Friday, 3 July 2015

"आओ प्यारे सर टकरायें"

1) हलवाई यदि सिर्फ हलवा ही नहीं बनाता तो उसे हलवाई कहना कहाँ तक उचित है ...?

2) कोई ग्लास पीतल या स्टील का कैसे हो सकता है जब ग्लास का मतलब ही कांच होता है?

3) स्याही को तो स्याह (काली) ही होना था, फिर नीली स्याही, लाल स्याही क्योंकर हुयी?

4) सब गंदगी पानी से साफ़ करते हैं, लेकिन जब पानी ही गन्दा कर देंगे तो किस को किस से साफ़ करेंगे?

5) जल जब जल ही नहीं सकता तो इसे जल कहना कहाँ तक ठीक है?

6) जब कोई मुझे कहता है ,"आ जा "तो मुझे कभी समझ नहीं आता कि वो मुझे आने को कह रहा है, या जाने को या आकर जाने को, क्या ख्याल है आपका?

7) जित्ती भी आये, लगता है कम आई...तभी तो कहते हैं इसे कमाई....मुझे नहीं अम्बानी से पूछ लो भाई.... क्या ख्याल है आपका?

8) जब हम राजतन्त्र से प्रजातंत्र में तब्दील हो गए हैं तो क्या राजस्थान का नाम प्रजास्थान न कर देना चाहिए. नहीं?

9) वेस्ट बंगाल भारत के ईस्ट में है , फिर भी इसे वेस्ट बंगाल क्यों कहते हैं..?

10) गुजरात में शायद सिर्फ गूजर तो नहीं रहते अब फिर भी इसे गुजरात क्यों कहते हैं?

11) छोटे डब्बे में बड़ा डिब्बा तो नहीं समाता, फिर राष्ट्र में महाराष्ट्र कैसे है?

12) सिंध तो भारत में नहीं है अब, फिर भी वो जो राष्ट्र गान है न,,,,,,,,उसमें पंजाब, सिंध, गुजरात, मराठा ...ऐसा कुछ क्यों कहते हैं?

13) आम तो एक ख़ास फ़ल है फिर भी इसे आम क्यों कहते हैं?

14) If the right is right, then is the left wrong?

शेयर करना जायज़ है, चुराना नाजायज़ है, नमन

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