Sunday 10 April 2022

इस्लाम से कुछ सवाल

इस्लाम में मूर्तिपूजा मना है. मुस्लिम मूर्तिपूजकों बड़ी ही हेय दृष्टि से देखते हैं. मूर्तिभंजक भी हैं मुस्लिम.अभी पीछे अफगानिस्तान के बामियान में बुद्ध की ये बड़ी मूर्तियाँ डायनामाइट लगा के तोड़ दी. 

इस्लाम के मुताबिक अल्लाह बिना आकार का है. निराकार. मूर्ती तो इन्सान खुद ही बनाता है. मूर्ती भगवान कैसे हो सकती है?

गुड.

मैं मुस्लिम से कुछ सवाल पूछता हूँ.

आप को कैसे पता कि अल्लाह निराकार है?

आप को कैसे पता कि आप की नमाज़, आप की प्रार्थना से अल्लाह को कोई मतलब है?

आप को कैसे पता कि अल्लाह है भी कि नहीं?

आप  को कैसे पता कि मोहम्मद अल्लाह के आखिरी नबी (मैसेंजर) हैं?

आप को कैसे पता कि मोहम्मद अल्लाह के मैसेंजर हैं भी?

सबूत दीजिये?

कोई ऑडियो, कोई वीडियो या कोई और सबूत दीजिये. सबूत जैसा सबूत. तर्क मत दीजिये. यह मत कहिये कि कायनात को बनाने, वाला चलाने वाला कोई तो है और वो अल्लाह है. इस तरह के तर्क आगे तर्कों की लड़ी लगा देते हैं, झड़ी लगा देते हैं.

यदि कायनात को चलाने वाला, बनाने वाला कोई तो होना ही चाहिए तो फिर अल्लाह को भी बनाने वाला, चलाने वाला भी कोई और होना चाहिए. फिर अल्लाह पर ही काहे रुके हो? और आगे क्यों नहीं सोचते? कायनात स्वयम्भु (शम्भू) क्यों नहीं हो सकती?

ये कुछ बेसिक सवाल हैं मेरे इस्लाम से. वैसे ये सवाल बाकी धर्मों से भी हैं.  

तुषार कॉस्मिक

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