देशद्रोही—सुना है सर जी आप सुप्रीम कोर्ट से बहुत खुश हैं कि राष्ट्र-गान सिनेमा में फिल्म चलने से पहले अनिवार्य कर दिया है उनने?
भक्त- बिलकुल. बात ही खुशी की है. अपने राष्ट्र की जय का गान है यह.
देशद्रोही- और सुना है सर जी आप पाकिस्तान के ऊपर जो कथित सर्जिकल स्ट्राइक की है उससे भी बहुत खुश हैं. सही है क्या?
भक्त--- पाकिस्तान की ईंट से ईंट बजा देनी चाहिए.
देशद्रोही---- सर जी, जिस राष्ट्र-गान को आप अपने राष्ट्र की जय का गान बता रहे हैं उसी में गाया जाता है,
“जनगणमन-अधिनायक जय हे भारतभाग्यविधाता!
पंजाब ‘सिन्धु’ गुजरात मराठा द्राविड़ उत्कल बंग
विन्ध्य हिमाचल यमुना गंगा उच्छलजलधितरंग
तव शुभ नामे जागे, तव शुभ आशिष मागे,
गाहे तव जयगाथा।
जनगणमंगलदायक जय हे भारतभाग्यविधाता!
जय हे, जय हे, जय हे, जय जय जय जय हे।।”
पंजाब ‘सिन्धु’ गुजरात मराठा द्राविड़ उत्कल बंग
विन्ध्य हिमाचल यमुना गंगा उच्छलजलधितरंग
तव शुभ नामे जागे, तव शुभ आशिष मागे,
गाहे तव जयगाथा।
जनगणमंगलदायक जय हे भारतभाग्यविधाता!
जय हे, जय हे, जय हे, जय जय जय जय हे।।”
सर जी, इस गान में तो “सिन्धु” भी और सिन्धु प्रदेश तो अब पाकिस्तान में है तो निश्चित ही हमारा राष्ट्र गान सही नहीं है और जब सही नहीं तो फिर आपकी खुशी भी सही नहीं. नहीं?
भक्त—अबे चोप्प! देशद्रोही!!
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