Saturday, 31 December 2016

दिल्ली में हूँ, जिस किसी को भी भारत के भविष्य की चिंता हो, मुझ से मिल सकते हैं, पैसे की दरकार है, ताकि भारत को एक वैज्ञानिकता दी जा सके, राजनितिक और सामाजिक, हर लिहाज़ से. है कोई माई का लाल तैयार. पूरा ब्लू-प्रिंट मिलेगा, खाली बकवास नहीं. वरना हम आलोचना तो करते रह सकते हैं, चाहे मोदी की हो चाहे किसी और की, लेकिन इनके हटने से जो vaccum पैदा होगा उसकी भरपाई किसी बेहतर इंतेज़ाम से नहीं कर पायेंगे. और वो बेहतर इंतेज़ाम मौजूद है, तुषार कॉस्मिक. डंके की चोट पर.

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