तुम आज़ाद हो?
तुम को लगता है, तुम आज़ाद हो. खुश-फहमी है.
यदि तुम मुस्लिम मुल्क हो तो तो तुम, अल्लाह, कुरान और मोहम्मद के खिलाफ बोल नहीं सकते, ईश-निंदा का कानून है, मार दिए जाओगे. तुम इस्लाम छोड़ तक नहीं सकते, मार दिए जा सकते हो. यदि लड़की हो तो, गैर-मुस्लिम से शादी तक की आज़ादी नहीं है. तुम आज़ाद हो?
तुम भारत जैसे मुल्क में अदालत के खिलाफ़ नहीं बोल सकते. अदालत चाहे कितने ही बकवास फैसले देती रहे. चाहे खुद के किये फैसले बदलती रहे. लेकिन तुम अदालत के खिलाफ बोले तो सजा हो सकती है, Contempt of Court का मामला बन जायेगा. और तुम आजाद हो?
तुम कोरोना, जो कि नकली बीमारी है, विश्व-व्यापी फ्रॉड है, इस के खिलाफ बोलोगे, लिखोगे तो तुम्हारे सोशल मीडिया अकाउंट बंद किये जा सकते हैं, तुम्हें अरेस्ट किया जा सकता है, तुम आज़ाद हो?
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