कमाई से सिर्फ कमाई साबित होती है, न कि किसी फिल्म का बढ़िया-घटिया होना

वैसे तो बॉलीवुड अपने आप में एक चुतियापा है, जहाँ कभी-कभार ही कोई ढंग की फिल्म निकलती है लेकिन आज कल एक अलग ही चुटिया राग गाया जा रहा है, "यह फिल्म सौ करोड़ के क्लब में शामिल हो गयी, यह फिल्म दो सौ करोड़ रुपये की कमाई कर चुकी, यह अब दो सौ करोड़ के क्लब में शामिल हो गयी." 

क्या है ये बे?

फिल्म को इस तरह से नापा जाता है क्या?

बहुत सी महान फिल्में अपने समय में पिट गईं, बहुत सी महान क़िताब लोगों ने पढ़ी ही नहीं, फिर बाद में सदियों बाद समझ आया कि उस किताब में, उस फिल्म में क्या महान था. कमाई से सिर्फ कमाई साबित होती है, न कि किसी फिल्म का बढ़िया-घटिया होना. आई समझ में? ~ तुषार कॉस्मिक

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