फैसले

पीछे झांको तो अपने कई फैसले गलत लगते हैं. गलत इसलिए लगते हैं कि हमने उन्हें सही साबित करने के लिए उत्ती जद्दो-ज़हद नहीं की जितनी ज़रूरत थी. न हमारी उन फैसलों के प्रति ख़ास कमिटमेंट थी. न हमने ढंग से बुद्धि लगाई.

फैसले फैसले होते हैं. सही लगने वाले फैसले भी गलत साबित हो जायेंगे, अगर प्रयास सही न किये गए हों तो. और गलत लगने वाले फैसले भी सही हो सकते हैं बशर्ते कि हम उन्हें सही करने के लिए अड़े रहें.

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