Saturday, 23 April 2022

अजब-गजब बाबा


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"राधा स्वामी-पव्वा सवेरे और अद्धा शामी." खैर, यह तो मजाक में कहा जाता है लेकिन इस डेरे ने दिल्ली में छतरपुर में सैंकड़ों एकड़ ज़मीन हथिया रखी थी, जिसे कोर्ट आर्डर से खाली करवाया गया. क्या कोई प्रॉपर्टी डीलर मुकाबला करेगा इन का?

इसी लेख का वीडियो है, देख लीजिये

आसा राम जी और उन के सपूत पर  बलात्कार के आरोप लगे, साबित भी हुए, दोनों अंदर हैं. आसा राम तो अब शायद कभी बाहर आ भी न पाएं लेकिन भक्त-जन आज भी उन के हँसते हुए चेहरे के कैलेंडर घर में लगाये हैं और श्रधा से सर झुकाए हैं. गुरु चाहे गोबर हो जाये, चेला तो शक्कर बना ही रहेगा. 

बाबा राम देव. यह जनाब जब मोदी सरकार नहीं बनी थी तो कह रहे थे कि एक बार मोदी जी आ जाएँ तो पेट्रोल शायद पानी जितना सस्ता हो गया. और अब धमका रहे हैं, "हाँ, कहा था ऐसा. अब नहीं हुआ सस्ता पेट्रोल तो क्या पूछ पाड़ेगा?" इन का समाज विज्ञान इतना गहन है कि बड़े नोट बंद करने से ही भ्रष्टाचार खत्म कर देगा. वाह!

पंजाब में एक बाबा थे आशुतोष जी महाराज. यह सिधार गए हैं. कहाँ? नरक या स्वर्ग पता नहीं . लेकिन इन के शिष्य तो यह भी स्वीकार करने को तैयार नहीं कि मर चुके. शिष्यों ने इन की बॉडी डीप फ्रीज़र में रख रखी है. बाबा की आत्मा भ्रमण कर रही है, वापिस लौटेगी. "मेरे करण-अर्जुन आयेंगे........."

एक थे बाबा राम रहीम सिंह जी इंसान. खिलाड़ी, गायक, एक्टर, डायरेक्टर, फिल्म निर्माता.भक्तों  के पिता जी थे. हालांकि पिता जी पर भक्तों की बेटियों के बलात्कार का आरोप था. साबित भी हुआ और पिता जी जेल भी चले गए लेकिन भक्तों के लिए आज भी ये पिता जी हैं......  

एक थे हरियाणा के संत राम पाल. ये कबीर वाणी  की व्याख्या करते करते खुद ही दिव्य हो गए. शायद पढ़ा था कहीं कि जिस द्रव्य से ये नहाते थे लोग उसे पीते थे. खैर जेल यात्रा इन को भी मिली.आसानी से तो पकड़ में भी नहीं आये थे. फोर्सेज के साथ बहुत धक्का-मुक्का ही थी. 

एक और स्वामी थे नित्यानंद. इन पर भी क्रिमिनल  आरोप लगे. लेकिन ये होशियार-चंद निकले. ये आसाराम और राम पाल जैसों का हश्र देख चुके थे सो मुल्क छोड़ भाग गए. सुना है कोई ISLAND खरीद कर एक नया मुल्क ही बना लिया है इन ने. कैलासा. वैरी गुड.

अभी-अभी के खबर है कि दिल्ली रोहिणी में कोई "अध्यात्मिक विश्वविद्यालय" था. इस में सैंकड़ों औरतों को जानवरों के स्तर पर रखा गया था. अंदर सूरज की रौशनी एक किरण तक नहीं पहुँचती थी. 
अध्यात्मिक विश्वविद्यालय! 

ये आप को चंद बड़ी सूचनाएं दीं हैं, बाकी छोटी-मोटी खबरें रोज़ आती ही रहती हैं,  बाबा बलात्कारी निकला, बाबा चोर निकला, बाबा फ्रॉड निकला...आदि आदि.......

असल में इन बाबा लोगों में कोई कमाल नहीं है. कमाल तो जनता की मूर्खता है. इस का कोई अंत नहीं है. 
हरि नाम अनंता हरि कथा अनन्ता....

एक थे निर्मल बाबा. "थे" कहना ठीक नहीं है, वो अभी भी "हैं". ये तो सब अटकी हुई "कृपा" गोलगप्पों की चटनी और गुलाब जामुन खाने से ही बरसा देते थे.

अभी इस सूची में ३ और लोग जोड़ने रह गए हैं.

आप ने विडियो देखे होंगे, जिस में एक ईसाई Priest जरा सा सर पे छूता है किसी शख्श के और वो शख्स एक दम कूदता-फांदता है, उस में अजीब शक्ति का प्रसार हो जाता है. अब यह सब नौटंकी है. घटिया. उथली. किसी भी तरह से दुसरे धर्मों के लोगों को अपने खेमे में खींच लाने का टुच्चा प्रयास. 

दूसरा, इस लिस्ट में ज़ाकिर नायक को जोड़ना है. इसे मैं ज़ाकिर ना-लायक कहता हूँ. यह बन्दा मुल्ला दाढ़ी में, कोट पेंट पहन कर सब धर्म ग्रन्थों का रिफरेन्स गति से फेंकता था. हजारों की संख्या में लोग मौजूद. मन्तव्य वही. किसी भी तरह से बाकी धर्मों के लोगों को इस्लाम में खींच लाना. इस बंदे के पास एक ही हथियार था, वो था धर्म ग्रन्थों का उल्लेखन, रिफरेन्स देना. सुनने वाले चमत्कृत. कहाँ क्या लिखा है, इसे याद रख लेने में क्या? असल बात है, आप इस दुनिया को नया क्या देते हो, क्या ज्ञान-विज्ञान छोड़ के जाते हो पीछे. आप के जीवन में, कथन में क्या कलात्मकता है, क्या वैज्ञानिकता है. और जब ज़ाकिर नायक जैसों की हर बात कुरान से शुरू और कुरान पे ही खत्म होती है इन से ज्ञान, विज्ञान, कला की क्या अपेक्षा करें.     

अंत में भिंडरावाला. इस व्यक्ति पर मैंने अलग से लेख लिखा है, जिस पर फेसबुक पर बहुत घमासान हुआ भी है. इसे आज भी बहुत से सिख अपना हीरो मानते हैं. इस की तस्वीर अपनी कारों पर चिपकाते हैं. इस की छपी तस्वीर वाली टी-शर्ट पहनते हैं. जिन दिनों पंजाब में आतंकवाद चल रहा था, मैं बठिंडा में ही था. पढ़ रहा था. अस्सी के बाद से ही हिन्दुओं के कत्ल शुरू हो गए थे. बसों से उतर कर, कतार में खड़े कर के गोलियों से भून दिया जाता था. ऐसा रोज़ ही होता था. 10/20/30 हिन्दू रोज़ मारे जाते थे. और यह महान काम करते थे सिक्ख आतंकवादी. जिन को खाड़कू कहा जाता था. भिंडरावाला इन सब का हीरो बन चुका था. संत भिंडरावाला. यदि वो संत था तो संत की परिभाषा फिर से गढ़नी होगी.  

Albert Einstein once said, “Two things are infinite: the universe and human stupidity.” 

मुझ से अक्सर दोस्त लोग कहते हैं, "इत्ता अच्छा बोल लेते हो, लिख लेते हो, सोच लेते हो, क्या फायदा? बाबा बन जाओ." लेकिन मैं मूर्ख हूँ. मुझे दुनिया को मूर्ख नहीं बनाना बल्कि मूर्ख बनने से बचाना है जो कि ज़्यादा मुश्किल काम है. लेकिन मैंने मुश्किल काम ही चुना है. 

नमन.
तुषार कॉस्मिक  

3 comments:

  1. Dear Tushar Bhai,


    I am Gopal Krishna, an IIT Kanpur, UIUC (USA) and Microsoft alumnus. Recently I have developed a new technique - Praise and Watch (PW) technique - to calm the mind. It is proving to be very effective. Please experiment with this technique as suggested in description below and feel free to revert back to me on this as soon as possible for the sake of healing the human beings at the earliest through this technique. Please use Praise and Watch (PW) technique to create a great world where everyone lives in peace and joy all the time in life.


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    "Praise and Watch (PW)" technique (developed on 21st April 2022 by Gopal Krishna, an IIT Kanpur alumnus, after 24 years of research and experimentation with all kinds of existing and self-developed meditation techniques from 1998 onward) is completely soothing and effective in calming any thought as compared to other meditation techniques and can be done anytime.

    In Praise and Watch (PW) technique, whenever any unwanted thought comes in the mind, just praise the unwanted thought by saying once, twice or thrice (twice or thrice needed when the same unwanted thought keeps coming again and again to the mind) "very good thought"/"awesome thought"/"great thought"/etc. and then watch it as if you are watching a video or an object. The unwanted thought then gets removed from the mind after doing so and one experiences the peace of silence/thoughtless awareness thereupon one can continue being in this state of silence/thoughtless awareness as long as it remains (in case one is doing it as thoughtless awareness meditation or wants to just relax) or focus on doing the work one is doing.

    Praise and Watch (PW) technique uses fundamental psychological insight that praising any unwanted thought (ultimate positivity towards it) makes it lose its power over our mind while condemning any unwanted thought (negativity towards it) makes it even more powerful or trying to be neutral/non-judgmental towards it (as taught in Vipassana or Witnessing technique) does not work either in stressful situations (when unfortunately the technique is the most needed) for most people because human mind is extremely habituated by birth to feeling positive or negative rather than neutral/non-judgmental towards thoughts and experiences represented by them.

    Do Praise and Watch (PW) technique whenever you need to remove any unwanted thought from the mind. Also do it for 15+ min daily (more like 30 min or 1-2 hours daily if you are stressed or just enjoys it as meditation or are pursuing spiritual enlightenment) in sitting position with closed eyes as thoughtless awareness meditation and while lying on the bed for sleep to get sound sleep. One can do Praise and Watch (PW) technique as a sitting meditation on a chair or in sitting posture with spine erect and vertical and eyes closed to have maximum benefits.

    Please share Praise and Watch (PW) technique with at least 10 people personally and on all your social media profiles, pages and groups so that together we completely eliminate all negativities like murder, rape, bullying, suicide, stress, etc. from the world at the earliest. You may like my facebook page: facebook.com/gopalonsarvodayamission to stay updated on this Mission of creating a blissful world for everyone for ever on our beautiful planet Earth.

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    Awaiting your kind response at the earliest,
    Best regards,
    Gopal

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