भरे.....रोजाना लाखों चालान किये जाने चाहियें....अक्ल ठिकाने आ जायेगी लोगों की...और जो पैसा इक्कठा हो उससे ट्रैफिक ट्रेनिंग की CD बनवा कर जिसका चालान हो उसे फ्री दी जाए, ताकि इनको थोड़ी अक्ल आये. ...अक्ल आ जायेगी कि सड़क का प्रयोग कैसे करना है...अक्ल आ जायेगी कि सड़क-सड़क है उनका ड्राइंग रूम नहीं....सडकों पर होने वाले झगड़े-कत्ल घट जायेंगे....एक्सीडेंट घट जायेंगे...सड़क पर मरने वालों की संख्या घट जायेगी....और पुलिस के हाथों एक शक्ति निकल जायेगी....अभी वैसे भी वो ट्रैफिक इसलिए बाधित करती है कि उसे दिहाड़ी बनानी होती है और अगर सच में ही चालान करते भी हैं तो लोग उनसे जिद्द बहस कर रहे होते हैं, कानून झाड़ रहे होते हैं, उनसे अपनी जान-पहचान, रिश्तेदारी निकाल रहे होते हैं, या अपनी पहुँच का इस्तेमाल करने की कोशिश करते हैं.....यह सब एक झटके से खत्म किया जा सकता है... कैसा है आईडिया?
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