Posts

Showing posts with the label दिवाली

दिवाली शुभ हो! लेकिन कैसे?

PLg3komPW3XV6PrOFgp-eYME7iPpI87C2H  

हमारी दिवाली-हमारे पटाखे

बड़ा दुखित हैं मेरे हिन्दू वीर. कोर्ट ने पटाखों पर बैन लगा दिया दिवाली पर. धर्म खतरे में आ गया. धर्मों रक्षति रक्षतः. व्हाट्स-एप्प और फेसबुक का जम कर प्रयोग हो रहा है, हिन्दुओं को जगाने में. मैंने सुना था कि लोगों ने ख़ुशी से घी के दीपक जलाए थे राम जी वापिस आये थे तो. दीपावली शब्द का अर्थ ही है दीपों की कतार. लेकिन पटाखे भी चलाये थे, यह तो मैंने नहीं सुना. शायद आविष्कृत भी नहीं हुए थे. चीन ने आतिश-बाज़ी का आविष्कार किया था शायद. नहीं, लेकिन यह कैसे हो सकता है? हम तो पुष्पक विमान, एटम बम तक खोज चुके थे. निश्चित ही आतिश-बाज़ी भी हमारी खोज है. पटाखे निश्चित ही हम ने चलाए थे, जब राम जी लौटे थे तो. लेकिन वाल्मीकि रामायण तो कहती है कि राम के आगमन पर सारा ताम-झाम भरत की आज्ञा से शत्रुघ्न ने करवाया था, लेकिन उसमें पटाखों का तो कोई ज़िक्र नहीं है. रास्तों के खड्डे भरे गए थे, उन पर पानी छिड़का गया था, फूल बिखेरे गए थे. घरों पर झंडे लगाए गए थे और स्वागत में गण्य-मान्य लोगों के साथ गणिकाएं (वेश्याएँ) तक खड़ी की गयीं थी राम के स्वागत में. सो यह बकवास भूल जायें कि लोग राम के आगमन पर खुश थे और स्वय...