सबसे मुश्किल भरा होता है खुद को नादान से चौकस बनाना. आप होते नहीं और ना ऐसा करने की ज़रूरत ही समझते हैं लेकिन अचानक आपको लगता है कि अब तक आप जैसे बेफिक्र चले जा रहे थे वो गलत था. फिर आप रोज़ खुद को थोड़ा-थोड़ा बदलते हैं. चोटों और नाकामयाबी से बचने के लिए ऐसा करना ज़रूरी हो जाता है मगर कुछ साल बाद आप खुद को आइने के सामने पाते हैं. शक्ल पहचान पाना मुश्किल हो जाता है. आइने में दिख रहा चेहरा उस इंसान जैसा लगता है जिससे आप कुछ वक्त पहले इसलिए नफरत करते थे क्योंकि वो बहुत चालाक था - copied
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