मुसलमान जब काफिर को मारते हैं तो यह इन का दीन है, लेकिन जब काफिर उन को मारता है तो यह अत्याचार है. घोर अत्याचार. यही अत्याचार है, जो इन को जिहाद के पथ पर आगे, और आगे बढ़ने की प्रेरणा देता है.
Thoughts, not bound by state or country, not bound by any religious or social conditioning. Logical. Rational. Scientific. Cosmic. Cosmic Thoughts. All Fire, not ashes. Take care, may cause smashes.
Saturday, 16 October 2021
महान भारतीय !
1) भारतीय विश्व-गुरु का जीवन बस अपनी शादी और फिर अपने बच्चों की शादी में ही उलझा रहता है. इन चूतियों से बात कर के देखो. इन को दुनिया के हर विषय के बारे में सब पता होता है. न भी पता हो, लेकिन ये ही दर्शाएंगे कि इन को सब पता है. असल में इन को घण्टा कुछ पता नहीं होता. न इन्होंने कोई ज्ञान विज्ञान पैदा किया न करेंगे. ये तो विज्ञान-प्रदत्त सुविधा खरीदने-भोगने को ही बुध्दि का प्रमाण मानते हैं. धरती के बोझ.
2) भारतीय बुद्धू से बात करो.
ये ऋषियों मुनियों की संतान हैं. परम-पावन-भूमि भारत माता की संतान. सन्तों-सिद्धों-बुद्धों की भूमि भारत-माता की सन्तान. कला, दर्शन-शास्त्र, ज्ञान-विज्ञान की भूमि भारत माता की सन्तान. अध्यात्मवादी. इन को भौतिकवाद से, पदार्थवाद
से क्या मतलब?
ये गुरु हैं. विश्व गुरु. गुरु घण्टाल.
अब इन के जीवन देखो. सिवा सेक्स की भुखमरी के कुछ नज़र नहीं आएगा. इन का गीत, संगीत, फिल्में, कहानियां, प्रेम, नफरत, सब सेक्स के गिर्द घूमता है. चूतिये.
3) भारतीय अपने मुल्क को बहुत प्रेम करते हैं. क्यों न करेंगे? महान भारत भूमि. महान भारतीय!
चूतिये!~
असल में जिन को भी ज़रा सी सुविधा मिली, उन्होंने अपने बच्चे यूरोप, अमेरिका, कनाडा, ऑस्ट्रलिया जैसे मुल्कों में फिट कर दिए हैं. बाकी ऐसा करने की फ़िराक में हैं. अधिकाँशत:.
आज भारतवासियों को मौका दे दो गोरों के मुल्कों में बसने का, लगभग पूरा भारत खाली हो जाएगा. यहाँ बैठे बकचोदी जितनी मर्ज़ी करवा लो.
ओवर- स्मार्ट इडियट्स.
4) भारतीय पैसे के लेन-देन में एक दम खरे हैं. खरे बेईमान. प्रॉपर्टी डीलर हूँ. तमाम सर्विस देने के बाद भी बहुत कम लोग ही खुशी से तयशुदा पैसे देते हैं. कोई लटका देता है ताकि भूल-चूक हो जाये और पैसे बच जाएं, कोई रोने-पीटने लग जाता है, कोई ज़बरदस्त बहस करता है, कोई लड़ने लगता है और हाथापाई पे उतर आता है. हर सम्भव प्रयास किया जाता है कि पैसे या तो देने न पड़ें या कम से कम देने पड़ें. यकीन जानिए जूता, लट्ठ निकालने पड़ते हैं, तब जा कर लोग पैसे देते हैं. यह है महान भारतीय संस्कृति. यकीन न हो तो बाज़ार में कोई माल उधार फ़ेंक कर देख लीजिए, मूलधन वसूलना मुश्किल हो जाएगा. जो लोग भारत के महान होने के गीत गाते हैं, इन्हें बताना चाहता हूँ कि सभ्यता-संस्कृति किताबों में नही, गलियों और सड़कों पे मिलती है.
5) भारतीयों के कपड़े अलग-अलग होते हैं. अमूमन रोज़मर्रा के कपड़े सब से निचले दर्ज़े के.घिसे, बदरंग, पुराने. बाहर-अंदर आने-जाने वाले कपड़े काफी-कुछ बेहतर होते हैं. ये अक्सर अलमारी की शोभा ही बढ़ाते रहते हैं. अब बारी आती है शादी-ब्याह में पहने जाने वाले कपड़ों की. शादी-ब्याह में औरतें बहुत भारी काम वाले कपड़े पहनती हैं. ज़ेवर-कपड़े दिखने चाहियें चाहे ठंड से तबियत ही ख़राब हो जाये. आदमी लोग गर्मी में भी 3-piece सूट पहने होते हैं. Tie-Bow लगाते हैं. हहहहह..मेरे पास बस एक ही तरह के कपड़े हैं, वही मैं रोज़ पहनता हूँ. कोई मरे- कोई जीये. किसी की शादी हो, चाहे तलाक हो. जीन्स, फिट trouser और टी-शर्ट पहनता हूँ. रेगुलर शर्ट-पैंट मेरे पास है ही नहीं.
6) भारतीय जीवन धर्म से शुरू होता है, धर्म से चलता है और धर्म के साथ खत्म होता है. बच्चा पैदा होता है तो नामकरण पंडित, पुजारी करता है. शादी ब्याह होगा तो मंदिर, गुरूद्वारे के गिर्द होता है. मृत्यु होगी तो अंतिम क्रिया कर्म भी पंडित या भाई जी करेंगे. कितने धार्मिक लोग हैं! हैं न? नहीं हैं. ये सिर्फ दुनियादारी के तल पर खड़े बौने लोग हैं. गमले में उगे हुए दरख्त. बोनसाई पेड़. जो विशाल वृक्ष बन तो सकते थे लेकिन बने नहीं. इनके जीवन में कोई अन्वेषण, कोई नवीनता, कोई एडवेंचर नहीं है. ये बस चली आ रही लकीरों के फ़कीर हैं.
ये मंदिर, गुरूद्वारे, चर्च भी जाते हैं तो अपनी सड़ी-गली जिंदगियों का बोझा फेंकने. किसी के बेटे की शादी की चिंता है, किसी को बेटी कनाडा भेजनी है, किसी को मुकदमा जीतना है. बस. इस तरह के कामों के लिए हैं इन की प्रार्थनाएं, अरदासें. धर्म तो है अन्वेषण, प्रयोगधर्मिता, तार्किकता और तार्किकता आधारित कर्म. धर्म है नित नवीनता. धर्म है क्रांति. धर्म है शांति. धर्म कोई धार्मिक स्थलों में ऊंघने का नाम थोडा न है. धर्म कोई बोरियत थोडा न है. धर्म है रसमयता. धर्म का इन भारतीय धार्मिक लोगों से क्या लेना-देना?
भारत माता की जय हो!
तुषार कॉस्मिक
Tuesday, 5 October 2021
Dirty Old Men
अदालती सुधार
जज को फैसला करने पे पैसे दें और यदि उसका फैसला अगली अदालत बदल देती है तो पैसे वापिस ले लें, सब ठीक हो जाएगा. और सैलरी बंद कर दें. जब सैलरी की जगह फैसले और सही फैसले पर पैसे दिए जाएंगे तो दशकों के काम महीनों में होगा.
इस्लाम-मुसलमान-हिन्दू-तुम-मैं-हम सब
Monday, 13 September 2021
इस्लाम और सर्वधर्म समभाव
मुस्लिम दोस्त(?) कह रहा था कि सब लोग बराबर हैं और मैं हँस रहा था चूंकि इस्लाम के मुताबिक मुस्लिम अफ़ज़ल (सर्वश्रेष्ठ) हैं.
पाकिस्तान में तो एक व्यक्ति पर मात्र इस लिए कोर्ट केस हो गया चूंकि इस ने यह कह दिया कि सब धर्म बराबर हैं.
और यहां भाईजान हमें मूर्ख बना रहे हैं.
इस्लाम और औरत-मर्द की मोहब्बत
जितना मुझे पता है इस्लाम औरत-मर्द के इश्क को स्वीकार नहीं करता.
जय सिया राम?
रावण को मारने के बाद राम के पास जब सीता लाई जाती हैं तो राम कितने सम्मानजनक शब्द उसे बोलते है. खुद देख लीजिए.
सबसे बड़ा युद्ध
सबसे बड़ा युद्ध जानते हैं क्या होता है? विचार-युद्ध. यह आपको दूसरों से तो बाद में करना होता है, पहले खुद से करना होता है. मैं किशोर था और मैं नोट-बुक के एक पन्ने पे लिखता था--"भगवान है" और सामने वाले पन्ने पे लिखता था "भगवान नहीं है". फिर दोनों के पक्ष में नीचे तर्क लिखता था. मेरा पास आज भी एक किताब है "गर्व से कहो हम हिन्दू हैं" और दूसरी है "शर्म से कहो हम हिन्दू हैं". मेरे पास "वाल्मीकि रामायण" है और रंगनायकम्मा रचित "रामायण एक विष-वृक्ष "भी है. विचार-युद्ध इत्ता मुश्किल जानते हैं क्यों है? चूँकि इसमें खुद को ही खुद के खिलाफ लड़ना होता है. खुद को ही गलत साबित होने का रिस्क होता है. सो इससे बचता है इन्सान.
Tuesday, 17 August 2021
इस्लाम की ताकत घटाने का एक और नायाब तरीका
जो भी मुस्लिम इस्लाम छोड़ना चाहते हों, उन के लिए गैर-मुस्लिम सरकारों को आश्रय-स्थल बनाने चाहियें. हालाँकि इस्लाम छोड़ने वाले मुस्लिम को पॉलीग्राफ और नार्को जैसे से गुज़ार कर पक्का कर लेना ज़रूरी है कि वो वाकई इस्लाम छोड़ रहे हैं, अपनी समझ से और अपनी मर्ज़ी से इस्लाम छोड़ रहे हैं. मुझे लगता है कि मुस्लिम की एक बड़ी तादाद जो इस्लामी समाजों में फंसी है, वो बाहर आयेगी और इस तरह इस्लाम के पास जो तादाद की ताकत है वो घटेगी. दुनिया में शांति बहाली की तरफ यह एक बड़ा कदम होगा. अमनो-चैन बढ़ेगा, ज्ञान-विज्ञान बढ़ेगा.
देसी
ये जो तुम विदेशी नस्ल के रंग-बिरंग-बदरंग कुत्ते रखते हो, तुम इडियट हो. देसी कुत्ते रखो, रखने हैं तो.लोकल. ये यहाँ के जलवायु के हिसाब से कुदरत ने घड़े हैं.
असीमित धन खतरनाक है दुनिया के लिए
लोहा ज़्यादा काम आता है या सोना? सोना एक पिलपिल्ली सी धातु है. शुद्ध रूप में जिसका गहना तक नहीं बनता. लेकिन सबसे कीमती मान रखा है मूढ़ इन्सान ने इसे. यह सिर्फ मान्यता है और कुछ नहीं. वरना गहने तो लक्कड़, पत्थर, लोहा, स्टील किसी के भी बनाये जा सकते हैं, पहने जा सकते हैं. आप देखते हो आदिवासी, वो ऐसे ही गहने पहनते हैं. हिप्पी किस्म के लोग भी ऐसे ही पहन लेते हैं. मैं खुद ऐसे गहने पहनता रहा हूँ. अब भी चांदी पहनता हूँ.