देशद्रोही--- सर जी, सुना है, अमित शाह बीजेपी नेताओं के बैंक अकाउंट चेक करेंगे.
भक्त----- मैं न कहता था शुरू से हमारी पार्टी सबसे ईमानदार है.
देशद्रोही--- लेकिन सर जी, फिर थे शायद आज़ादी से लेकर आज तक का सारा हिसाब राष्ट्र के आगे रख देंगे भाजपा नेताओं का. मल्ल्ब रोडपति से कैसे करोड़पति बने ज़रा ‘आम अमरुद आदमी’ को भी इतना जल्ली अमीर होने का नुस्खा मिल जाएगा. नहीं?
भक्त---- अबे क्या बकैती करता है, वो तो बस नोट-बंदी के दौर की ही चेकिंग होनी है.
देशद्रोही--- हम्म्म्म.......तो सर जी, भाजपा अपनी पार्टी का अकाउंट तो ज़ाहिर कर ही देगी कि उनके पास कितना पैसा आया, किस से आया? खास करके मोदी जी के चुनाव का खर्च किसने वहन किया वो तो पता लगा ही जाएगा. नहीं?
भक्त- अबे, चोप. वो तो बस नोट-बंदी के दौर की ही चेकिंग होनी है.
देशद्रोही--- चलिए सर जी, इतना भर तो बता ही देंगे अमित शाह कि जो 1100 करोड़ रुपये मोदी जी के कार्य-काल में advertisement पर खर्च किये हुए हैं, उनमें से कुछ भी पैसा उनकी पार्टी प्रचार में नहीं गया. नहीं?
भक्त—अबे चोप, देशद्रोही!
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