!!!!!निंदक नियरे राखिये, आंगन कुटी छवाए----बकवास!!!!!!

निंदक सिर्फ निंदा ही करता रहेगा, जोंक की तरह व्यक्ति के उत्साह को चूस जाएगा, ऐसे व्यक्ति को ब्लाक कर देना चाहिए..चाहे फेसबुक हो चाहे जीवन

हाँ, आलोचक का स्वागत होना चाहिए, आलोचक, जिसके पास लोचन, यानि बुद्धि की आँखें हैं...जो अच्छा बुरा देख समझ सकता है .....और जो अच्छे पर उत्साह बढाता भी है, ताली भी बजाता है और गलत दिखने पर गलती भी समझाता है...

इसे समझने के लिए आसान मिसाल हाज़िर है, क्या आप हमेशा अपनी माँ, या बीवी के हाथ के बने खाने में कमियां ही निकालते हैं या अच्छा बना हो तो प्रशंसा भी करते हैं?

उम्मीद है समझ गए होंगे, इससे आसान मिसाल अभी तो मुझे नहीं मिल रही

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