आप घी के कनस्तर जमा कर लीजिये......यह काला बाज़ारी है चूँकि आप तो खा नही सकेंगे यह सब, लेकिन दूसरे लोग जो लोग खा सकते हैं , उनको मरहूम कर देंगे इनको खाने से
आप गेहूं के बोरे जमा कर लीजिये ..........यह काला बाज़ारी है कि आप तो खा नही सकेंगे यह सब, लेकिन दूसरे लोग जो लोग खा सकते हैं , उनको मरहूम कर देंगे इनको खाने से
आप मकान जमा कर लीजिये..........यह काला बाज़ारी नही है, नहीं, कतई नहीं, यह तो है "निवेश, इन्वेस्टमेंट", साफ़ सुथरा काम.....वैसे आप इन सब मकानों में भी कभी नही रह सकते, हाँ, लेकिन दूसरे लोग जो रह सकते हैं , उनको मरहूम कर देंगे इनमें रहने से
बेशक इस मुल्क...में अमीर भी हैं और गरीब भी हैं.........लेकिन देखना यह चाहिए कि आपके कितने लोग हैं जो गरीब हैं और गरीब भी हैं तो किस तरह के गरीब हैं........और देखना यह चाहिए कि आप किस तरह से उन गरीब लोगों को, उन अनपढ़, उन बेचारे लोगों के जीवन स्तर ऊपर उठा सकते हैं.....
कोई गरीब है ,,,कोई अमीर है...कुदरत कोई बच्चा गरीब अमीर पैदा नहीं करती....हम तय करते हैं कि नहीं, यह बच्चा गरीब है, यह अमीर है......क्या कसूर किसी बच्चे का कि वो गरीब की तरह जीए......?
प्राथमिकताएं क्या होनी चाहिए?.......यह कि आप सब जगह माल बना दो, सब जगह फाइव स्टार होटल बना दो, सब जगह फाइव स्टार जैसी ट्रेन दे दो..........और दूसरी तरफ आपकी आबादी का एक बड़ा तबका कीड़ों जैसी ज़िंदगी रेंग रेंग कर जीता रहे
पब्लिक कम्पनी पब्लिक की हो जानी चाहिए
बन्दा मर गया
कहानी खत्म
उसकी अगली पीढी क्योंकर मालिक?
एक पब्लिक कम्पनी मालिक मरने के बाद , उसका बेटा पोता ही कम्पनी चलाए.....यह काहे की पब्लिक कम्पनी?
वो कोई भी होना चाहिए ..जो भी काबिल हो
थोड़े समझदार लोग जानते हैं कि
यह बहु राष्ट्रीय कंपनीयां क्या चीज़ हैं
सब चोर हैं
व्यापार के नाम पर बड़ी चोरी
आम लोगों को बना रहे हैं बस उल्लू
अमेरिका में रोज़ बड़ी कंपनी पकड़ी जाती है चोरी करते
The Govt should impose "Sex tax" also, why, because it needs money for development....................No?
आप गेहूं के बोरे जमा कर लीजिये ..........यह काला बाज़ारी है कि आप तो खा नही सकेंगे यह सब, लेकिन दूसरे लोग जो लोग खा सकते हैं , उनको मरहूम कर देंगे इनको खाने से
आप मकान जमा कर लीजिये..........यह काला बाज़ारी नही है, नहीं, कतई नहीं, यह तो है "निवेश, इन्वेस्टमेंट", साफ़ सुथरा काम.....वैसे आप इन सब मकानों में भी कभी नही रह सकते, हाँ, लेकिन दूसरे लोग जो रह सकते हैं , उनको मरहूम कर देंगे इनमें रहने से
बेशक इस मुल्क...में अमीर भी हैं और गरीब भी हैं.........लेकिन देखना यह चाहिए कि आपके कितने लोग हैं जो गरीब हैं और गरीब भी हैं तो किस तरह के गरीब हैं........और देखना यह चाहिए कि आप किस तरह से उन गरीब लोगों को, उन अनपढ़, उन बेचारे लोगों के जीवन स्तर ऊपर उठा सकते हैं.....
कोई गरीब है ,,,कोई अमीर है...कुदरत कोई बच्चा गरीब अमीर पैदा नहीं करती....हम तय करते हैं कि नहीं, यह बच्चा गरीब है, यह अमीर है......क्या कसूर किसी बच्चे का कि वो गरीब की तरह जीए......?
प्राथमिकताएं क्या होनी चाहिए?.......यह कि आप सब जगह माल बना दो, सब जगह फाइव स्टार होटल बना दो, सब जगह फाइव स्टार जैसी ट्रेन दे दो..........और दूसरी तरफ आपकी आबादी का एक बड़ा तबका कीड़ों जैसी ज़िंदगी रेंग रेंग कर जीता रहे
पब्लिक कम्पनी पब्लिक की हो जानी चाहिए
बन्दा मर गया
कहानी खत्म
उसकी अगली पीढी क्योंकर मालिक?
एक पब्लिक कम्पनी मालिक मरने के बाद , उसका बेटा पोता ही कम्पनी चलाए.....यह काहे की पब्लिक कम्पनी?
वो कोई भी होना चाहिए ..जो भी काबिल हो
थोड़े समझदार लोग जानते हैं कि
यह बहु राष्ट्रीय कंपनीयां क्या चीज़ हैं
सब चोर हैं
व्यापार के नाम पर बड़ी चोरी
आम लोगों को बना रहे हैं बस उल्लू
अमेरिका में रोज़ बड़ी कंपनी पकड़ी जाती है चोरी करते
The Govt should impose "Sex tax" also, why, because it needs money for development....................No?
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