Monday, 12 December 2016

सही वक्त है कि संसद-सड़क, मंत्री-संत्री, चौपाल-हाल-बेहाल, सब बहस करें कि सरकार कितना लगान वसूल कर सकती है ज़्यादा से ज़्यादा. क्या इस पर भी कोई सीमा होनी चाहिए कि नहीं?

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