Friday, 3 July 2015

!!!!!!!तेज़ाब हमला-!!!!!!!!!


जिस तरह गन और गोली का पूरा हिसाब किताब बेचने और खरीदने वाले को रखना होता है, ठीक वैसे ही तेज़ाब के लिए सख्त कानून बनने चाहिए........किस ने कहाँ से कितना लिया, किस मकसद से लिया, किसको बेचा.......सबके identity कार्ड भी सरकार को रखने चाहिए......फ़ोन नंबर एड्रेस..........दो गवाह......और प्राइवेट बिक्री ही बंद कर देनी चाहिए........तेज़ाब को दुर्लभ बना देने से कुछ हद तक मामला हल हो सकता है....

वैसे भीतरी मुद्दा तो दबा सेक्स है...एक मुल्क जहाँ सेक्स किसी दूसरे ग्रह की चीज़ जितना मुश्किल मामला बना दिया जाएगा, वहां इस तरह के अपराध सामने आते रहेंगे........सड़ांध है यह हमारे तथा कथित समाजिक सिस्टम की...........

सेक्स वर्कर को लाइसेंस नहीं देंगे........सेक्स का सामना ही नहीं करेंगे......जैसे गुनाह हो.....पाप हो.....वैसे कुछ समय पहले तक तो सेक्स की बात ही गंदी बात होती थी.....वैसे अभी भी है.....हमारी सब गालियाँ सेक्स से जुड़ी हैं.....हमने सेक्स को ही गाली बना दिया है....

ऐसे समाज में, जो शुतुरमुर्ग का रवैया अपनाएगा मानव की सबसे बड़ी शक्ति, सबसे बड़े आकर्षण और सबसे बड़े आनंद के प्रति.....जो इसे ज़हरीला कर देगा......तेज़ाबी कर देगा......वहां तेज़ाबी हमले न होंगे तो और क्या होगा?

No comments:

Post a Comment