Friday, 3 July 2015

सरकारी नौकर-2

सरकारी अमला सर्विस के मामले में पीछे है...क्योंकि सरकारी है...सरक सरक कर चलता है....सरकारी अमला बकवास है.....रिश्वतखोर है, हराम खोर है... बिलकुल व्यवस्था की कहानी है बस......यदि कर्मचारी पक्का होगा.....साल में आधे दिन छुटी पायेगा और सैलरी मोटी पायेगा तो यही सब होगा, जो हर सरकारी उपक्रम में होता है, बेडा गर्क यूनियन कुछ नहीं कर सकती....आप आज कानून बदल दो.....उससे आधी सैलरी पर उससे बेहतर कर्मचारी मिल जायेंगे...वो भी तुरत

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