Sportsmanship
मुझे लगता था कि बस खेल खेलो. मस्ती में. काहे किसी से मुकाबला करना? मुकाबले में पड़ना ही क्यों? 
यदि मुकाबले में पड़ गए तो खेल की मस्ती जाती रहेगी. मुकाबला जीतने के तनाव से भर देगा. 
लेकिन मुझे लगता है कि यह सोच जीवन का मुकाबला करने से ही दूर ले जा सकती है.सो मुकाबला करना सीखना चाहिए. हार से क्या डरना? हार-जीत तो होती ही रहनी है. यदि कोई हम से जीत भी जाता है तो उस का बस इतना ही मतलब है कि उस समय, उस ख़ास विधा में वो व्यक्ति हम से बेहतर है. लेकिन कुदरत के लिए हम सब उस की बेहतरीन कृतियाँ हैं. नायाब. सो  हार से हारना थोडा न है. हार भी अपने आप में जीत है. मुकाबला करते रहना चाहिए. ~ तुषार कॉस्मिक
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