जन्म हुआ सिक्ख परिवार में. पालन-पोषण हुआ हिन्दू-सिख परिवार में. न मैं हिन्दू, न सिक्ख और न ही किसी और स्थापित धर्म को मानता हूँ. लेकिन सिक्ख इतिहास जो है न वो गज़ब है, यह मैं मानता हूँ. ज़रा सुई चुभ जाये तो हिल जाते हैं हम और ये गुरु-शिष्य जान की बाज़ी खेल गए. गुरु गोबिंद को सर्व-वंश-दानी कहा जाता है. पिता, पुत्र, माता, स्वयम और पुत्र-पुत्रियों जैसे हजारों-लाखों शिष्य कुर्बान कर दिए. किस लिए? जो सही लगा उस के पक्ष में और जो गलत लगा उस के खिलाफ. दिसम्बर समय है उन की कुर्बानियों को याद करने का. नमन करने का. पूरी दुनिया को गुरु गोबिंद और उन के शिष्यों के जज़्बे, उन के संघर्ष, उन की जीत, उन के बलिदानों की कहानियाँ पढ़नी चाहियें, सुननी चाहिए. ...तुषार कॉस्मिक
Thoughts, not bound by state or country, not bound by any religious or social conditioning. Logical. Rational. Scientific. Cosmic. Cosmic Thoughts. All Fire, not ashes. Take care, may cause smashes.
Wednesday 22 December 2021
Monday 20 December 2021
The target is you, not the Virus, not the Alien, not anything-anyone else.
Believe me,
there are further false Crisis coming. Probably an "Alien Attack" or a "Chicken Virus" or a "Mosquito Virus" and another WHO/ IMF Protocol to quarantine you, vaccinate you, un-employ you and kill you.
YOU. Yes, you the Idiots.
The target is you, not the Virus, not the Alien, not anything-anyone else.
Why?
Because you are being considered just a "Biological Waste", a roadblock in the progress of new scientific and technological society, because you are soaked in you so-called religious-unscientific-childish Bullshits, because it's far easier to wipe you instead of reforming you.~ Tushar Cosmic
What's in a name?
"What's in a name? That which we call a rose by any other name would smell as sweet” (Quote from Romeo and Juliet by William Shakespeare). But I feel there is a lot in name. My original name was Veeru (Veer Singh probably). Then I had been given another name 'Bal Krishan'. Then I changed it to 'Tushar Arora' which I further changed to 'Tushar Cosmic' in all of my writings and videos. My first daughter's name is 'Sufi Siddhi' and second daughter's name is 'Kuhu Kosmic'. Very much Peculiar names. Ha! And they say , "What is there in name?"~ Tushar Cosmic
Sunday 19 December 2021
सिक्ख इस्लाम और मुसलमान के प्रभाव में हैं
मेरा मानना है कि सिक्ख इस्लाम और मुसलमान के प्रभाव में हैं लम्बे समय से. सन 80-84 के दौर में जो हथियार थे खालिस्तानियों के पास, वो कहाँ से आये थे? निश्चित ही पाकिस्तान से. अब ये जो निहंगों ने टीकरी बॉर्डर पर एक सिक्ख काट दिया सरे आम और अब हरमंदिर में एक बन्दा पीट-पीट के मार दिया यह सोच कहाँ से आई? निश्चित ही इस्लाम से. न तो किसी गुरु ने ऐसा करने को कहा है और न ही गुरु ग्रन्थ में ऐसा कहीं लिखा है, जितना मुझे पता है. यह सिक्खी नहीं है? यह इस्लाम है...तुषार कॉस्मिक
Saturday 18 December 2021
डायबिटीज
मैं एलॉपथी द्वारा घोषित बहुत सी बीमारियों को न तो बीमारी मानता हूँ और न ही इन के इलाज को इलाज.
डायबिटीज. शुगर ऐसी ही बीमारी है, जो समस्या तो है लेकिन बीमारी बिलकुल नहीं. बीमारी इसे एलॉपथी ने बनाया है. अब तो हर घर में डायबिटीज का मरीज़ पाया जाता है. और थोड़े समय बाद हर इन्सान ही डायबिटीज का शिकार माना जाने वाला है.
क्या है यह?
बात मात्र इतनी सी है कि हम शरीर में दशकों तक ऐसा भोजन डालते जाते हैं, इतना भोजन डालते जाते हैं, जिसे वो पचा नहीं पाता. लेकिन हम फिर भी नहीं मानते. अंत में शरीर हाथ खड़े कर देता है. इसे ही हम कहते हैं कि इन्सुलिन बनना बंद हो गया है. लेकिन हम इंजेक्शन लगाते हैं इन्सुलिन का, ताकि किसी तरह हम वही बकवास खाना खा सकें जो हम सदियों से खाते आ रहे हैं.
इलाज इस का मात्र इतना है कि खाना बहुत कम खाओ और जहाँ तक हो सके पका हुआ खाना न खाओ और गधे की तरह शरीर का काम करो. बेहतर है लेबर चौक पर जा बैठो. 500 रुपये दिहाड़ी कमाओगे और शुगर से छुटकारा भी पाओगे.
तुषार कॉस्मिक
"God created man in his own image." ~ BIBLE. घण्टा!बजाते रहो!!
"God created man in his own image." ~ BIBLE.
घण्टा!
बजाते रहो!!
कुत्ता अगर सोचेगा गॉड के बारे में तो एक बड़े से, सुंदर से, शक्तिशाली से, स्वस्थ से कुत्ते की कल्पना ही करेगा और ऐसा ही गधा करेगा और ऐसा ही सुअर.
कुत्ते का भगवान कुत्ता, सुअर का सुअर औऱ गधे का गधा ही होगा. पक्का! बेशक पूछ कर देखो.
मुर्गों के लिए इंसान शैतान है और KFC नरक!! बताया है उन्होंने इंटरव्यू में. सच्ची. Dog Promise. ~ तुषार कॉस्मिक
क्रिया प्रतिक्रिया. Chain Reaction.
कश्मीर से हिन्दू मार के भगा दिए, इस का ज़िक्र होता रहता है लेकिन उसी दौर में पंजाब से हिन्दू मार के भगाए गए, इस का ज़िक्र कम ही होता है.
दिल्ली और इर्दगिर्द सिक्ख बन्धु ज़िंदा जला दिए गए, ज़िक्र होता है लेकिन 80-84 के दौर में खालिस्तानियों द्वारा बसों से उतार AK-47 द्वारा हिन्दू भूने गए, उस का ज़िक्र न के बराबर होता है.
यकीन जानिए पंजाब में हिन्दू नहीं मारा जाता तो दिल्ली में कभी सिख भी न मारा जाता.
क्रिया प्रतिक्रिया. Chain Reaction.
इतिहास को ठीक से देखें और सीखें इस से . ~ तुषार कॉस्मिक
भारतीय बहस
भारतीय महान हैं. महान चूतिये!!
इन से बहस करो, न किसी बात का मुँह होगा न सिर. किसी नतीजे पर न ये आप को पहुँचने देंगे, न खुद पहुंचेंगे.
"अजी, उड़द किसी को बादी, किसी को स्वादी".
"अजी, किसी को 6 दिखता है, किसी को 9".
इन चूतियों को पूछो, "फिर ज़हर खा के देखो, क्या पता तुम्हारे लिए अमृत हो?"
सारा विज्ञान पैदा ही हुआ है निश्चित कार्य-कारण (Cause and Effect) के सम्बंध की खोज से. पानी उबालो कहीँ भी-कभी भी, 100 डिग्री तक जाते ही भाप बनना शुरू हो जाता है.
यह है विज्ञान, और ऐसे नतीजों पर पहुँचने के लिए ही की जाती है डिबेट. न कि "अजी, सोच अपनी-अपनी, ख्याल अपने-अपने" जैसे नतीजों के लिए. ~तुषार कॉस्मिक
कश्मीर
मेरा मानना यह है कि कश्मीर में सरकार सोने की सडकें भी बिछा देगी फिर भी कश्मीर शांत नहीं होगा. 'उन' को वो सब चाहिए ही नहीं. चाहिए इस्लामिक रियासत चाहे उस के लिए सीरिया जैसे खंडहरात में ही कश्मीर क्यों न बदल जाए. चाहिए इस्लाम चाहे अफगानिस्तान जैसी भुखमरी ही क्यों न फ़ैल जाए. चाहिए इस्लाम चाहे पाकिस्तान जैसी हालत ही क्यों न हो जाए कि सरकार खुद कहे कि उस के पास मुल्क चलाने के पैसे नहीं हैं......चाहिए इस्लाम चाहे.....
Friday 17 December 2021
पंजाब के पास एक महान इतिहास है, भविष्य महान हो... कामना है.
पंजाब से हूँ. हालाँकि बठिंडा छोड़े सालों हो गए लेकिन आज भी प्यार है बठिंडा से. बे-इन्तहा. लेकिन पंजाब का वर्तमान मुझे कुछ बढ़िया नहीं दीखता. खेलों में हरियाणा और मणिपुर का नाम है, पंजाब कहीं दूर-दूर तक नहीं दीखता. नौजवान चिट्टा ज़रूर छक रहे हैं. उड़ता पंजाब. कुछ पंजाबी कनाडा चले गए बाकी जाने की इंतेज़ार में हैं. जो नहीं जा सकते वो ईसाई बनते जा रहे हैं. हलेलुईया! गेहूं उगता है लेकिन लोग खाते MP का गेहूं हैं. कई सिक्ख आज भी भिंडरावाले को हीरो मानते हैं और हिन्दुओं को गद्दार. दुःख होता है यह सब लिखते हुए. पंजाब के पास एक महान इतिहास है, भविष्य महान हो... कामना है... तुषार कॉस्मिक
Thursday 16 December 2021
क्या आप को पता है???
क्या आप को पता है....
'निकाह' का असल मतलब सेक्स करना होता है?
'शहीद' का मतलब दीन(इस्लाम) के लिए मरने वाला होता है?
'बे-ईमान' का मतलब ईमान(इस्लाम) को न मानने वाला होता है?
'गाज़ी' का मतलब दीन(इस्लाम) के दुश्मनों को मार कर अंत में बच जाने वाला होता है?
'इस्लाम' का मतलब है Surrender. Total surrender to Deen (Islam). अब आप (आप का स्वतंत्र वजूद/ इच्छा) हैं ही नहीं, जो कुछ है बस दीन ही है.
....तुषार कॉस्मिक.....
Wednesday 15 December 2021
जय श्री राम
"जय श्री राम". यह नारा "अल्लाह-हु-अकबर" के मुकाबले ज़्यादा खड़ा है आज. राम की विजय हो.कैसी थी उन की विजय? वो ताड़का को गुरु के कहने मात्रा से मार देते हैं, बिना ताड़का का पक्ष सुने. ऐसा ही वो वाली के साथ करते हैं. वाली को पेड़ के पीछे छुप कर मार देते हैं बिना जाने की सुग्रीव ने कितना सच, कितना झूठ उन को बताया है. रावण विजय के बाद वो सीता से कहते हैं,"मैंने तेरे लिए नहीं बल्कि अपने सम्मान के लिए रावण से युद्ध किया. तुम सुग्रीव, भरत, विभीषण, शत्रुघ्न किसी के साथ भी रह सकती हो लेकिन मेरे साथ नहीं." विजय के बाद उन की सेना सोये हुए लंका के आम-जन को घरों में जिंदा जला देते हैं. अयोध्या आने के बाद वो इर्द-गिर्द के राज्यों पर ख्वाह्म्खाह हमला कर देते हैं जब कि वो राज्य कतई निरापद होते हैं.~ TusharCosmic
मैं बदबू छुपाता नहीं.....तुषार कॉस्मिक
मुझ से किसी ने कहा मैं शेक्सपियर से कालिदास तक, बाबा नानक से जीसस, आर्यभट से आइंस्टीन तक की बात करता हूँ लेकिन फिर गाली-गलौच भी करता हूँ, ऐसा क्यों? ऐसा इसलिए चूँकि मैं घटिया हूँ. एक गंदे नाले की मछली. इसी बदबूदार समाज का हिस्सा. मैं आप हूँ. बस फर्क इतना ही है कि मैं अपना घटियापन स्वीकार करता हूँ. मैं बदबू छुपाता नहीं.....तुषार कॉस्मिक
हरनाज़ कौर मिस यूनिवर्स
हरनाज़ कौर मिस यूनिवर्स बन गईं. गुड. पहली बात धरती यूनिवर्स का एक ज़र्रा सा हिस्सा है लेकिन हरनाज़ मिस यूनिवर्स हैं. गुड. वैरी गुड. जीतने के बाद उन्होंने कहा कि औरत को कमोडिटी मत समझें. क्यों न समझें? आप जैसी औरत को एक कमोडिटी के अलावा क्या समझें? आप ने कौन सा तीर मार है कद्दू में? क्या योगदान हैं आप का ज्ञान-विज्ञान में? कुछ भी नहीं. कला में क्या योगदान है आप का? कुछ भी नहीं. जैसे क्रिकेट और कबड्डी नकली वैश्विक खेल हैं वैसे ही ये नकली मिस और मिस्टर यूनिवर्स बनाने का खेल है जिस से कुछ न साबित होता है न हासिल. रही बात सौन्दर्य की तो मैंने सड़क पे पत्थर तोड़ती मजदूरनियां कहीं ज़्यादा सुंदर देखीं हैं...मात्र चुतियापा है यह सब ...तुषार कॉस्मिक .
Tuesday 7 December 2021
तेरा दित्ता खावना....दात तेरी दातार.......
जरा सा धन आ जाये, तो जाते हो मन्दिर, गुरुद्वार...........तेरा दित्ता खावना....दात तेरी दातार........जैसे मंदिर, गुरूद्वारे, मस्ज़िद से धन बरसता हो. इडियट हो, यह धन तुम्हारी अपनी हेरा-फेरियों, बे-ईमानियों का नतीजा है. और कोई भी समाज समृद्ध तथाकथित दीन-धर्म से नहीं होता, वैज्ञानिकता से होता है. वैज्ञानिकता मतलब तार्किकता, मतलब प्रयोग-धर्मिता. और तुम्हारे सब धर्म अवैज्ञानिक हैं, अंध-विश्वास का नतीजा हैं. तुम ने अंध-विश्वास का चोगा पहना है, इस से कोई फर्क नहीं पड़ता कि चोगा नारंगी है, हरा है या सफेद. समझे?~Tushar Cosmic
Saturday 16 October 2021
जिहाद - मुसलमानी तर्क
मुसलमान जब काफिर को मारते हैं तो यह इन का दीन है, लेकिन जब काफिर उन को मारता है तो यह अत्याचार है. घोर अत्याचार. यही अत्याचार है, जो इन को जिहाद के पथ पर आगे, और आगे बढ़ने की प्रेरणा देता है.
महान भारतीय !
1) भारतीय विश्व-गुरु का जीवन बस अपनी शादी और फिर अपने बच्चों की शादी में ही उलझा रहता है. इन चूतियों से बात कर के देखो. इन को दुनिया के हर विषय के बारे में सब पता होता है. न भी पता हो, लेकिन ये ही दर्शाएंगे कि इन को सब पता है. असल में इन को घण्टा कुछ पता नहीं होता. न इन्होंने कोई ज्ञान विज्ञान पैदा किया न करेंगे. ये तो विज्ञान-प्रदत्त सुविधा खरीदने-भोगने को ही बुध्दि का प्रमाण मानते हैं. धरती के बोझ.
2) भारतीय बुद्धू से बात करो.
ये ऋषियों मुनियों की संतान हैं. परम-पावन-भूमि भारत माता की संतान. सन्तों-सिद्धों-बुद्धों की भूमि भारत-माता की सन्तान. कला, दर्शन-शास्त्र, ज्ञान-विज्ञान की भूमि भारत माता की सन्तान. अध्यात्मवादी. इन को भौतिकवाद से, पदार्थवाद
से क्या मतलब?
ये गुरु हैं. विश्व गुरु. गुरु घण्टाल.
अब इन के जीवन देखो. सिवा सेक्स की भुखमरी के कुछ नज़र नहीं आएगा. इन का गीत, संगीत, फिल्में, कहानियां, प्रेम, नफरत, सब सेक्स के गिर्द घूमता है. चूतिये.
3) भारतीय अपने मुल्क को बहुत प्रेम करते हैं. क्यों न करेंगे? महान भारत भूमि. महान भारतीय!
चूतिये!~
असल में जिन को भी ज़रा सी सुविधा मिली, उन्होंने अपने बच्चे यूरोप, अमेरिका, कनाडा, ऑस्ट्रलिया जैसे मुल्कों में फिट कर दिए हैं. बाकी ऐसा करने की फ़िराक में हैं. अधिकाँशत:.
आज भारतवासियों को मौका दे दो गोरों के मुल्कों में बसने का, लगभग पूरा भारत खाली हो जाएगा. यहाँ बैठे बकचोदी जितनी मर्ज़ी करवा लो.
ओवर- स्मार्ट इडियट्स.
4) भारतीय पैसे के लेन-देन में एक दम खरे हैं. खरे बेईमान. प्रॉपर्टी डीलर हूँ. तमाम सर्विस देने के बाद भी बहुत कम लोग ही खुशी से तयशुदा पैसे देते हैं. कोई लटका देता है ताकि भूल-चूक हो जाये और पैसे बच जाएं, कोई रोने-पीटने लग जाता है, कोई ज़बरदस्त बहस करता है, कोई लड़ने लगता है और हाथापाई पे उतर आता है. हर सम्भव प्रयास किया जाता है कि पैसे या तो देने न पड़ें या कम से कम देने पड़ें. यकीन जानिए जूता, लट्ठ निकालने पड़ते हैं, तब जा कर लोग पैसे देते हैं. यह है महान भारतीय संस्कृति. यकीन न हो तो बाज़ार में कोई माल उधार फ़ेंक कर देख लीजिए, मूलधन वसूलना मुश्किल हो जाएगा. जो लोग भारत के महान होने के गीत गाते हैं, इन्हें बताना चाहता हूँ कि सभ्यता-संस्कृति किताबों में नही, गलियों और सड़कों पे मिलती है.
5) भारतीयों के कपड़े अलग-अलग होते हैं. अमूमन रोज़मर्रा के कपड़े सब से निचले दर्ज़े के.घिसे, बदरंग, पुराने. बाहर-अंदर आने-जाने वाले कपड़े काफी-कुछ बेहतर होते हैं. ये अक्सर अलमारी की शोभा ही बढ़ाते रहते हैं. अब बारी आती है शादी-ब्याह में पहने जाने वाले कपड़ों की. शादी-ब्याह में औरतें बहुत भारी काम वाले कपड़े पहनती हैं. ज़ेवर-कपड़े दिखने चाहियें चाहे ठंड से तबियत ही ख़राब हो जाये. आदमी लोग गर्मी में भी 3-piece सूट पहने होते हैं. Tie-Bow लगाते हैं. हहहहह..मेरे पास बस एक ही तरह के कपड़े हैं, वही मैं रोज़ पहनता हूँ. कोई मरे- कोई जीये. किसी की शादी हो, चाहे तलाक हो. जीन्स, फिट trouser और टी-शर्ट पहनता हूँ. रेगुलर शर्ट-पैंट मेरे पास है ही नहीं.
6) भारतीय जीवन धर्म से शुरू होता है, धर्म से चलता है और धर्म के साथ खत्म होता है. बच्चा पैदा होता है तो नामकरण पंडित, पुजारी करता है. शादी ब्याह होगा तो मंदिर, गुरूद्वारे के गिर्द होता है. मृत्यु होगी तो अंतिम क्रिया कर्म भी पंडित या भाई जी करेंगे. कितने धार्मिक लोग हैं! हैं न? नहीं हैं. ये सिर्फ दुनियादारी के तल पर खड़े बौने लोग हैं. गमले में उगे हुए दरख्त. बोनसाई पेड़. जो विशाल वृक्ष बन तो सकते थे लेकिन बने नहीं. इनके जीवन में कोई अन्वेषण, कोई नवीनता, कोई एडवेंचर नहीं है. ये बस चली आ रही लकीरों के फ़कीर हैं.
ये मंदिर, गुरूद्वारे, चर्च भी जाते हैं तो अपनी सड़ी-गली जिंदगियों का बोझा फेंकने. किसी के बेटे की शादी की चिंता है, किसी को बेटी कनाडा भेजनी है, किसी को मुकदमा जीतना है. बस. इस तरह के कामों के लिए हैं इन की प्रार्थनाएं, अरदासें. धर्म तो है अन्वेषण, प्रयोगधर्मिता, तार्किकता और तार्किकता आधारित कर्म. धर्म है नित नवीनता. धर्म है क्रांति. धर्म है शांति. धर्म कोई धार्मिक स्थलों में ऊंघने का नाम थोडा न है. धर्म कोई बोरियत थोडा न है. धर्म है रसमयता. धर्म का इन भारतीय धार्मिक लोगों से क्या लेना-देना?
भारत माता की जय हो!
तुषार कॉस्मिक
Tuesday 5 October 2021
Dirty Old Men
अदालती सुधार
जज को फैसला करने पे पैसे दें और यदि उसका फैसला अगली अदालत बदल देती है तो पैसे वापिस ले लें, सब ठीक हो जाएगा. और सैलरी बंद कर दें. जब सैलरी की जगह फैसले और सही फैसले पर पैसे दिए जाएंगे तो दशकों के काम महीनों में होगा.