1) तुम इडियट हो क्या, जिसे कूड़े की टोकरी में फेंकना चाहिए उसे सम्मान देते हो, औरंगजेब जो एक कातिल था, उसके नाम पर दिल्ली में सड़क का नाम रखा है......ठीक है यदि यही बात है तो फिर गुरु गोविन्द और शिवाजी को ही विलन घोषित कर दो न....शाबासी मिलेगी....सरदार खुस होगा....
इडियट!!!
2) तुम इडियट हो क्या, उस द्रोणाचार्य को सम्मान देते हो जो सिर्फ राजकुमारों का शिक्षक था, जिसे आम जनता के होनहारों को शिक्षा देना स्वीकार ही नहीं था, स्वीकार छोड़ो जो आम आदमी को शिक्षा से शक्तिशाली होना ही स्वीकार न था......उसे सम्मान देते हो ?
द्रोण गुरु नहीं, गुरु घंटाल था.....कल्पना करें...बाबा नानक से.......
बाबा नानक शाह फ़कीर......
हिन्दू का गुर........मुस्लिम का पीर....
यह होतें हैं असली गुरु ...न कि द्रोण जैसे खोते ...खोटे...जो बिना कुछ शिक्षा दिए ही गुरु दक्षिणा मांग लें और वो भी कैसी...लानत!
इडियट!!!
3) तुम इडियट हो क्या, जिसे कूड़े की टोकरी में फेंकना चाहिए उसे सम्मान देते हो, मंगोल जो कातिल थे, लुटेरे थे, हम पर हमलावर थे, उनके नाम पर दिल्ली की एक बड़ी कॉलोनी का नाम "मंगोल पुरी" धर रखा है?
ठीक है यदि यही बात है तो फिर गुरु गोविन्द और शिवाजी को ही विलन घोषित कर दो न....शाबासी मिलेगी....सरदार खुस होगा....
इडियट!!!
4) तुम इडियट हो क्या जो भिंडरावाला, खालिस्तान के नाम पर निर्दोष हिदुओं और सिखों के क़त्ल में शामिल था, उसे आदर्श मान रखा है, उसे गुरु गोबिंद के समकक्ष रखा है, कब किसी निर्दोष की हत्या में कोई गुरु शामिल थे, बताना तो ज़रा?
इडियट!!!!
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