IPP-- INDIAN PROGRESSIVE PARTY
हम पहले सामाजिक दल हैं, राजनीतिक बाद में...क्योंकि सब अच्छा बुरा समाज की सोच से जुड़ा है ...समाज की व्यवस्था से जुड़ा है......सो पहला काम तो समाज पर ही होना है.....क्या कानून बनाने मात्र से ही व्यवस्था सुधर जायेगी?
कुछ फर्क आ भी सकता है ..लेकिन भ्रष्ट समाज ही तो है जन्मदाता भ्रष्टाचार का.....भ्रष्ट सोच ही तो है ज़िम्मेदार....
सो सामूहिक सोच पर चोट की ज़रुरत है ...सामूहिक व्यवस्था पर चोट की ज़रुरत है........
सो हमारे एजेंडा में बहुतेरी तरह के प्रावधान किये गए हैं कि व्यवस्था सुधरे....
भ्रष्टाचार कम क्या मात्र किसी सजा के डर से होगा?
थोडा हो भी सकता है लेकिन सारी व्यवस्था पर पुनर्विचार हो तो बहुत कुछ सार्थक किया जा सकता..
भ्रष्टाचार कम करना मात्र उस प्रयास का एक हिस्सा होगा...
IPP पहले दिन से ही क्या सोच रखती है, क्या करना चाहती है, घोषित कर चुकी है....आगे तक का कार्यक्रम घोषित कर चुकी है......
और IPP का एजेंडा यह सोच कर नहीं बनाया गया कि वोट लेने हैं.....
हमें पता है, हमारे एजेंडा में बहुत कुछ एसा ही जो शायद बहुत लोगों के गले आसानी से न उतरे..लेकिन कोई परवाह है कहाँ?
बस प्रवाह है .......विचार प्रवाह .........
जब आप IPP का एजेंडा पूरा पढेंगे तो पायेंगे कि IPP का कोई दूर दूर तक न सिर्फ "आप" से बल्कि किसी भी और पार्टी से कोई लेना देना नहीं है
इसके साथ ही एक बात घोषित करना चाहता हूँ, IPP जब भी कभी इलेक्शन के लिए कैंडिडेट उतारेगी तो वो कैंडिडेट वो ही होंगे जिन्होंने IPP के साथ मिल कर काम किया होगा..यानि पुराने कार्यकर्ता को इग्नोर करके किसी भी नए व्यक्ति को उसकी छवि या किसी भी और वजह से टिकेट नहीं दिया जाएगा
और IPP एक कॉर्पोरेट की तरह संयोजित रहेगा.....यह कभी भी वन मैन शो नहीं होगा...
IPP के बहुत सारे चेहरे होंगे.....
IPP ने जो भी कार्य अपने एजेंडा में लिखे हैं, कार्यकर्ता अपनी क्षमता के मुताबिक अपना कार्यक्षेत्र चुन कर काम करना शुरू कर देंगे......
मान लीजिये Smruti Bodhi छात्रों के बीच काम करना चाहती हैं तो वो यह क्षेत्र चुन सकती है..
ओशो अनन्त यदि समाज में शादी से पहले मेडिकल कुंडली मिलान के कार्यक्रम आयोजित करना चाहते हैं तो उन्हें निश्चित ही ऐसा करना चाहिए....
इस तरह IPP के विभिन्न दिशायों में अपना काम शुरू कर देगी और मीडिया के ज़रिये इसके कार्यकर्ता अपने कार्यों के बारे में पूरे भारत को, दुनिया को अवगत कराते रहेंगे|
"जो पार्टियां या दल सर्वजन हिताय की बात न करके सिर्फ अपने वोटो से ताल्लुक रखने वाले धर्म, जाति, वर्ग विशेष की ही बातें कर रहे हों उन पार्टियों या दलों से कभी भी इस राष्ट्र का भला नहीं होगा"
AGENDAS OF IPP (Indian People Party)
Agenda#1--- सिर्फ रिश्वत लेना ही नहीं होता...जिम्मेवारी लेकर न निभाना भी भ्रष्ट-आचार है...
यदि पब्लिक को लगे कि सड़कों पर गड्ढे हैं, नालियाँ साफ़ नहीं, कूड़े के ढेर जमा हैं....विडियो बनाएं.......जिम्मेवार कार्यवाहक और नेता को काम करना सिखाया जाएगा, समझाया जाएगा....नहीं मानते तो हटा दिया जाएगा |
Agenda#2---समयबद्ध शादियाँ (contract marriages) लागू किया जाएगा, उस में पहले से तय होगा कि बच्चा होगा या नहीं और अगर होगा तो उसके लिए माँ, बाप या फिर दोनों, कौन ज़िम्मेदार होगा |
Agenda#3---शादी पूर्व जायदाद के बटवारे का निर्धारण के इकरारनामे (Pre-nuptial Agreements) भी लागू कर दिए जायेंगे |
Agenda#4---शादी से पूर्व युवक-युवतियों की ट्रेनिंग होगी, जिसमें उन्हें शादी से जुड़े कानून समझाये जायेंगे, सेक्स एवं स्वास्थ्य की जानकारियाँ दी जायेंगी, और इस तरह की ट्रेनिंग में से शादी पूर्व गुज़ारना अनिवार्य होगा |
Agenda#5---लड़कियों के लिए कमाने के ज़्यादा से ज़्यादा अवसर पैदा किये जायेंगे और तलाक आसान किया जाएगा...तलाक के लिए किसी भी एक पक्ष की ‘ना’ काफी होगी, बशर्ते कि बच्चों/बच्चे (यदि है/हैं) के पालन पोषण की ज़िम्मेदारी कोई और ले |
Agenda#6---होमोसेक्सुअल मैरिज को न तो बढ़ावा दिया जाएगा और न ही उनका रस्ता रोका जाएगा, जिनको भी उस तरह से जीना हो उन्हें जीने दिया जाएगा बशर्ते कि वो सामान्य जनजीवन में कोई बाधा न डालते हों |
Agenda#7---जिन को बिना शादी के साथ रहना हो वो रह सकेंगे बशर्ते वो ऐसी कोई अर्ज़ी सरकारी कार्यालय में बाकायदा जमा करा दें ताकि बाद में कोई भी एक पक्ष दूसरे पर ज़बरदस्ती का इलज़ाम न लगा पाए, और यह अर्ज़ी एक दम गुप्त रखी जायेगी |
AGENDA#8---हिजड़ों को मात्र अपंग समझा जाएगा, उन्हें समाज में सामान्य जन जैसा ही व्यवहार मिलेगा,उन्हें शिक्षा, और कमाने का पूरा अवसर मिलेगा और उनके लिए सिनेमा, नाटक, मेले आदि के टिकेट फ्री होंगे ताकि मनोरंजन की कमी जो कुदरत ने दी उसे कुछ हद तक पूरा किया जा सके.
और हिजड़े बच्चों को माँ बाप सामान्य बच्चों की तरह अपने साथ रखें, ऐसा प्रावधान किया जाएगा |
AGENDA#9---हर सम्भव प्रयास किया जाएगा के बढ़ती आबादी पर कण्ट्रोल किया जाएगा.....दो या दो से कम बच्चे पैदा करने वालों को सरकारी प्रोत्साहन दिए जायेंगे......टीवी, रेडियो, अखबार, इन्टरनेट सब माध्यम प्रयोग किये जायेंगे लोगों में बढ़ती आबादी के विरुद्ध माहौल पैदा करने के लिए |
AGENDA#10--- शादी से पहले मेडिकल कुंडली का मिलान अनिवार्य किया जाएगा....भावी वर वधु का HIV, हेपेटाइटिस और Thalassemia test अनिवार्य होंगे...ताकि वर वधु और उनके बच्चे स्वस्थ जीवन जी सकें |
AGENDA#11--- फुटपाथ चलने के लिए होते हैं न कि दुकानें सजाने के लिए.......पदयात्रियों का तो जैसे हक़ ही छीन लिया गया सडक पर चलने का.........फुटपाथ की सब दुकानें हटा दी जायेंगी, उन्हें आस पास पक्की दुकाने दी जायेंगी, सस्ती मासिक किश्तों पर .......साफ़ सुथरे फुटपाथ दिए जायेंगे, पदयात्रियों का हक़ वापिस लौटाया जाएगा |
AGENDA#12---वोटिंग को लगभग १०० प्रतिशत तक पहुंचा दिया जाएगा......लोग android फ़ोन से वोट दे पायेंगे......उनके फिंगर प्रिंट काफी होंगे उनकी पहचान के लिए......सरकारी व्यक्ति घर घर android फ़ोन ले कर घूमेंगे.....ताकि जिनके पास android फ़ोन न हो वो भी वोट दे सके....और यह कार्य हफ्ते भर में होना चाहिए न कि एक दिन में....आखिर मुल्क की किस्मत का मामला है |
AGENDA#13--- वेश्यावृति को कानूनी संरक्षण, वेश्याओं को बाकायदा स्वास्थ्य प्रशिक्षण,
शादियों के ढाँचे में आमूल चूल परिवर्तन लाया जाएगा |
AGENDA#14---पद से विमुक्त होने के बाद किसी राजनेता को कोई सरकारी आर्थिक योगदान नहीं मिलेगा |
AGENDA#15---किसी राजनेता को कोई सरकारी बंगले नहीं दिए जायेंगे....तनख्वाह मिलेगी उसमें जैसा घर ले सकते हो, लें...हाँ काम-काज के लिए आधुनिक दफ्तर ज़रूर मिलेंगें |
AGENDA#16---सभी सरकारी दफ्तर CCTV से जुड़े होंगे, जिनकी स्क्रीन दफ्तर के बिलकुल बाहर लगी होंगी, ताकि पब्लिक देख पाए भीतर कौन क्या कर रहा है....कोई नेता या अफसर कोई भी डील बिना विडियो रिकॉर्डिंग के नहीं करेगा.....विडियो रिकॉर्डिंग बनेगी पारदर्शिता का साधन....करप्शन कम करने का एक बड़ा हथियार |
AGENDA#17---युद्धों में उतने लोग नहीं मरते जितने सड़क दुर्घटना में....ट्रैफिक चालान बढ़ाये जायेंगे...जुर्माना तो उतना ही होगा जितना आज, पर लाइसेंस या गाड़ी तभी लौटाई जायेगी जब एक वर्कशॉप अटेंड की जायेगी, जिसमें ऑडियो, विडीयो तकनीक से ट्रैफिक sense सीखाई जायेगी और अंत में प्रश्नोत्तरी से उत्तीर्ण हुआ जाएगा....जो धन चालान से इकट्ठा होगा उसे सड़क बनाने में तुरंत प्रयोग किया जाएगा |
AGENDA#18--- जो भी सरकारी योजनायें बनेगी वो भगत सिंह, राजगुरु, सुखदेव, मुंशी प्रेम चंद, जगदीश बसु, सुरजो सेन, कबीर, रहीम, बाबा नानक, गुरु गोबिंद, बाबा आंबेडकर, न्यूटन, आइंस्टीन जैसे नए पुराने विश्व के लाल, विश्व की मणियों के नाम पर होंगी, न कि मात्र नेहरु गाँधी खानदान नाम पर, पुरानी योजनाओं के नाम भी बदल दिए जायेंगे |
AGENDA#19---पार्कों में ओपन एयर gym बनाये जायेंगे, व्यक्ति खुली हवा और gym दोनों का फायदा ले सकेगा, फीस तीन-चार सौ रुपये मासिक के लगभग होगी.
और सब सख्त ज़मीन वाले वाकिंग-रनिंग ट्रैक उखाड़ कर नर्म ज़मीन वाले ट्रैक दिए जायेंगे ताकि चलने वाले, भागने वालों के घुटनों पर, अन्य जोड़ों पर होने वाले नुक्सान को घटाया जा सके|
AGENDA#20---वैज्ञानिक विकास आधार है तरक्की का, आविष्कारक हमारे असली हीरो हैं, सो हर सम्भव प्रयास किया जाएगा कि आविष्कारकों को बढ़ावा दिया जाए, व्यक्ति अपने आविष्कार को पेटेंट करा पाए इसके लिए गाँव गाँव, गली गली इंतेज़ाम किये जायेंगे|
AGENDA#21---सोलर एनर्जी को बढ़ावा दिया जाएगा, इस में प्रयोग होने वाले प्रोडक्ट्स पर कोई टैक्स नहीं लगाया जाएगा, लोगों में इसकी जानकारी बढ़ायी जायेगी.....और जो कोई भी इसका प्लांट लगा कर इस बिजली को व्यापरिक स्तर पर बेचना चाहेगा उसकी मदद की जायगी...मकसद सस्ती बिजली प्रदान करना है...बिजली
कम्पनी का एक छत्र राज्य खतम करना है|
AGENDA#22---मुल्क में नेता, महात्मा के नाम पर छुट्टियाँ ही छुट्टियाँ हैं.
मतलब यह कि और महानुभाव पैदा हो जाएँ तो हर दिन छुट्टी घोषित की जा सकती है
Bullshit!
इस तरह की सब छुट्टियाँ खत्म, आपको खुशी मनानी है, काम काज के बाद घर जाएँ, जैसे मर्ज़ी मनाएं, मुल्क का काम नहीं रोका जा सकता|
AGENDA#23---सिंगल जज कोर्ट खत्म, तीन जज वाली जूरी शुरू, और जूरी की संख्या बढ़ाई जायगी, त्वरित निर्णय का तो हर सम्भव प्रयास किया जाएगा, साथ साथ ऐसा प्रयास भी किया जाएगा कि सामाजिक, प्रशासनिक व्यवस्था ऐसी हो कि झगड़े कोर्ट तक कम से कम जाएँ. और यदि जाएँ तो कोर्ट को सुविधा हो उन्हें निबटाने में ......
हर कोर्ट की भी विडियो रिकॉर्डिंग होगी, मांगे जाने पर हरेक के लिए उपलब्ध|
AGENDA#24---तीन तरह के मुकद्दमों से भरे है कोर्ट....मियां बीबी का झगड़ा , चेक बाउंसिंग के केस और किरायेदार-मकान मालिक का झगड़ा|
IPP के शादी सम्बन्धी एजेंडा लागू होते ही मियां बीवी के झगड़ों की संख्या तेज़ी से घट जायेगी....
किरायेदार को मकान दुकान खाली करना ही होगा इसका प्रावधान किया जाएगा, चाहे वो कितना ही पुराना हो, बिना हील हुज्जत के, उसे मात्र छे महीने-साल का समय दिया जा सकता है या फिर यदि वो जायदाद खरीदना चाहे तो सरकार उसे कम ब्याज पर लोन दे सकती है, ऐसा इसलिए कि जिस जगह वो दशकों से बैठे हैं उसे वहीं टिके रहने में मदद दी जा सके , लेकिन वो किरायेदार होते हुए जायदाद के मालिक बन बैठें ऐसा हरगिज़ नहीं होने दिया जा सकता|
AGENDA#25---चेक वाले केस कम करने का सीधा तरीका है कि व्यक्ति से व्यक्ति को ज़ारी होने पर कोई चेक तब तक मान्य नहीं होगा जब तक चेक ज़ारी करने वाला व्यक्ति, एक लैटर ज़ारी न करे, जिसमें वो साफ़ करे कि वो किस व्यक्ति चेक दे रहा है और क्यों दे रहा है|
इस पत्र में कम से कम दो गवाह होने चाहिए, सबके आधार कार्ड की कॉपी और इस पात्र पर सबके सिग्नेचर और अंगूठों के निशान होने चाहिए
और चेक पर भी सिग्नेचर के साथ साथ ज़ारी करने वाले के अंगूठे का निशान होना चाहिए..
देखिएगा कोर्ट तक मामले पहुंचेगे ही नहीं |
AGENDA#26---शिक्षा वो दी जायेगी जिसका जीवन में सीधा उपयोग हो, बच्चों के दशकों खराब नहीं किये जायेंगे बकवास रटवा रटवा कर|
इतिहास राजा महाराजा का न पढ़ा कर, वैज्ञानिकों का, कलाकारों का, ज्ञानीयो का पढ़ाया जाएगा.
गहन गणित सिर्फ उन्हें पढ़ाया जाएगा जिन्हें इसमें दिलचस्पी हो
कानून अनिवार्य विषय होगा
साहित्य पढ़ाया जाएगा, पूरे विश्व का
स्वस्थ्य शिक्षा एच्छिक न होकर अनिवार्य विषय होगा
योगासन, प्राणायम, ध्यान अनिवार्य रूप से सिखाये जायेंगे
इसके अलावा ऐसे बहुत से विषय जिनका दैनिक जन-जीवन में दखल होगा|
AGENDA#27---जितने हाईवे हैं डबल रोड होंगे, टोल टैक्स लिया जाएगा ताकि सडक बनाने का खर्च वसूला जा सके, यह काम सालों में नहीं बल्कि महीनो में पूरा होगा....शब्द है युद्ध स्तर पर , लेकिन मैं कहूँगा क्रांति-स्तर पर
और सब हाईवे रात को सोलर लाइट की रोशनी से जगमग होंगे
हर 40 किलोमीटर पर एक मोबाइल पुलिस वैन, मोबाइल अस्पताल और फायर ब्रिगेड की गाड़ी होगी
और साथ ही एक ऐसी गाड़ी ऐसी भी होगी जिस में कार, ट्रक, स्कूटर, बाइक ठीक करने के मिस्त्री होंगे, ठीक वैसे ही जैसे क्रॉस रोड वाले अपनी सर्विस शहरों में देते हैं|
AGENDA#28---आप 100 नंबर पर कॉल करेंगे तो आपको आपका कंप्लेंट नंबर दिया जाएगा, साथ ही यह भी बताया जाएगा कि आप तक पुलिस कितनी देर में पहुंचेगी, साथ ही यह भी पूछा जाएगा कि क्या वहां मोबाइल अस्पताल या फायर ब्रिगेड की ज़रुरत है और फ़ोन उठाने वाला व्यक्ति अपना नाम और कर्मचारी नंबर भी आपको देगा|
AGENDA#29---आप फ़ोन, फैक्स और E-mail से भी अपनी FIR लिखवा पायेंगे, पुलिस कौन होती है FIR न लिखने वाली, ठीक गलत का फैसला करना कोर्ट का काम है|
पुलिस के IO (Investigating Officer) जो कोर्ट को गलत, या आधी अधूरी रिपोर्ट देते पाए जायेंगे , वो नौकरी से हटा दिए जायेंगे तथा उन्हें जुर्माना और सजा भी हो सकती है|
AGENDA#30---जिन पुलिस वालों को फील्ड में रह कर भाग दौड़ करनी है, ऐसे पुलिस वालों को बढ़िया GYM मुहिया कराये जायेंगे, उनका सालाना फिटनेस टेस्ट होगा, वैसे ही जैसे कमर्शियल गाड़ियों का होता है, अनफिट व्यक्तियों को उस जॉब से हटा दिया जाएगा, हाँ उम्र के साथ साथ फिटनेस का लेवल थोड़ा कम भी जायज़ माना जाएगा और जो व्यक्ति दस साल तक फील्ड जॉब कर चुके होंगे , वो यदि फिटनेस-लेवल उसके बाद पार नहीं कर पाते तो उन्हें कम भाग दौड़ वाली जॉब पर शिफ्ट कर दिया जाएगा
AGENDA#31---नरक जैसे कस्टडी कमरों को बढ़िया कमरों में तब्दील किया जाएगा, आरोपित व्यक्ति अपराधी ही नहीं होता, वो बेगुनाह भी हो सकता है|
AGENDA#32---पुलिस अपनी लिखत में आम बोलचाल की भाषा लिखेगी न कि गुज़रे जमाने की मुगलाई भाषा
शोरे गोगा, गुमशुदा तलाश, इनामी मुजरिम पकड़ने वाले इश्तिहार में बेतुकी ब्लैक वाइट फोटो नहीं बल्कि रंगीन साफ़ सुथरी फोटो का इस्तेमाल होगा|
AGENDA#33---किसी भी मजहब को दी जाने वाली ख़ास सब्सिडी का वहन उसी मज़हब के अमीर लोग करेंगे, मुसलमान को दी जाने वाली सब्सिडी अमीर मुसलमान ही वहन करेंगे, जैन को दिए जाने वाले फायदे अमीर जैन ही वहन करेंगे|
AGENDA#34---सेना के जवानों को रक्षा के साथ साथ VOCATIONAL TRAINING भी दी जायेगी....उनसे रक्षा के अलावा औद्योगिक उत्पादन में काम लिया जाएग, मंतव्य उनको दी जाने वाली तनख्वाह का सदुपयोग है|
AGENDA#35---सरकार ने कहाँ से कितना टैक्स वसूला और फिर कहाँ पर कितना धन लगाया इसका सारा बयोरा सरकारी वेबसाइट पर डाला जाएगा और इस तरह से डाला जाएगा कि उसे हर कोई आसानी से समझ सके|
AGENDA#36---नगरों में, गाँवों में टॉयलेट की बहुत परेशानी है.....सुलभ-शौचालय से बेहतर कोई हल मुझे दिखता नहीं सो इस तरह के टॉयलेट की संख्या बढ़ायी जायेगी, पैसे दें और प्रयोग करें...... यह फार्मूला गाँव से लेकर महानगरों तक प्रयोग किया जा सकता है......हाँ इन्हें और ज़्यादा साफ़ सुथरे बनाये जाना चाहिए|
AGENDA#37---आधार कार्ड बनाने का सिलसिला तुरत पूरा किया जाएगा, व्यक्ति की पक्की पहचान के लिए यह अति आवशयक है.
जैसे बैंक के लिए CIBIL डाटा रखता है उन लोगों का जो बैंकों से लोन लेते हैं, इसी तरह से हर व्यक्ति का एक डाटा सरकारी वेबसाइट पर मौजूद रहेगा. यदि कोई बैंक का डिफाल्टर है, यदि किसी पर कोई कोर्ट केस चल रहा है, यदि कोई सजायफ्ता है तो उस सब की जानकारी इस साईट पर मौजूद रहेगी..और यह जानकारी हरेक के लिए उपलब्ध होगी
हरेक घर-दूकान के बाहर मुखिया का नाम और प्रॉपर्टी नंबर लिखना ज़रूरी होगा|
AGENDA#38---पार्टी में एक टिकेट के एक से ज़्यादा काबिल उम्मीदवार हो सकते हैं, टिकेट ओपन लाटरी से घोषित किया जाएगा, ताकि बाद में किसी कार्यकर्ता को कोई शिकायत न रहे लेकिन 11 व्यक्तियों के एक पैनल द्वारा यह ज़रूर देख जायेगा कि जिस काम के लिए व्यक्ति चाहिए उसे उस काम की गहराई से जानकारी हो, वो कर्मठ हो, वो बुद्धिशाली हो, वो ईमानदार हो|
AGENDA#39---सरकार चलाने के लिए निश्चित ही धन की ज़रुरत है लेकिन अनाप शनाप लगान लेना कहीं की समझदारी नहीं है, कमाने पर टैक्स, खर्चने पर टैक्स, बेचने पर टैक्स, खरीदने पर टैक्स, हर चीज़ पर टैक्स ही टैक्स.
आपको पता है दस रुपये की चीज़ 100 रुपये की हो जाती है क्योकि सरकार उस पर टैक्स ही टैक्स जड़े जाती है और यदि कोई टैक्स बचा ले तो वो चोर, वो दो नम्बरी
नहीं, सरकार को देखना होगा कि वो टैक्स कैसे और कहाँ कहाँ घटा सकती है
चाहे कुछ भी करना पड़े
क्या २६ जनवरी और १५ अगस्त का आयोजन खत्म किया जा सकता है? धन बचेगा, टैक्स घटेंगे, यदि पब्लिक "हाँ" करे तो ऐसा करना होगा
क्या नए सरकारी पद अभी दी जाने वले तनख्वाहों से आधे वेतन पर भरे जा सकते हैं?मेरे ख्याल है निश्चित ही हमें घटे वेतन पर ज़्यादा सक्षम कर्मचारी और राजनेता मिल जायेंगे, जो खुशी खुशी नौकरी स्वीकार करेंगे, खर्च घटेगा, टैक्स घटेगा
क्या राजनेता को मिलने वाले बंगले देना ज़रूरी है, निश्चित ही नहीं, खर्च घटेगा, टैक्स घटेगा
राजनेता की विदेश यात्रा क्यों हुयी, कौन कौन गया उनके साथ और वो वहां पर क्या करके आये, इस सब का जब हम छानबीन करेंगे तो हम पायेंगे कि बहुत सी इस तरह की यात्रायें फ़िज़ूल थी, जिन्हें भविष्य में रोका जा सकता है, खर्च घटेगा, टैक्स घटेगा
क्या कोई सरकारी पद ऐसे भी हैं, जिनकी कोई ज़रूरत नहीं , जिन्हें खतम किया जाना चाहिए, यह भी देखना होगा
खर्चे घटाने के साथ साथ यह भी देखना होगा कि आमदनी कैसे बढ़ाएं, एक्सपोर्ट को बढ़ावा देंगे, भारत में बहुत कुछ ऐसा है जिसकी दुनिया को ज़रुरत है, जिसे दुनिया देखना, समझना चाहेगी.
हमें आयुर्वेद के अच्छे जानकर सारी दुनिया में भेजने चाहियें, हमें योगासन सिखाने वाले सब तरफ भेजने होंगे
हमें हमारी पाक-कला दुनिया के सामने लानी होगी
हमें अपने रेगिस्तान, अपने समुद्र किनारे, अपने पहाड़, अपने जंगल, अपने पुराने किले, अपने मंदिर, अपनी कलाएं दुनिया के सामने लाने होंगीं
हमें यहाँ आने वाले टूरिस्ट के लिए ऐसा माहौल देना होगा कि पूरी दुनिया भारत देखने को लालायित हो जाए
आमदनी पर टैक्स जो आज तकरीबन ३० प्रतिशत है उसे घटा कर १० प्रतिशत कर दिया जाएगा...
और कोशिश की जायगी कि और भी सब टैक्स २५ से ५० प्रतिशत तक घटा दिए जाएँ
और नतीजा यह होगा कि आज जितना टैक्स लोग जमा करते हैं उससे ज़्यादा टैक्स इकठा होगा सरकार के पास, यह ऐसे ही है कि एक दुकानदार महंगा बेचता है लेकिन कम बेचता है, दूसरा सस्ता बेचता है लेकिन कमाता पहले वाले से ज़्यादा है क्योंकि सेल दुसरे की ज़्यादा होती है|
AGENDA#40--- किसान आत्महत्या करें, उन्हें फसल का उचित मूल्य न मिले, गेहूं गोदामों में सड़ जाए, गरीब भूख से मर जाए, कैसी मैनेजमेंट है ?
किसान की फसल का अधिकतम मूल्य मिल सके उसके लिए खुली बोली का इंतज़ाम किया जाएगा
जो सबसे ज़्यादा देगा वो फसल उठा लेगा..आप देखेंगे कि इस तरह से कभी फसल खराब नहीं होगी और फिर भी कुल मिला कर consumer को आज से सस्ती चीज़ें मिलेगी|
AGENDA#41---IPP का प्रत्येक नेता सदैव एच्छिक रूप से LIE DETECTOR TEST करवाने को तैयार होगा, साथ ही उसके वादे उसके हाथ से लिखवाए जायेंगे और हैण्ड राइटिंग एक्सपर्ट की मदद से पहचाना जाएगा कि वो कितना सही कह रहा है, जो नेता इन टेस्ट में फेल होंगे उन्हें जिम्मेवारी नहीं सौंपी जायगी
शपथ ग्रहण के वक्त IPP नेता अपना एच्छिक LIE DETECTOR TEST और HAND WRITING TEST करवाएंगे ताकि पब्लिक को यह पता लग पाए कि वो अपने किये वादों पर कितना खरा उतरने वाले हैं|
AGENDA#42---कुछ साल पहले एक स्कीम चलायी गयी थी VDIS (Voluntary Disclosure of Income Scheme) फिर यह स्कीम बंद कर दी गयी
लेकिन हम यह स्कीम फिर से चलाएंगे
कोई दो नंबर के पैसे को बढ़ावा नहीं मिलता इस से
लोगों ने टैक्स चोरी क्यों की? क्योंकि टैक्स चोरों जैसे हैं
अपना धन चोरों से बचाना चोरी हो गया, दो नंबर का काम हो गया क्या ?
भारत में बहुत बड़ा बहाव है दो नंबर के पैसे का, लेकिन ऐसा है क्यों?
क्योंकि सरकारों ने मजबूर किया लोगों को टैक्स चोरी करने को, टैक्स आटे में नमक की तरह लो कौन चोरी करेगा?
मैं चाहूँगा कि VDIS फिर से चालू की जाए , इससे राजस्व आएगा वो तो अच्छी बात है, बहुत से लोग भी भय मुक्त हो जायेंगे अपने पैसे को लेकर, बाज़ार में वो पैसा भी खुल कर लगेगा जो आज चोरी छुपे लगता है या बस कहीं दबा पड़ा रहता है|
AGENDA#43---पार्टी टिकेट उनको देगी जिन्होंने पार्टी के काम को आगे बढ़ाने के लिए अपना योगदान दिया होगा, जिन में कार्यक्षमता होगी, जो बुद्धीशाली होंगे ..
ऐसा कतई नहीं किया जाएगा कि किसी नए व्यक्ति को मात्र टिकेट इसलिए दे दिया जाए कि वो कोई फिल्म एक्टर है, या जाना माना पत्रकार है, टीवी पर दिखने वाला चेहरा है, नहीं इसके मै सख्त खिलाफ हूँ,
IPP का मतलब है intelligent होना, आपका पार्टी में होना, बुद्धिशाली होना और कर्मठ होना और इमानदार होना ही एकमात्र क्राइटेरिया होगा टिकेट के लिए|
AGENDA#44---आवास की व्यवस्था ठीक से अभी तक हो नहीं पाई है भारत में.
पहला तो यह कि जब हम जनसंख्या नियन्त्रण करते हैं, आवास समस्या भी घटने लगेगी, यदि जनसंख्या बढ़ती ही रहती है तो आप जितने मर्ज़ी इंतज़ाम कर लें वो कम ही रहेगा
दूसरा, जैसे ही हम किरायेदार और मकान मालिक के बीच के कानून को और सुधार देंगे तो किराए के लिए बाज़ार में मकान बढ़ जायेंगे और किराए गिर जायेंगे
तीसरा, प्रॉपर्टी मार्किट को दो नंबर के पैसे खपाने का ठिया न बना के एक नंबर की बाज़ार में तब्दील कर दिया जाएगा, सर्किल रेट आज भी कई जगह असल कीमत बीस प्रतिशत ही है, मार्किट का सर्वे करके सर्किल रेट बढ़ाये जायंगे...और हर छ महीने में सर्किल रेट का पुनरावलोकन किया जाएगा चूँकि प्रॉपर्टी मार्किट बहुत तेज़ी से बदलती है, इस से प्रॉपर्टी के रेट असल रेट होंगे जो बाज़ार मांग और सप्लाई के आधार पर तय होंगे, प्रॉपर्टी की काला बाजारी खतम हो जायगी, जो लोग प्रॉपर्टी मात्र इस किये दबा के बैठे रहते हैं कि उन्हें अपना पैसा खपाना होता है या फिर रेट बढने की उम्मीद होती है , वो लोग इस बाज़ार से बाहर हो जायेंगे , घर वो लोगों की पहुँच में आ जाएगा जिनको असल में इस की ज़रुरत है
चौथा, multi स्टोरी बिल्डिंग बनाई जायेंगी सरकार द्वारा, जब आप ज़मीन के एक टुकड़े पर १५ मंजिला इमारत बना सकते है तो दो या चार मंजिल बना कर उसे क्यों खराब किया जाए, सरकार यह काम अपने हाथ में लेगी, ज़मीन किसानों से ली जायगी उनकी मर्ज़ी से, ज़मीन की ओपन बोली लगेगी, जो किसान को सबसे ज़्यादा कीमत देगा और जो सबसे सस्ता घर देगा वो ही बिल्डर इसमें आ पायेगा, मकान के खरीदारों की एक टीम बनाई जायगी जो, जब तक बिल्डिंग तैयार नहीं होती, काम की supervision करते रहेंगे
पांचवां, जो भी कॉलोनी बस चुकी वो वैध होंगी, अगर अवैध होती तो बसने ही न दी जाती, अब बस गयी तो कहे की अवैध, उन्हें प्रॉपर्टी रजिस्ट्री का हक़ होगा, उन्हें जो सुविधा दी जा सकती हैं वो तुरंत दी जायेंगी
बस्तियां बसते बसते बसती हैं,
और रातों रात नहीं, सालों में, दशकों में बसतीं हैं
कैसे हो गयी अवैध और अगर थी अवैध तो कैसे बस गयीं क्योंकि
बस्तियां तो बसते बसते बसती हैं, और रातों रात नहीं, सालों में, दशकों में बसतीं हैं
असल में अवैध ये बस्तियां नहीं, नेता हैं ,
जिनके लिए गरीबों के वोट की कीमत है, पर जिंदगियां सस्ती हैं
ये बस्तियां अवैध नहीं, यहाँ जिंदगियां हँसतीं हैं
बचपन, बुढ़ापा, जवानियाँ ठसतीं हैं
बस्तियां बसते बसते बसती हैं,
अक्लें नेताओं पर फब्तियां कसती हैं,
अवैध हों तो कहीं बस्तियां बसती हैं|
AGENDA#45--- अक्सर हम सुनते हैं कि सरकारें बुरी इस लिए हैं क्योंकि पब्लिक बुरे लोग चुन के भेजती है संसद में, इस की एक वजह यह भी है कि पब्लिक की सामन्य सोच वक्त के साथ बढी ही नहीं...जमाना हवाई जहाज तक पहुँच गया, पब्लिक अभी भी बैलगाड़ी की समझ से चल रही है, समाज के समग्र विकास के लिए पब्लिक की सामूहिक सोच में ऊँचाई आना ज़रूरी है , इस लिए IPP ऐसा इंतज़ाम करेगी कि पब्लिक के लिए खुली वर्कशॉप आयोजित की जाएँ जिसमें जन साधारण को जीवन की विभिन्न विधायों में निशुल्क पारंगत किया जा सके, उदाहरण के लिए धन की जाल साजी से कैसे बचा जाए , बलात्कार से बचने के लिए लड़कियों को क्या सावधानीयां बरतनी चाहिए, सडक पर चले तो क्या सावधानियां बरते, छुट्टियों में शहर से बाहर जाएँ तो क्या क्या प्लानिंग करना चाहिए ..आदि..आदि |
AGENDA#46--- हमारी सरकार में हमें बस पता लगने की देर होगी कि हमारे मुल्क के किसी कोने में कोई अच्छा एथलिट है या फिर कोई अच्छा वैज्ञानिक या फिर कोई अच्छा कलाकार, हम हर सम्भव प्रयास करेंगे इनको आगे बढाने में, न सिर्फ राष्ट्रीय स्तर पर बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी....
हम अपनी नयी पुरानी कलाओं को देश और विदेश में जितना फैला सकेंगे फैलायेंगे, यदि पब्लिक किसी विधा को बिलकुल नकार देगी तो फिर उस विधा को छोड़ दिया जाएगा
मुझे लगता है कि हमारी पाक कला के आगे पश्चिम के पिज़्ज़ा बर्गर बच्चे हैं...और हमारे आयुर्वेद और योगासन दुनिया सीख ले तो एलॉपथी का धंधा आधा भी न रहेगा
हमारे नृत्य चाहे शास्त्रीय, चाहे फ़िल्मी, इनके आगे पश्चिम के नृत्य मात्र हाथ पैर पटकना है, हमारे सॉफ्ट म्यूजिक के आगे पश्चिम का संगीत मात्र गला फाड़ना है
हम कॉस्मिक हैं, सारी दुनिया से जो अच्छा हो, वो लेने में यकीन करते हैं|
पश्चिम का विज्ञान लेना ही चाहिए लेकिन पश्चिम की अंधाधुंध मार्केटिंग से बचना होगा, वो देखना होगा कि यदि कोला सेहत के लिए नुकसानदायक है तो उसे बढ़ावा न दिया जाए, बर्गर पिज़्ज़ा में यदि मैदा है तो दुनिया को मैदे के नुक्सान बताना ज़रूरी हैं
IPP सरकार यह नहीं देखेगी कि मात्र धंधे को बढ़ना चाहिए, बल्कि यह देखेगी कि धन्धा वो बढ़ने दिया जाए जो समाज के फायदे में हो, न कि मात्र पूंजीपति की पूंजी बढाने का औज़ार
Advertisement में कोई भी बात बढ़ा चढ़ा कर न बताई जाए इसका ख़ास ध्यान रखा जाएगा, जो भी दावा कोई कंपनी/ व्यक्ति करे वो उसे वैज्ञानिक ढंग से साबित करना होगा, उसका सर्टिफिकेट सरकार से लेना होगा , तभी वो अपना दावा पब्लिक में पेश कर पायेगी/ पायेगा|
AGENDA#47--- मुझ से IPP मेम्बर मित्रों ने पूछा कि बेरोजगारी के लिए मेरा क्या सुझाव है.....देखिये हमें करना यह होगा कि हम अपना औद्योगिक उत्पदान जितना तेज़ी से बढ़ा सकें बढ़ाएं, बैटरी रिक्शा चाइना से आये, लानत है, हम यहाँ पर बना कर उससे सस्ता अपने ही मुल्क वासियों को न दे पायें, लानत है
नहीं, पूरी कोशिश करेंगे कि हमारे यहाँ का उत्पादन चाइना से बढ़िया और सस्ता हो, हम बढ़िया से बढ़िया तकनीक लायेंगे और टैक्स इस तरह से लेंगे कि वस्तु अंतर्देशीय बाज़ार में दुनिया को टक्कर दे सके
और शिक्षा में यह ध्यान ज़रूर रखा जाएगा कि व्यक्ति ऐसा कुछ ज़रूर सीखे जो उसे कुछ कमा के दे सके
अब इस से होगा यह कि हमारे बेरोजगारों को रोज़गार मिलेगा, हमारा राजस्व बढ़ेगा|
AGENDA#48---कोई भी व्यक्ति, चाहे वो कोई पुलिस वाला हो, चाहे फ़ौजी, चाहे सिविलियन, जिसने भी कोई बहादुरी का काम किया होगा, किसी की जान बचाई हो, किसी को कोई मदद की हो, सरकार उन्हें उभरेगी हीरो की तरह
हीरो क्या क्रिकेट खेलने वाले या फिल्म के एक्टर ही होते हैं?
नहीं, हम हीरो की परिभाषा ही बदल देंगें|
AGENDA#49--- पार्टी अपने सारे काम काज का बयोरा अपनी वेबसाइट पर देगी, सरकार बनने पर भी ऐसा ही होगा, सरकार क्या काम करने जा रही है, क्या कर रही है, क्यों कर रही है, सब जानकारी साईट पर मौजूद होगी, पब्लिक अपने सुझाव, अपनी शिकायत भी इसी साईट पर दे सकेगी, कुछ भी छुपा न होगा, सब पब्लिक के सामने|
AGENDA#50--- मुझ से पूछा गया कि पार्टी का फण्ड कहाँ से आएगा, निश्चित ही पब्लिक से...
पार्टी समाज की है, धन भी समाज ही देगा, यथासम्भव, यथाशक्ति
सारे आदान प्रदान का बयोरा वेबसाइट पर होगा, फिर भी जो लोग लेन-देन के लिए मुख्यतः जिम्मेवार होंगे वो हर दम एच्छिक Lie detector test/ Hand writing test के लिए तैयार होंगे और हर पन्द्रह दिन बाद इस टेस्ट से गुजरेंगे भी|
जारी....
AGENDA#51---बहुत से लोग अपने बैंक लाॅकर्स तथा बैंक खातों के उत्तराधिकारी नियुक्त नहीं करते।और उनकी मृत्यू के पश्चात वह अकूत धन उन बैंकों में बग़ैर किसी दावेदारी के पड़ा रहता है। आईपीपी इस तरह की व्यवस्था करेगी कि वह ग़ैर दावेदारी वाले खातों और लाॅकर्स को उनके उत्तराधिकारियों को दिलवा सके अथ्वा उन्हें सामाजिक कल्याण योजनाओं में लगाया जा सके। आईपीपी की कार्य योजना में यह भी शामिल है कि जो कुत्सित, मलिन कार्य हैं वह बारी बारी से सब लोग करें। केवल क्षुद्र या नीची जात के लोग ही इस तरह के कार्य क्यों करें। हम एक ऐसा ढांचा विकसित करना चाहते हैं जिसमें बड़े तथा छोटे का भेदभाव समाप्त हो।क्षुद्र लोगों को अशिक्षित रखा गया ताकि उनसे इस प्रकार के कुत्सित कार्य कराए जा सकें।उनसे मैला तथा मलिन उठवाया जा सके। आपने नहीं देखा होगा कि इन कामों को कभी ब्राह्मण लोग कर रहे हैं। हम इस प्रथा अथ्कोवा ढांचे को बदलना चाहते हैं।
Agenda #52---न मेरी है, न तेरी है, हम सबकी है, सब आ जाएँ इस विचार गंगा में, और यह विचार गंगा न सिर्फ गंगा की मैल को साफ़ करेगी बल्कि पर्यवरण के रख रखाव के लिए जी जान से लड़ेगी
प्लास्टिक का उपयोग कम करेंगे
मैंने देखा है गलने वाला प्लास्टिक जैसा पदार्थ, अभी महंगा है लेकिन उसे देखेंगे कैसे सस्ता किया जा सकता है .....पेड़ ज्यादा से ज्यादा लगायेंगे.....
उद्योगों को मजबूर करेंगे कि जितना हो सके औद्योगिक कचरा रीसायकल करें
कचरे का निबटान भी बेकार है अभी, लोगों को ट्रेन करा जाएगा, घर घर जा कर समझाया जाएगा कि गलने वाला और न गलने वाला कूड़ा अलग अलग रखना है, और एसा न करने पर जुर्माना लगाना होगा
फिर कोई ज़मीनी डलाव नहीं होने चाहिए, छोट्टी गाड़ियाँ घर घर से कूड़ा लें और सीधा बड़ी गाड़ियों से जहाँ ले जाना हो ले जा कर फेंक दिया जाए|
Agenda #53---एक व्यक्ति अपने जीवन काल में जितना मर्ज़ी धन कमाना चाहे कमा ले, लेकिन उसकी अगली पीढी को पांच करोड़ से ज़्यादा नहीं मिलेगा उसकी सम्पदा में से, बाकी सम्पदा सामजिक कार्यों में लगेगी उस के मरते ही, शिक्षा और स्वास्थ्य पर सबसे ज़्यादा....इसी तरह से समाज में पूंजीवाद से पैदा हुए अलगाव को पाटा जा सकता है......
यह व्यवस्था पूंजी वाद और समाजवाद का समिश्रण होगी, यदि व्यक्ति को व्यक्तिगत पूंजी का हक़ न मिले तो उसका मोटिवेशन खो जाता है कुछ भी करने का और यदि पूंजी परिवार में ही रहगी तो समाज में एक बड़ा गैप रहेगा हमेशा, गरीब ज्यादातर सारी उम्र स्ट्रगल ही करते रहेंगे
गरीबी अमीरी जन्म से न जुड़े तो बेहतर
कुदरत किसी बच्चे को गरीब की तरह पैदा नहीं करती
सब बच्चे बादशाह की तरह पैदा होते हैं
हम बनाते हैं अमीर गरीब
चलिए कोशिश करें इस फर्क को कम करने का
अमीर चाहें तो अपने जीवन काल में ही समाजिक संस्था को अपना पैसा दान कर सकते हैं जैसा अकी बिल गेट्स और वारेन बफ्फे जैसे लोगों ने किया है
अमीर लोगों के बच्चे कभी प्रति बच्चा 5 करोड़ से ज़्यादा की सम्पति विरसे में न पायेगा
बाकी सब कारोबार, या निजी सम्पदा, सामाजिक कार्यों में बाँट जायेगी और पत्नी या पति भी 5 करोड़ ही पायेगी/ पायेगा विरसे में..
हाँ, जो पूंजी व्यापार मिलेगी होगी, वो व्यापार जब तक चलेंगे उनका प्रॉफिट समाज को मिलेगा और जब बंद होंगे तो उनकी पूंजी समाज को मिल जायेगी
पारिवारिक पार्टनरशिप काम के लिए की जा सकती है लेकिन पूंजी वैसे ही बंटेगी जैसे मैंने ऊपर कहा, परिवार में से पिता या माँ एक को ही मुखिया माना जाएगा जिसके मरने पर पूंजी परिवार और समाज में उपर लिखित तरीके से बंटेगी|जारी...
Agenda #54--- Ranchmen’s fund से जो पैसा आएगा उसका एक निश्चित हिस्सा "मैरिज रिमूवल फण्ड" को जाएगा, जो लोग शादी शुदा हैं, लेकिन अब शादी से बाहर आना चाहते हैं लेकिन धन की कमी की वजह से आ नहीं पा रहे, लाटरी द्वारा ऐसे जोड़ों के नाम निकाले जायेंगे और इस कोष से उनके बच्चों का पालन पोषण और शिक्षण किया जाएगा या यदि पत्नी पैरों पर नहीं खडी तो उसे भी इस कोष से सक्षम बनाया जाएगा|
AGENDA #55--- हमारा मानना है कि हम जितना समाज के काम आ सकें, आना चाहिए.
सो हम समय-समय पर रक्त दान करेंगे, न सिर्फ रक्तदान बल्कि मृत्युपरांत शरीर दान के लिए भी इकरार करेंगे और पब्लिक को भी इस के लिए प्रत्साहित करेंगे
लेकिन यह सब स्वैच्छिक ही होगा, इसके लिए किसी को भी मज़बूर नहीं किया जाएगा, IPP सदस्य को भी नहीं
जो एसा नहीं करेगा हमारी नज़र में भी वो भी सम्माननीय है, हरेक व्यक्ति अपने ढंग से मूल्यवान हो सकता है|
AGENDA #56--- पब्लिक स्कूल उस तरह से नहीं चलाये जायेंगे जैसे आज चलाए जाते हैं
लगभग मुफ्त मिली करोड़ों, अरबों रुपये की सार्वजानिक भूमि के मालिक बन बैठे हैं स्कूल चलाने वाले
पब्लिक स्कूल की भूमि पर हक़ पब्लिक का ही रहेगा, भूमि सार्वजानिक ही रहेगी,
चलाने वाले मात्र मेनेजर की भूमिका निभायेंगें
ओपन बोली लगेगी, जो सबसे कम फीसें लेकर, सबसे बढ़िया माहौल में शिक्षा प्रदान करने की बोली देगा, उसे ही स्कूल चलाने का ठेका दिया जाएगा और यह बोली हर दो-तीन वर्षों में लगती रहेगी
किसी भी समय यदि 60 प्रतिशत से ज्यादा अभिभावक चाहते हैं कि मैनेजमेंट बदल दिया जाए तो उनकी डिमांड पर स्कूल चलाने के लिए बोली फिर से खोली जा सकती है
अभिभावकों की एक एसोसिएशन होनी ही चाहिए.......... Mandatory....स्कूल मैनेजमेंट इस एसोसिएशन के साथ मिलकर ही काम करेगी, इस एसोसिएशन के मेम्बर को हक़ होगा कि वो स्कूल में सफाई, बिजली, पानी और अन्य व्यवस्थायों को देख सके
यदि स्कूल कोई भी खर्च बढ़ाते हैं तो उन्हें अभिभावकों को उसकी वजह बतानी ही होगी
बच्चों को स्कूल यूनिफार्म से आज़ाद किया जाएगा, पहचान के लिए बच्चे कोई "बिल्ला" लगा सकते हैं, पढाई का यूनिफार्म से क्या लेना देना? बच्चा या बड़ा कोई भी एक ही रंग के कपडे रोजाना नहीं पहनना चाहता, फिर काहे बच्चों के जीवन में नीरसता घोलना?
इस तरह से स्कूल जो बहुत सा धन कमाते हैं स्कूल यूनिफार्म से, उस से अभिभावकों को छूट मिल जायेगी
इस के अलावा बच्चों को "लाजिमी प्रार्थना" से भी छूट मिलेगी
जिसे प्रार्थना में जाना हो जाए, न जाना हो न जाए, परमात्मा को खोजना न खोजना, मानना न मानना एक बहुत ही निजी मामला है, उसमें किसी भी तरह से किसी को मजबूर करना ठीक नहीं है|
AGENDA #57--- प्रशासनिक व्यवस्था में जितना हो सकेगा पब्लिक की भागीदारी बढ़ायी जायेगी.....जैसे सरकारी अस्पतालों के निरिक्षण का हक़ होगा आस पास की नागरिक संस्थायों को, इन को हक़ होगा खाते चेक करने का, ऑडियो, विडियो बनाने का, फोटो लेने का...
इसी तरह से मान लीजिये आपके आस पास सडक बनाई जानी है तो RWA को इस सड़क में लगाये जाने वाले मटेरियल की पूरी जानकारी दी जायगी और आमंत्रित किया जाएगा कि वो बनती सड़क का निरिक्षण कर सकें.....विडियो बना सकें
सरकारी स्कूल में पढने वाले बच्चों के अभिभावकों को पूरा हक़ होगा कि वो स्कूल के मैनेजमेंट को चेक कर सकें .....|
AGENDA #58--- बिलकुल पूछा जा सकता है कि IPP जो एजेंडा में घोषित कर रही है उसके लिए प्रतिबद्ध है भी कि नहीं..
तो एक तो यह कि हमने वैज्ञानिक परीक्षणों (LIE DETECTOR TEST, HAND WRITING ANALYSIS ETC) से गुजरने का प्रावधान किया है, वो सबसे पहले हम पर लागू होते हैं
दूसरा, हमारे एजेंडा में कहे गए कामों में से ज़्यादातर पहले एक दो महीनों में ही किये जा सकते हैं, और यदि हम इस इस तरह से काम नहीं करते तो जो भी भारतीय कानून के अंतर्गत वायदा खिलाफी की सजा होगी वो हम भुगतने को तैयार होंगें|
AGENDA #59---लड़कियों के लिए कमाने के ज़्यादा से ज़्यादा अवसर पैदा किये जायेंगे और तलाक आसान किया जाएगा...तलाक के लिए किसी भी एक पक्ष की न काफी होगी, बशर्ते कि बच्चों/बच्चे (यदि है/हैं) के पालन पोषण की ज़िम्मेदारी कोई और ले |
AGENDA #60---होमोसेक्सुअल मैरिज को न तो बढ़ावा दिया जाएगा और न ही उनका रस्ता रोका जाएगा, जिनको भी उस तरह से जीना हो उन्हें जीने दिया जाएगा बशर्ते कि वो सामान्य जनजीवन में कोई बाधा न डालते हों |
AGENDA #61—जिन को बिना शादी के साथ रहना हो वो रह सकेंगे बशर्ते वो ऐसी कोई अर्ज़ी सरकारी कार्यालय में बाकायदा जमा करा दें ताकि बाद में कोई भी एक पक्ष दूसरे पर ज़बरदस्ती का इलज़ाम न लगा पाए, और यह अर्ज़ी एक दम गुप्त रखी जायेगी |
AGENDA #62---हमारा मानना है कि हम जितना समाज के काम आ सकें, आना चाहिए|
सो हम समय-समय पर रक्त दान करेंगे, न सिर्फ रक्तदान बल्कि मृत्युपरांत शरीर दान के लिए भी इकरार करेंगे और पब्लिक को भी इस के लिए प्रत्साहित करेंगे
लेकिन यह सब स्वैच्छिक ही होगा, इसके लिए किसी को भी मज़बूर नहीं किया जाएगा, IPP सदस्य को भी नहीं
जो एसा नहीं करेगा हमारी नज़र में भी वो भी सम्माननीय है, हरेक व्यक्ति अपने ढंग से मूल्यवान हो सकता है|
AGENDA #63---पब्लिक स्कूल उस तरह से नहीं चलाये जायेंगे जैसे आज चलाए जाते हैं,
लगभग मुफ्त मिली करोड़ों, अरबों रुपये की सार्वजानिक भूमि के मालिक बन बैठे हैं स्कूल चलाने वाले
पब्लिक स्कूल की भूमि पर हक़ पब्लिक का ही रहेगा, भूमि सार्वजानिक ही रहेगी,
चलाने वाले मात्र मेनेजर की भूमिका निभायेंगें
ओपन बोली लगेगी, जो सबसे कम फीसें लेकर, सबसे बढ़िया माहौल में शिक्षा प्रदान करने की बोली देगा, उसे ही स्कूल चलाने का ठेका दिया जाएगा और यह बोली हर दो-तीन वर्षों में लगती रहेगी
किसी भी समय यदि 60 प्रतिशत से ज्यादा अभिभावक चाहते हैं कि मैनेजमेंट बदल दिया जाए तो उनकी डिमांड पर स्कूल चलाने के लिए बोली फिर से खोली जा सकती है
अभिभावकों की एक एसोसिएशन होनी ही चाहिए.......... Mandatory....स्कूल मैनेजमेंट इस एसोसिएशन के साथ मिलकर ही काम करेगी, इस एसोसिएशन के मेम्बर को हक़ होगा कि वो स्कूल में सफाई, बिजली, पानी और अन्य व्यवस्थायों को देख सके
यदि स्कूल कोई भी खर्च बढ़ाते हैं तो उन्हें अभिभावकों को उसकी वजह बतानी ही होगी
बच्चों को स्कूल यूनिफार्म से आज़ाद किया जाएगा, पहचान के लिए बच्चे कोई "बिल्ला" लगा सकते हैं, पढाई का यूनिफार्म से क्या लेना देना? बच्चा या बड़ा कोई भी एक ही रंग के कपडे रोजाना नहीं पहनना चाहता, फिर काहे बच्चों के जीवन में नीरसता घोलना?
इस तरह से स्कूल जो बहुत सा धन कमाते हैं स्कूल यूनिफार्म से, उस से अभिभावकों को छूट मिल जायेगी
इस के अलावा बच्चों को "लाजिमी प्रार्थना" से भी छूट मिलेगी
जिसे प्रार्थना में जाना हो जाए, न जाना हो न जाए, परमात्मा को खोजना न खोजना, मानना न मानना एक बहुत ही निजी मामला है, उसमें किसी भी तरह से किसी को मजबूर करना ठीक नहीं है|
AGENDA #64---प्रशासनिक व्यवस्था में जितना हो सकेगा पब्लिक की भागीदारी बढ़ायी जायेगी.....जैसे सरकारी अस्पतालों के निरिक्षण का हक़ होगा आस पास की नागरिक संस्थायों को, इन को हक़ होगा खाते चेक करने का, ऑडियो, विडियो बनाने का, फोटो लेने का...
इसी तरह से मान लीजिये आपके आस पास सडक बनाई जानी है तो RWA को इस सड़क में लगाये जाने वाले मटेरियल की पूरी जानकारी दी जायगी और आमंत्रित किया जाएगा कि वो बनती सड़क का निरिक्षण कर सकें.....विडियो बना सकें
सरकारी स्कूल में पढने वाले बच्चों के अभिभावकों को पूरा हक़ होगा कि वो स्कूल के मैनेजमेंट को चेक कर सकें ..... |
GENDA #65---उत्तराखंड की त्रासदी के ठीक बाद मैंने तीन कवितायें लिखी थीं
१) सन्देश है पहाड़ों से
इंसान की जात को
समझो अपनी औकात को
दूर रखो हम से अपनी जमात को
कुछ न समझें हम तुम्हारी बिसात को
न समझोगे तो हटा दिए जाओगे
बेतहाशा मिटा दिए जाओगे
और कभी देना मत हमें दोष
तुम थे ताकत के नशे में मदहोश
हमने तो सिर्फ़ अपना अस्तित्व बचाया है
तुम मिट गए तो तुम्हारी ही माया है
तुम्हारी ही माया है, तुम्हारी ही माया है
.........
२) फिर से सन्देश है पहाड़ों से
न समझोगे तो मिट जायोगे ए हिन्दोस्तान वालो तुम्हारी दास्ताँ भी न होगी दास्तानों में
..............................................................................................................
३) प्यारी बहन, प्यारे मित्र, प्यारे भाई,
कुदरत हमारी है, अपनी है, नहीं पराई
और वो कोई हमारी तरह बेज़ार है
नहीं, बिलकुल नहीं, बहुत बहुत समझदार है.
क्यों गर्मी में पानी से भरे खरबूज तरबूज पैदा किये
क्यों सर्द जगहों पर गर्माहट से भरे अखरोट और मेवे दिए
क्यों पहाड़ उसने दुर्गम बनाये, क्यों मैदान आसान
मात्र इस लिए कि हम तुम दूर रखें अपना अहसान
क्यों नहीं समझे हम
क्यों नहीं समझे तुम
नदियाँ, पहाड़ , इसलिए नहीं कि
वहां मंदिरों के नाम पर, हनीमून के नाम पर चढ़ायी कर दो, गन्दगी फैलायो
डायनामाइट लगा लगा कर पहाड़ों की जडें हिलाओ
जड़ें पहाड़ की नहीं, अपनी हिला रहे हैं
क़त्ल उसे ही करतें हैं, जिसका खा रहें हैं
क्यों नहीं समझे हम
क्यों नहीं समझे तुम
दोषी तुम हो,
दोषी हम हैं,
धरती को माँ कहते ज़रूर हैं लेकिन हर पल उसका बलात्कार करतें हैं
उस पर एकाधिकार समझ कर अत्याचार करतें हैं
अपनी जन संख्या का वज़न बढ़ाये जातें हैं
उल्लू मर जातें हैं, औलादों को पहाड़ों पे चढ़ाये जातें हैं
कुदरत का थप्पड़ है ये अभी, न समझे तो कहर टूटेगा
विनाश जो 12 में होना था, वो 13 में, 14 में कभी भी टूटेगा
निकलो निकलो अपनी बेवकूफ़ी के जंगलों से बाहर और चढो चढ़ाई अक्ल के पहाड़ की
थोडा वक़्त है, थोड़ी ही तुम्हारी हमारी अक्ल, समझो चेतावनी क़ुदरत की दहाड़ की
- - - - - - - - - - - - - - - - - - - -- - - - - - - - - -- - - - - - - - - - ----- - - - - -----
इन कवितायों से मेरा आशय तो मित्र समझ ही गए होंगे
भूगोल वैज्ञानिकों से राय ली जायेगी कि हमारे पहाड़ों पर कब कितने ज़्यादा से ज्यादा लोग भेजे जा सकते हैं...जितने लोगों के जाने को वैज्ञानिक सुरक्षित समझेंगे, उस संख्या से अधिक लोग कभी भी वहां नहीं जाने दिए जायेंगे
लोगों को एक निश्चित पहाड़ पर जाने के लिए पहले से बुकिंग करानी पड़ेगी
इसी तरह से भू-वैज्ञानिकों की राय के मुताबिक ही भू खनन की अनुमति दी जायेगी
भू-वैज्ञानिकों की हर राय से पब्लिक को अवगत कराया जाएगा
हर सम्भव प्रयास किया जाएगा कि हमारी तरफ से हमारे प्यारी पृथ्वी, हम सब का घर, इसे कोई नुक्सान न पहुंचे |
AGENDA #66----यह केवल काले धन का ही विषय नहीं है जिसको सरकार देश में वापिस लाने की बात कर रही है वरन उस घोषित धन को भी वापिस लाना चाहिए जो काले धन से कहीं अधिक मात्रा में विदेशों में चल तथा अचल संपत्ति के रूप में पड़ा हुआ है।और जिसको जान बूझ कर, कुत्सित भाव से विदेशों में डाला हुआ है। यह भी संभव है कि वह धन बढ़ न रहा हो तथा उन लाखों अप्रवासी भारतीयों की मेहनत की कमाई गर्त में पड़ी हुई हो।यह घोषित धन वह हो सकता है जो विदेशों में कार्यरत रहते हुए मृत्यू के गाल में समा गए हों तथा उनके लंबित वेतन, देय जिनकी दावेदारी न की गई हो, वहीं कुछ ऐसी अचल संपत्तियाँ भी होंगी जिनके स्वामी अब इस दुनिया में नहीं रहे होंगे। और उन अचल संपत्तियों का मूल्य दिन प्रति दिन बढ़ता ही जा रहा होगा। काला धन जिसका मुद्दा अभी वर्तमान में ही प्रकाश में आया है जबकि इस तरह का घोषित धन सैक्ड़ों वर्ष पुराना हो सकता है जिसका मूल्य आज के बाज़ार में अरबों रूपयों में हो सकता है। इस प्रकार की संपत्तियाँ विश्व के हर देश में हो सकती हैं जहाँ हमारे बुज़ुर्ग वर्षों तक कार्यरत रहे होंगे। बहुत संभव है कि बहुत से परिवार अपने उन मृत रिश्तेदारों की इन चल अचल संपत्तियों के विषय में कोई ज्ञान या जानकारी न रखते हों। और यह भी संभव है कि कुछ तत्व इन संपत्तियों का दुरोपयोग भी कर रहे हों। दरअसल, हमारे देश में इनके संरक्षण और संचालन के लिए कोई विशेष मंत्रालय या विभाग नहीं है जो विदेशों में पड़ी हुई अरबों रूपयों की चल एवं अचल संपत्तियों का विवरण ऱखे या देख रेख करे।मैं सौभाग्य समझता हूँ कि उच्चतम न्यायालय के संज्ञान में यह विषय लाकर प्रार्थना करना चाहूँगा कि वह भारत सरकार का ध्यानाकर्षण कराए तथा निर्देश दे कि वह इस बाबत समस्त दूतावासों, वाणिज्यदूतावासों को नोटिस जारी कर तुरंत कार्यवाही करने हेतू नोटीफ़िकेशन जारी करे ताकि भारत में रह रहे उनके निर्धन, असहाय परिजनों को उनका अधिकार मिल सके और उनके अपनों की मेहनत की कमाई उनके काम आ सके। इस विषय में उन देशों में कार्यरत उन मृत कर्मचारियों, व्यापारियों के सगे संबंधी, संगी साथी इस विषय में अवश्य ही जानकारी रखते होंगे।उनसे सम्पर्क साध कर इन मुद्दों पर कड़ी कार्यवाही की जा सकती है।बहुत संभव है कि कुछ असामाजिक तत्व उन चल एवं अचल संपत्तियों का दुरोपयोग भी कर रहे हों।
AGENDA #67---बहुत से लोग अपने बैंक लॉकर्स तथा बैंक खातों के उत्तराधिकारी नियुक्त नहीं करते।और उनकी मृत्यू के पश्चात वह अकूत धन उन बैंकों में बग़ैर किसी दावेदारी के पड़ा रहता है। आईपीपी इस तरह की व्यवस्था करेगी कि वह ग़ैर दावेदारी वाले खातों और लाॅकर्स को उनके उत्तराधिकारियों को दिलवा सके अथ्वा उन्हें सामाजिक कल्याण योजनाओं में लगाया जा सके। आईपीपी की कार्य योजना में यह भी शामिल है कि जो कुत्सित, मलिन कार्य हैं वह बारी बारी से सब लोग करें। केवल क्षुद्र या नीची जात के लोग ही इस तरह के कार्य क्यों करें। हम एक ऐसा ढांचा विकसित करना चाहते हैं जिसमें बड़े तथा छोटे का भेदभाव समाप्त हो।क्षुद्र लोगों को अशिक्षित रखा गया ताकि उनसे इस प्रकार के कुत्सित कार्य कराए जा सकें।उनसे मैला तथा मलिन उठवाया जा सके। आपने नहीं देखा होगा कि इन कामों को कभी ब्राह्मण लोग कर रहे हैं। हम इस प्रथा अथ्कोवा ढांचे को बदलना चाहते हैं।
AGENDA #68---मेरे मोहल्ले में झाड़ू लगाने वाली ने आगे लड़के रखे हैं.......मुझे पता लगा ऐसा लगभग हर जगह है......सरकार तनख्वाह देती है पच्चास हज़ार रूपए महीना और खुद काम न करके इन सरकारी मातहतों ने आगे पांच दस हज़ार रूपए महीना पर कामगार रखे हैं....
इसका मतलब.... यह कि सरकारी कर्मचारियों में से बहुत को दस गुना ज्यादा तनख्वाह मिल रही है
और मैंने तो ऐसे भी सरकारी कर्मचारी देखें हैं जो लगभग फुल टाइम अपना बिज़नस करते हैं...उनकी सेटिंग है...वहां एक दूसरे की हाजरियां लग जाती है.
इसका मतलब .....यह कि सरकार ने जितना स्टाफ रखा है शायद उससे आधे से काम चल जाए..
IPP देखेगी यह सब कुछ.....ठीक करेगी यह सब कुछ....
हम वोट लेने के लिए खामख्वाह तनख्वाह या भत्ते बढाने के पक्ष में बिलकुल नहीं हैं....
AGENDA #69---सब पार्टी वर्कर को पार्टी फण्ड से पार्टी के काम के लिए भत्ता अथवा तनख्वाह मिलेगी, जो अपनी मर्जी से न लेना चाहे वो उसकी इच्छा......लेकिन IPP पार्टी वर्कर कभी एसा न कह पायेंगे कि उन्होंने पार्टी में काम किया, पार्टी को खड़ा किया और पार्टी ने उनके लिए कुछ नहीं किया.....पार्टी अपने वर्कर के लिए जो बेहतरीन हो सकेगा करेगी...... |पार्टी फण्ड ऐसे लोगों से भी आता है जो पार्टी की विचारधारा से सहमती रखते हैं......उस फण्ड से ही पार्टी वर्कर की आर्थिक मदद होनी चाहिए...बिलकुल खुले में......हर व्यक्ति को टिकेट नहीं मिल सकता...किसी एक को ही मिलना होता है और फिर अच्छी राजनीती में जीतने पर कोई वारे न्यारे नहीं होंगे , बस जो सरकारी तनख्वाह मिलेगी उस से ही गुज़र करना होगा......तो फिर जो पार्टी को प्यार करने वाले कार्यकर्ता हैं, जो अपने जीवन का बहुमूल्य समय, तन मन लगा देते हैं पार्टी के लिए उन्हें क्या मिलता है ......निश्चित ही पार्टी को ही इसका कोई पुख्ता इंतज़ाम करना होगा |
AGENDA #70---बहुत कहा जाता है कि पढ़े लिखे लोग गैर ज़िम्मेदार हैं, वोट देने की बजाये पिकनिक मनाने चले जाते हैं......
बहुत कहा जाता है कि गरीब लोग, अनपढ़ लोग, कम पढ़े लिखे लोग, एक शराब की बोतल, एक बोरी आटा या ऐसे ही किसी छोटे लालच की वजह से वोट बेच देते हैं
अनर्थ करते है
लेकिन ग़लत है यह सोच, उन्हें पता है कि वोट किसी को भी दो कोई फर्क नहीं पड़ना, सब चोर हैं, अकर्मण्य हैं, अयोग्य हैं, वोट राम लाल को दो चाहे शाम लाल को , बस नाम का फर्क है, शक्ल का फर्क है...उससे ज़्यादा कुछ नहीं
उन्हें पता है, इस सिस्टम के अंतर्गत खड़े उम्मीदवारों में से किसी को भी चुनना अलग अलग बीमारियों में से किसी एक को चुनने जैसा है
उन्हें पता है , इस तरह से किसी एक प्रत्याशी को चुनना, बुरों में से, बेईमानो में से, बेहूदों में से, गैर ज़िम्मेदारों में से, किसी एक को चुनना है
उन्हें पता है कि इस तरह से किसी भी एक प्रत्याशी को चुनना बेईमानों में से, चोरों में से, डाकूओं में से सबसे छोटे चोर, डाकू, सबसे कम बेईमान को चुनना है जो कि चुने जाने के बाद पहले वाले चुने गए प्रत्याशी से बड़ा चोर डाकू और बेईमान साबित होने वाला है
और उनका वोट न देना भी अपने आप में एक तरह की वोटिंग ही है, जो यह बताती है कि वो लोग इस पूरे सिस्टम में विश्वास ही नहीं रखते
यह जो NOTA का आप्शन दिय जा रहा है, वो फ़िज़ूल है, सबको सब पता है.....नया प्रत्याशी भी इसी तरह के सिस्टम में आएगा वो भी बहुत बेहतर साबित नहीं होने वाला
ज़रुरत है तो सिस्टम को दुबारा देखने की
अभी का उदाहरण लें, अँधा पैसा खर्च किया जा रहा है चुनाव पर
यह पैसा कहाँ से आया है, पब्लिक से,
यह पैसा कहाँ से वसूला जायेगा पब्लिक से
मरे जा रहे हैं पब्लिक की सेवा करने को
नहीं, जब तक चुनाव इस तरह से लड़े जायेंगे, भ्रष्टाचार रहेगा
इतना ताम झाम, इतने लोग, इतनी भीड़, इतने असली-नकली समर्थक...
नहीं. यह सब की कीमत है, खर्च है...वो सब भ्रष्टाचार लाएगा......आखिर वसूली भी तो करनी है
चुनाव प्रचार इस तरह से होना ही नहीं चाहिए, किसी भी पार्टी यदि एक निश्चित संख्या में समर्थक जुटा लेती है तो उसे और हरेक उस जैसी पार्टी को सरकारी रेडियो, टीवी, अखबार आदि में बराबर कवरेज दे दी जानी चाहिए, जो कहना हो कह दें, जो लिखना हो लिख दें, ख़तम कहानी
पैसे का रोल ही चुनाव में ख़तम
यह जो आज चुनाव लड़ा जा रहा है, यह कोई तरीका है?
यह तो वोटर का दिमाग खराब करना है, उसे सम्मोहित करना है
गलत है यह, सही करने की एक विधि सुझाई है मैंने, आप भी सुझा सकते हैं
सुस्वागतम|
AGENDA #71---पड़ोस में माता का जागरण हो रहा है..तेज़ लाउड स्पीकर....मैंने फ़ोन करके आवाज़ कम करने को कहा तो थोडा कम कर दी थी............अब किसी ने पुलिस बुला ली है.....स्पीकर हटा लिए गए हैं.........लेकिन बिन स्पीकर के भी बहुत जोर लगा कर गाया बजाया जा रहा है........मेरा घर तो थोडा दूर है......लेकिन बिलकुल साथ वाले...उनका हाल वो ही जाने......यह धर्म है.......?
चाहे मुस्लिम मस्जिद से लाउड स्पीकर लगा कर बोले, चाहे कोई गुरुद्वारे से...चाहे शादी हो या कोई और डी जे पार्टी ...... सब बंद होना चाहिए...लाउड स्पीकर का प्रयोग साउंड प्रूफ जगहों में ही होना चाहिए या शहर से बहुत बाहर...वो भी समय सीमा के साथ|
AGENDA #72--- सडकों पर पंडाल लगाना, लंगर चलाना, बैठ कर नमाज़ पढना, शोभा यात्रा निकालना सब बंद........किसी भी धार्मिक या सामाजिक कार्य के लिए कम्युनिटी सेंटर या मंदिर , मस्जिद, गुरूद्वारे इत्यादि बनाये गए हैं .... समाज के किसी भी एक वर्ग के लिए पूरे समाज के दैनिक जन-जीवन को बाधित नहीं किया जा सकता .....जो भी सडक बंद कारेगा या यातायात अवरुद्ध करेगा......दण्डित होगा|
AGENDA #73---IPP पूरी तरह से प्रयास करेगी कि गोश्तखोरी बंद हो,
हिन्दू नाराज़ होते हैं कि मुस्लिम गाय खाता है जो कि उसके लिए पूज्य है, मेरा मानना है कि हर प्राणी पूज्य है.....
क्या कल कोई बड़ा परानी आकर इंसान के बच्चे को खाए तो यह स्वीकार होगा हमें?
फिर हम कैसे किसी और नस्ल को खा सकते हैं?.......नहीं
यह सब बंद होना चाहिए.....इस दिशा में PETA जो कर रही है मैं उसके समर्थन में हूँ...मेनका गांधी जो कर रही हैं...मैं उसके समर्थन में हूँ.......
अब सवाल है कि किसी का मज़हब इज़ाज़त देता है कि मांस खाया जाए......तो उन्हें तकलीफ होगी कि मांस खाने से कैसे रोका जा सकता है
नहीं, किसी धार्मिक किताब में क्या लिखा है इसका कोई मायने नहीं है.....खाने के लिए जितनी हिंसा कम हो उतना बेहतर...पेड़ पौधों में भी प्राण हैं..वो भी दुःख दर्द अनुभव कर सकते हैं लेकिन क्या हम उनसे नीचे का कोई भोजन ले सकते हैं?
क्या हम लक्कड़ पत्थर खा सकते हैं?.
कोई चारा नहीं.....सो वनस्पति खाए बिना कोई और चारा नहीं...उससे ही काम चलाना होगा....|
AGENDA #74---सब धर्म गुनाहगार हैं मानव को अँधा करने के
दंगों की असल वजह क्या है?....वजह अंध धार्मिकता है और कुछ नहीं
अंध विश्वास की वजह क्या है?....वजह अंध धार्मिकता है और कुछ नहीं
हर वैज्ञानिक विचार के विरोध की वजह क्या है?....वजह अंध धार्मिकता है और कुछ नही
धर्म-उन्मादी शक्तियों के राजनैतिक उठान की वजह क्या है?....वजह अंध धार्मिकता है और कुछ नही
किसी ने गाय की पूँछ काट कर मंदिर में फैंक दी...दंगे, मौतें
किसी ने धर्म ध्वज जला दिया..........दंगे..मौतें
किसी ने पवित्र ग्रंथ जला दिया.........दंगें, मौतें
इंसानियत को इस अंधेपन से बाहर आना होगा...
और पूरा दम लगा रखा है तथा कथित धर्मों के ठेकदारों ने और राजनेताओं ने कि इंसान बुधू, लल्लू, उल्लू बना रहे
वक्त आ गया है खुल कर कहने का कि दफा हो जाओ, हमें इस पृथ्वी पर न कोई तथा कथित धर्म चाहिए, न इन धर्मों को आधार बना कर खड़े राजनेता
हमें आत्मा परमात्मा को खोजना होगा हम खुद खोज लेंगे....उसके लिए क्या हिन्दू, मुस्लिम, सिख होना ज़रूरी होता है?
आज ज़रुरत है ऐसे लोगों कि जो घोषणा करें कि वो किसी धर्म से नहीं बंधे....मुझे पता है बहुत मुश्किल है....असम्भव जैसा...
खुशवंत सिंह जैसे व्यक्ति जो जीवन भर स्वयं को फ्री थिंकर कहते रहे लेकिन अपने सिख रूप को न छोड़ सके......
बहुत मुश्किल है, अमूमन तो व्यक्ति जिस धर्म में पैदा होता है, सारी उम्र उसे ही ठीक मानता, सबसे ठीक मानता है....
जब तक इस जंजाल से बाहर नहीं आयेगी दुनिया....दुनिया तरक्की नहीं कर पायेगी....वैज्ञानिक उपकरण तो आगे बढ़ जायेंगे लेकिन मानवीय सभ्यता न बढ़ पायेगी, वो जंगलों में ही भटकती रह जायेगी......
बहुत कड़ा कदम होगा, लेकिन इंसानियत को उठाना ही पड़ेगा...
आज सेक्युलर की ज़रुरत नहीं, ऐसे लोगों की ज़रुरत नहीं है जो यह कहते हों कि ईश्वर अल्लाह तेरो नाम.................आज ऐसे लोगों की ज़रुरत है जो कहते हों, बस बहुत हुआ यह सब.....सब नाम मनुष्य के दिए हैं.........और जिसे खोजना है, खोज ले चुपचाप....दूसरों को परेशान न करे,
ईश्वर, आत्मा परमात्मा की खोज के नाम पर सब गिरोहबाज़ी, गुटबाजी बंद
IPP का नियंता होने के नाते यह घोषित करता हूँ कि हम सब धर्मों को इस पृथ्वी से विदा करने को कटिबद्ध हैं
AGENDA #75---सभी के द्वारा निम्नतम श्रेणी की नौकरियाँ बारी-बारी से किया जाना !!!
(DIRTY JOBS TO BE DONE BY ALL ON ROTARY BASIS)
सदियों से भारतीय समाज में दलितों / शूद्रों शोषण होता आया है. इन लोगों को जानबूझ कर अनपढ़ रखा गया, गरीब रखा गया, ताकि वे समाज का कचरा उठाते रहें, शौचालय और गन्दी नालियां साफ करते रहें, और चमड़े के जूते चप्पलें बनाते रहें. ये सब सत्ता की धूर्तता थी जो अभी भी चल रही है। आपने मुश्किल से ही कभी किसी ब्राह्मण को किसी के घर का शौचालय और गन्दी नालियों या सड़क की सफाई करते देखा होगा । इन सभी नौकरियों को तथाकथित नीच या छोटी जातियों (दलितों/शूद्रों) के लोगों द्वारा किया जाता है। IPP व्यावहारिक रूप से इस प्रणाली को खत्म कर देगी | समाज के सभी वर्गों के सदस्यों, अमीर या गरीब, किसी को भी, इन गंदी नौकरियों को एक रोटरी-प्रणाली के आधार पर यानी कि बारी बारी से करना होगा । भला क्यों कोई अन्य हमारे लिए ये गंदे कार्य करता रहे? नहीं, अब और नहीं. अब से हम सबको एक-दूसरे के लिए इस प्रकार के कार्य करने चाहिए |
Dirty जॉब से मुक्ति सही तकनीक से संभव है|
आजकल ऐसी मशीने उपलब्ध हैं जो सीवर साफ़ कर देती हैं.. किसी व्यक्ति को अन्दर उतरने की जरुरत नहीं |
विज्ञानं और तकनीक ने ही बहुत तरह की आजादी दी है |
IPP सोसायटी की पूरी संरचना को बदल देगी ।
AGENDA #76---लोकतंत्र जिन्दा लोगों से चलता है, सरकारों से नहीं, जिन्दा कौमें पांच साल इन्तजार नहीं करतीं !!!!!!!
यदि सरकार के विरुद्ध 50 पर्तिशत से ज़्यादा लोग खिलाफ़त करते हैं तो सरकार गिरा दी जानी चाहिए और चुनाव फिर से होने चाहिए............
और चुनाव पर होने वाले खर्च वाला तर्क बिलकुल नहीं चलेगा चूँकि खर्च तभी होता है जब चुनाव का बाजारीकरण किया जाता है....चुनाव लोकतंत्र का उत्सव न होकर प्रोडक्ट सेलिंग बन जाता है.....यह लोकतंत्र बिलकुल नहीं है, यह पैसे का नंगा नाच है....यह अंधाधुंध विज्ञापन से खड़ा किया गया सम्मोहन है...ऐसा करना कतई allowed ही नहीं होना चाहिए........तुम सेवा करने आये हो या लूटने......काहे इतना खर्चा कर रहे हो भाईऔर कौन तुम्हें इतना पैसा दे रहा है और क्यों दे रहा है?
नहीं, यह सब नहीं चलना चाहिए, इस तरह का प्रचार बंद.
कोई भी पार्टी एक निश्चित जनाधार बना लेने पर टीवी, अखबार, रेडियो आदि पर सरकारी खर्चे पर बराबर एक्सपोज़र पाए....खुली बहस आयोजित की जा सकती हैं, जिसमें जिसने अपने प्रोग्राम बताने हों, अपना एजेंडा, बताये....छुट्टी.....सबको बराबर मौका.......और इस तरह से प्राइवेट मीडिया पर भी लगाम लगेगी.....मीडिया बस खबरें देगा.....बहस मुबाहिसा सब नेशनल चैनल पर, कोई प्राइवेट चैनल का दखल नहीं......
और बहुत से इंतज़ाम किये जा सकते हैं......बस थोडा इस दिशा में सोचने की ज़रुरत है
याद रखें ...ज़िंदा क़ौमें पाँच साल इंतज़ार नही करतीं ........ ......सरकार कभी भी बनाई जा सकती हैं गिराई जा सकती हैं....सरकार हमारी बनाई होती हैं...हमारे लिए होती हैं......संविधान, सब कायदा कानून हमारे लिए है.....हम ये सब कभी भी बदल सकते हैं....|
AGENDA #77---सब पशु पक्षियों को चिड़ियाघरों से आजाद कर दिया जाएगा, वहां सिर्फ बीमार, घायल पशु पक्षियों को ही रखा जाएगा...जिन्हें ठीक होते ही कुदरती ठिकानों पर छोड़ दिया जाएगा
इस मामले में PETA जैसी संस्थाओं से और मेनका गांधी जैसे लोगों से जिन्होंने इस क्षेत्र में अच्छा कार्य किया है, सलाह मशवरा लिया जाएगा |
IPP (Indian People Party) Agenda # 1-----Prostitution will be legalized and appropriate Health training will be given to sex workers. Important changes will be brought in current marriage system.
Agenda # 2)---Contract marriages will be legalized in which, before the marriage both the parties will decide whether they are going to have children or not and if yes, then who is going to take responsibility of them; mother, father or both.
Agenda # 3)--Pre-nuptial agreements will be decided before the marriage.
Agenda # 4) A workshop/training will be taken for men and women who are going to get married where they will get proper knowledge of laws related to marriage, sex, health and undergoing through such training will be compulsory.
Agenda # 5) More opportunities will be created for income sources of women…the process of taking divorce will be made easier where ‘no’ from any party will be acceptable, if they have children then the responsibility of upbringing of children should be taken by someone else.
Agenda # 6)The issue of homosexual marriages will neither be encouraged nor be suppressed, people are free to live the way they want unless their actions do not create problems in normal lifestyle of people.
Agenda # 7) People who wants to be together without getting married (live-in) can live together but before getting into a live-in relation they must submit an application in Government office, so that none of the party can accuse anyone later for exploitation. The confidentiality of the application will be maintained.
AGENDA# 8 ) Eunuch (hijadas) will be considered merely as handicapped and will be treated as normal human being in society. They will get full opportunities in the fields of education and employment as well as free tickets for fairs, cinemas, drama etc so the entertainment which they lack naturally, could be fulfilled till a limit.
AGENDA# 9) Every possible efforts will be made to control the problem of overpopulation. People having two or less than two child will be rewarded by government in order to encourage them. Sources like T.V, radio, newspaper, internet will be used to create awareness against overpopulation.
AGENDA# 10) Footpath’s are meant to be walked on, not for vendors and opening shops…all the shops from footpath’s will be removed and the shopkeepers will get shops in proper rooms on cheap monthly installments.
AGENDA# 11) Medical tests like HIV, Hepatitis and Thalassemia will be made compulsory for bride-groom before getting married so that their children can have a disease free and healthy life.
AGENDA# 12) People will be able to vote through their own android phones (smart phones). Their finger prints will be enough for their identity proof…Government employees will go door to door with these phones so that, people who do not have such smart phones will also be able to vote. This work should take at least a week instead of one day as it is one of the most important things for the development of nation. Voting will reach up-to 100%.
AGENDA# 13) Bribe is not the only cause behind corruption but running away from the taken responsibilities also is.If public finds badly damaged roads, dirty gutters, piles of garbage…then instead of just blaming others, make a video and spread it. Responsible Corporators and politicians will be taught how to work…and if they refuse or ignore to understand, they will be fired.
AGENDA# 14) After leaving their post, neither any politician will get any kind of financial support nor any facility from government.
AGENDA# 15) Government will not take care of politicians residence by giving them bungalows. They will get a decent salary from which they can buy a house which they can afford like normal people. Instead of this facility, they will be provided advanced offices where they can work properly.
AGENDA# 16) In order to reduce corruption, all the government offices will be connected to CCTV’s, whose screen will be right direct out of the office so that public can see who is doing what and how inside…Neither any politician nor any officer will be allowed to make deals without its video recording. These video recordings will act as a source of transparency.
AGENDA# 17) The number of death’s will be less in wars if we compare it to road accidents….Traffic challan will be increased…fine is going to be the same but people's vehicles and license will be returned only if they attend a workshop based on traffic rules. In these workshops, traffic sense will be taught through audio-visual techniques, followed by a written exam. The money collected through this fine will be used in reconstruction of damaged roads as soon as possible.
AGENDA# 18) The Government Schemes and Programmes will be named after old-new legends like Bhagat Singh,Rajguru, Sukhdev, Munshi Premchand, Jagdish Basu, Surjo Sen, Kabir, Raheem, Baba Nanak, Guru Govind, Dr. Babasaheb Ambedkar, Issac Newton, Albert Einstein etc. not just after Nehru and Gandhi family…old schemes will also be renamed.
AGENDA# 19) Open Air Gym will be made in public parks so that one can enjoy both, gym and fresh air simultaneously. Monthly fees will be around 300 400 rupees.
AGENDA# 20) Scientific development is the base of inventions…. Inventors are our real heroes, that’s why all the possible efforts will be made to encourage the work of inventors. Special arrangements will be made in each and every nook and corner of the country so that inventors can patent their inventions easily.
AGENDA# 21) The issue of solar energy will be emphasized. Needed products for manufacturing solar energy will be made tax free and social awareness for its usage will be created. Whoever wants to sell electricity made through solar energy on professional level, will be provided needed help from government.
AGENDA# 22) We have numerous futile holidays on the name of politicians and ‘Mahatma’s’….all such kind of holidays will be abolished. If one wants to celebrate, then they surely can do it after going home from work but countries work can not be stopped for such reasons.
Thanks a lot to Dear Young Lady Smruti Bodhi for translating from Hindi to English.
COPY RIGHT MATTER, STEALING IS AN OFFENCE
हम पहले सामाजिक दल हैं, राजनीतिक बाद में...क्योंकि सब अच्छा बुरा समाज की सोच से जुड़ा है ...समाज की व्यवस्था से जुड़ा है......सो पहला काम तो समाज पर ही होना है.....क्या कानून बनाने मात्र से ही व्यवस्था सुधर जायेगी?
कुछ फर्क आ भी सकता है ..लेकिन भ्रष्ट समाज ही तो है जन्मदाता भ्रष्टाचार का.....भ्रष्ट सोच ही तो है ज़िम्मेदार....
सो सामूहिक सोच पर चोट की ज़रुरत है ...सामूहिक व्यवस्था पर चोट की ज़रुरत है........
सो हमारे एजेंडा में बहुतेरी तरह के प्रावधान किये गए हैं कि व्यवस्था सुधरे....
भ्रष्टाचार कम क्या मात्र किसी सजा के डर से होगा?
थोडा हो भी सकता है लेकिन सारी व्यवस्था पर पुनर्विचार हो तो बहुत कुछ सार्थक किया जा सकता..
भ्रष्टाचार कम करना मात्र उस प्रयास का एक हिस्सा होगा...
IPP पहले दिन से ही क्या सोच रखती है, क्या करना चाहती है, घोषित कर चुकी है....आगे तक का कार्यक्रम घोषित कर चुकी है......
और IPP का एजेंडा यह सोच कर नहीं बनाया गया कि वोट लेने हैं.....
हमें पता है, हमारे एजेंडा में बहुत कुछ एसा ही जो शायद बहुत लोगों के गले आसानी से न उतरे..लेकिन कोई परवाह है कहाँ?
बस प्रवाह है .......विचार प्रवाह .........
जब आप IPP का एजेंडा पूरा पढेंगे तो पायेंगे कि IPP का कोई दूर दूर तक न सिर्फ "आप" से बल्कि किसी भी और पार्टी से कोई लेना देना नहीं है
इसके साथ ही एक बात घोषित करना चाहता हूँ, IPP जब भी कभी इलेक्शन के लिए कैंडिडेट उतारेगी तो वो कैंडिडेट वो ही होंगे जिन्होंने IPP के साथ मिल कर काम किया होगा..यानि पुराने कार्यकर्ता को इग्नोर करके किसी भी नए व्यक्ति को उसकी छवि या किसी भी और वजह से टिकेट नहीं दिया जाएगा
और IPP एक कॉर्पोरेट की तरह संयोजित रहेगा.....यह कभी भी वन मैन शो नहीं होगा...
IPP के बहुत सारे चेहरे होंगे.....
IPP ने जो भी कार्य अपने एजेंडा में लिखे हैं, कार्यकर्ता अपनी क्षमता के मुताबिक अपना कार्यक्षेत्र चुन कर काम करना शुरू कर देंगे......
मान लीजिये Smruti Bodhi छात्रों के बीच काम करना चाहती हैं तो वो यह क्षेत्र चुन सकती है..
ओशो अनन्त यदि समाज में शादी से पहले मेडिकल कुंडली मिलान के कार्यक्रम आयोजित करना चाहते हैं तो उन्हें निश्चित ही ऐसा करना चाहिए....
इस तरह IPP के विभिन्न दिशायों में अपना काम शुरू कर देगी और मीडिया के ज़रिये इसके कार्यकर्ता अपने कार्यों के बारे में पूरे भारत को, दुनिया को अवगत कराते रहेंगे|
"जो पार्टियां या दल सर्वजन हिताय की बात न करके सिर्फ अपने वोटो से ताल्लुक रखने वाले धर्म, जाति, वर्ग विशेष की ही बातें कर रहे हों उन पार्टियों या दलों से कभी भी इस राष्ट्र का भला नहीं होगा"
AGENDAS OF IPP (Indian People Party)
Agenda#1--- सिर्फ रिश्वत लेना ही नहीं होता...जिम्मेवारी लेकर न निभाना भी भ्रष्ट-आचार है...
यदि पब्लिक को लगे कि सड़कों पर गड्ढे हैं, नालियाँ साफ़ नहीं, कूड़े के ढेर जमा हैं....विडियो बनाएं.......जिम्मेवार कार्यवाहक और नेता को काम करना सिखाया जाएगा, समझाया जाएगा....नहीं मानते तो हटा दिया जाएगा |
Agenda#2---समयबद्ध शादियाँ (contract marriages) लागू किया जाएगा, उस में पहले से तय होगा कि बच्चा होगा या नहीं और अगर होगा तो उसके लिए माँ, बाप या फिर दोनों, कौन ज़िम्मेदार होगा |
Agenda#3---शादी पूर्व जायदाद के बटवारे का निर्धारण के इकरारनामे (Pre-nuptial Agreements) भी लागू कर दिए जायेंगे |
Agenda#4---शादी से पूर्व युवक-युवतियों की ट्रेनिंग होगी, जिसमें उन्हें शादी से जुड़े कानून समझाये जायेंगे, सेक्स एवं स्वास्थ्य की जानकारियाँ दी जायेंगी, और इस तरह की ट्रेनिंग में से शादी पूर्व गुज़ारना अनिवार्य होगा |
Agenda#5---लड़कियों के लिए कमाने के ज़्यादा से ज़्यादा अवसर पैदा किये जायेंगे और तलाक आसान किया जाएगा...तलाक के लिए किसी भी एक पक्ष की ‘ना’ काफी होगी, बशर्ते कि बच्चों/बच्चे (यदि है/हैं) के पालन पोषण की ज़िम्मेदारी कोई और ले |
Agenda#6---होमोसेक्सुअल मैरिज को न तो बढ़ावा दिया जाएगा और न ही उनका रस्ता रोका जाएगा, जिनको भी उस तरह से जीना हो उन्हें जीने दिया जाएगा बशर्ते कि वो सामान्य जनजीवन में कोई बाधा न डालते हों |
Agenda#7---जिन को बिना शादी के साथ रहना हो वो रह सकेंगे बशर्ते वो ऐसी कोई अर्ज़ी सरकारी कार्यालय में बाकायदा जमा करा दें ताकि बाद में कोई भी एक पक्ष दूसरे पर ज़बरदस्ती का इलज़ाम न लगा पाए, और यह अर्ज़ी एक दम गुप्त रखी जायेगी |
AGENDA#8---हिजड़ों को मात्र अपंग समझा जाएगा, उन्हें समाज में सामान्य जन जैसा ही व्यवहार मिलेगा,उन्हें शिक्षा, और कमाने का पूरा अवसर मिलेगा और उनके लिए सिनेमा, नाटक, मेले आदि के टिकेट फ्री होंगे ताकि मनोरंजन की कमी जो कुदरत ने दी उसे कुछ हद तक पूरा किया जा सके.
और हिजड़े बच्चों को माँ बाप सामान्य बच्चों की तरह अपने साथ रखें, ऐसा प्रावधान किया जाएगा |
AGENDA#9---हर सम्भव प्रयास किया जाएगा के बढ़ती आबादी पर कण्ट्रोल किया जाएगा.....दो या दो से कम बच्चे पैदा करने वालों को सरकारी प्रोत्साहन दिए जायेंगे......टीवी, रेडियो, अखबार, इन्टरनेट सब माध्यम प्रयोग किये जायेंगे लोगों में बढ़ती आबादी के विरुद्ध माहौल पैदा करने के लिए |
AGENDA#10--- शादी से पहले मेडिकल कुंडली का मिलान अनिवार्य किया जाएगा....भावी वर वधु का HIV, हेपेटाइटिस और Thalassemia test अनिवार्य होंगे...ताकि वर वधु और उनके बच्चे स्वस्थ जीवन जी सकें |
AGENDA#11--- फुटपाथ चलने के लिए होते हैं न कि दुकानें सजाने के लिए.......पदयात्रियों का तो जैसे हक़ ही छीन लिया गया सडक पर चलने का.........फुटपाथ की सब दुकानें हटा दी जायेंगी, उन्हें आस पास पक्की दुकाने दी जायेंगी, सस्ती मासिक किश्तों पर .......साफ़ सुथरे फुटपाथ दिए जायेंगे, पदयात्रियों का हक़ वापिस लौटाया जाएगा |
AGENDA#12---वोटिंग को लगभग १०० प्रतिशत तक पहुंचा दिया जाएगा......लोग android फ़ोन से वोट दे पायेंगे......उनके फिंगर प्रिंट काफी होंगे उनकी पहचान के लिए......सरकारी व्यक्ति घर घर android फ़ोन ले कर घूमेंगे.....ताकि जिनके पास android फ़ोन न हो वो भी वोट दे सके....और यह कार्य हफ्ते भर में होना चाहिए न कि एक दिन में....आखिर मुल्क की किस्मत का मामला है |
AGENDA#13--- वेश्यावृति को कानूनी संरक्षण, वेश्याओं को बाकायदा स्वास्थ्य प्रशिक्षण,
शादियों के ढाँचे में आमूल चूल परिवर्तन लाया जाएगा |
AGENDA#14---पद से विमुक्त होने के बाद किसी राजनेता को कोई सरकारी आर्थिक योगदान नहीं मिलेगा |
AGENDA#15---किसी राजनेता को कोई सरकारी बंगले नहीं दिए जायेंगे....तनख्वाह मिलेगी उसमें जैसा घर ले सकते हो, लें...हाँ काम-काज के लिए आधुनिक दफ्तर ज़रूर मिलेंगें |
AGENDA#16---सभी सरकारी दफ्तर CCTV से जुड़े होंगे, जिनकी स्क्रीन दफ्तर के बिलकुल बाहर लगी होंगी, ताकि पब्लिक देख पाए भीतर कौन क्या कर रहा है....कोई नेता या अफसर कोई भी डील बिना विडियो रिकॉर्डिंग के नहीं करेगा.....विडियो रिकॉर्डिंग बनेगी पारदर्शिता का साधन....करप्शन कम करने का एक बड़ा हथियार |
AGENDA#17---युद्धों में उतने लोग नहीं मरते जितने सड़क दुर्घटना में....ट्रैफिक चालान बढ़ाये जायेंगे...जुर्माना तो उतना ही होगा जितना आज, पर लाइसेंस या गाड़ी तभी लौटाई जायेगी जब एक वर्कशॉप अटेंड की जायेगी, जिसमें ऑडियो, विडीयो तकनीक से ट्रैफिक sense सीखाई जायेगी और अंत में प्रश्नोत्तरी से उत्तीर्ण हुआ जाएगा....जो धन चालान से इकट्ठा होगा उसे सड़क बनाने में तुरंत प्रयोग किया जाएगा |
AGENDA#18--- जो भी सरकारी योजनायें बनेगी वो भगत सिंह, राजगुरु, सुखदेव, मुंशी प्रेम चंद, जगदीश बसु, सुरजो सेन, कबीर, रहीम, बाबा नानक, गुरु गोबिंद, बाबा आंबेडकर, न्यूटन, आइंस्टीन जैसे नए पुराने विश्व के लाल, विश्व की मणियों के नाम पर होंगी, न कि मात्र नेहरु गाँधी खानदान नाम पर, पुरानी योजनाओं के नाम भी बदल दिए जायेंगे |
AGENDA#19---पार्कों में ओपन एयर gym बनाये जायेंगे, व्यक्ति खुली हवा और gym दोनों का फायदा ले सकेगा, फीस तीन-चार सौ रुपये मासिक के लगभग होगी.
और सब सख्त ज़मीन वाले वाकिंग-रनिंग ट्रैक उखाड़ कर नर्म ज़मीन वाले ट्रैक दिए जायेंगे ताकि चलने वाले, भागने वालों के घुटनों पर, अन्य जोड़ों पर होने वाले नुक्सान को घटाया जा सके|
AGENDA#20---वैज्ञानिक विकास आधार है तरक्की का, आविष्कारक हमारे असली हीरो हैं, सो हर सम्भव प्रयास किया जाएगा कि आविष्कारकों को बढ़ावा दिया जाए, व्यक्ति अपने आविष्कार को पेटेंट करा पाए इसके लिए गाँव गाँव, गली गली इंतेज़ाम किये जायेंगे|
AGENDA#21---सोलर एनर्जी को बढ़ावा दिया जाएगा, इस में प्रयोग होने वाले प्रोडक्ट्स पर कोई टैक्स नहीं लगाया जाएगा, लोगों में इसकी जानकारी बढ़ायी जायेगी.....और जो कोई भी इसका प्लांट लगा कर इस बिजली को व्यापरिक स्तर पर बेचना चाहेगा उसकी मदद की जायगी...मकसद सस्ती बिजली प्रदान करना है...बिजली
कम्पनी का एक छत्र राज्य खतम करना है|
AGENDA#22---मुल्क में नेता, महात्मा के नाम पर छुट्टियाँ ही छुट्टियाँ हैं.
मतलब यह कि और महानुभाव पैदा हो जाएँ तो हर दिन छुट्टी घोषित की जा सकती है
Bullshit!
इस तरह की सब छुट्टियाँ खत्म, आपको खुशी मनानी है, काम काज के बाद घर जाएँ, जैसे मर्ज़ी मनाएं, मुल्क का काम नहीं रोका जा सकता|
AGENDA#23---सिंगल जज कोर्ट खत्म, तीन जज वाली जूरी शुरू, और जूरी की संख्या बढ़ाई जायगी, त्वरित निर्णय का तो हर सम्भव प्रयास किया जाएगा, साथ साथ ऐसा प्रयास भी किया जाएगा कि सामाजिक, प्रशासनिक व्यवस्था ऐसी हो कि झगड़े कोर्ट तक कम से कम जाएँ. और यदि जाएँ तो कोर्ट को सुविधा हो उन्हें निबटाने में ......
हर कोर्ट की भी विडियो रिकॉर्डिंग होगी, मांगे जाने पर हरेक के लिए उपलब्ध|
AGENDA#24---तीन तरह के मुकद्दमों से भरे है कोर्ट....मियां बीबी का झगड़ा , चेक बाउंसिंग के केस और किरायेदार-मकान मालिक का झगड़ा|
IPP के शादी सम्बन्धी एजेंडा लागू होते ही मियां बीवी के झगड़ों की संख्या तेज़ी से घट जायेगी....
किरायेदार को मकान दुकान खाली करना ही होगा इसका प्रावधान किया जाएगा, चाहे वो कितना ही पुराना हो, बिना हील हुज्जत के, उसे मात्र छे महीने-साल का समय दिया जा सकता है या फिर यदि वो जायदाद खरीदना चाहे तो सरकार उसे कम ब्याज पर लोन दे सकती है, ऐसा इसलिए कि जिस जगह वो दशकों से बैठे हैं उसे वहीं टिके रहने में मदद दी जा सके , लेकिन वो किरायेदार होते हुए जायदाद के मालिक बन बैठें ऐसा हरगिज़ नहीं होने दिया जा सकता|
AGENDA#25---चेक वाले केस कम करने का सीधा तरीका है कि व्यक्ति से व्यक्ति को ज़ारी होने पर कोई चेक तब तक मान्य नहीं होगा जब तक चेक ज़ारी करने वाला व्यक्ति, एक लैटर ज़ारी न करे, जिसमें वो साफ़ करे कि वो किस व्यक्ति चेक दे रहा है और क्यों दे रहा है|
इस पत्र में कम से कम दो गवाह होने चाहिए, सबके आधार कार्ड की कॉपी और इस पात्र पर सबके सिग्नेचर और अंगूठों के निशान होने चाहिए
और चेक पर भी सिग्नेचर के साथ साथ ज़ारी करने वाले के अंगूठे का निशान होना चाहिए..
देखिएगा कोर्ट तक मामले पहुंचेगे ही नहीं |
AGENDA#26---शिक्षा वो दी जायेगी जिसका जीवन में सीधा उपयोग हो, बच्चों के दशकों खराब नहीं किये जायेंगे बकवास रटवा रटवा कर|
इतिहास राजा महाराजा का न पढ़ा कर, वैज्ञानिकों का, कलाकारों का, ज्ञानीयो का पढ़ाया जाएगा.
गहन गणित सिर्फ उन्हें पढ़ाया जाएगा जिन्हें इसमें दिलचस्पी हो
कानून अनिवार्य विषय होगा
साहित्य पढ़ाया जाएगा, पूरे विश्व का
स्वस्थ्य शिक्षा एच्छिक न होकर अनिवार्य विषय होगा
योगासन, प्राणायम, ध्यान अनिवार्य रूप से सिखाये जायेंगे
इसके अलावा ऐसे बहुत से विषय जिनका दैनिक जन-जीवन में दखल होगा|
AGENDA#27---जितने हाईवे हैं डबल रोड होंगे, टोल टैक्स लिया जाएगा ताकि सडक बनाने का खर्च वसूला जा सके, यह काम सालों में नहीं बल्कि महीनो में पूरा होगा....शब्द है युद्ध स्तर पर , लेकिन मैं कहूँगा क्रांति-स्तर पर
और सब हाईवे रात को सोलर लाइट की रोशनी से जगमग होंगे
हर 40 किलोमीटर पर एक मोबाइल पुलिस वैन, मोबाइल अस्पताल और फायर ब्रिगेड की गाड़ी होगी
और साथ ही एक ऐसी गाड़ी ऐसी भी होगी जिस में कार, ट्रक, स्कूटर, बाइक ठीक करने के मिस्त्री होंगे, ठीक वैसे ही जैसे क्रॉस रोड वाले अपनी सर्विस शहरों में देते हैं|
AGENDA#28---आप 100 नंबर पर कॉल करेंगे तो आपको आपका कंप्लेंट नंबर दिया जाएगा, साथ ही यह भी बताया जाएगा कि आप तक पुलिस कितनी देर में पहुंचेगी, साथ ही यह भी पूछा जाएगा कि क्या वहां मोबाइल अस्पताल या फायर ब्रिगेड की ज़रुरत है और फ़ोन उठाने वाला व्यक्ति अपना नाम और कर्मचारी नंबर भी आपको देगा|
AGENDA#29---आप फ़ोन, फैक्स और E-mail से भी अपनी FIR लिखवा पायेंगे, पुलिस कौन होती है FIR न लिखने वाली, ठीक गलत का फैसला करना कोर्ट का काम है|
पुलिस के IO (Investigating Officer) जो कोर्ट को गलत, या आधी अधूरी रिपोर्ट देते पाए जायेंगे , वो नौकरी से हटा दिए जायेंगे तथा उन्हें जुर्माना और सजा भी हो सकती है|
AGENDA#30---जिन पुलिस वालों को फील्ड में रह कर भाग दौड़ करनी है, ऐसे पुलिस वालों को बढ़िया GYM मुहिया कराये जायेंगे, उनका सालाना फिटनेस टेस्ट होगा, वैसे ही जैसे कमर्शियल गाड़ियों का होता है, अनफिट व्यक्तियों को उस जॉब से हटा दिया जाएगा, हाँ उम्र के साथ साथ फिटनेस का लेवल थोड़ा कम भी जायज़ माना जाएगा और जो व्यक्ति दस साल तक फील्ड जॉब कर चुके होंगे , वो यदि फिटनेस-लेवल उसके बाद पार नहीं कर पाते तो उन्हें कम भाग दौड़ वाली जॉब पर शिफ्ट कर दिया जाएगा
AGENDA#31---नरक जैसे कस्टडी कमरों को बढ़िया कमरों में तब्दील किया जाएगा, आरोपित व्यक्ति अपराधी ही नहीं होता, वो बेगुनाह भी हो सकता है|
AGENDA#32---पुलिस अपनी लिखत में आम बोलचाल की भाषा लिखेगी न कि गुज़रे जमाने की मुगलाई भाषा
शोरे गोगा, गुमशुदा तलाश, इनामी मुजरिम पकड़ने वाले इश्तिहार में बेतुकी ब्लैक वाइट फोटो नहीं बल्कि रंगीन साफ़ सुथरी फोटो का इस्तेमाल होगा|
AGENDA#33---किसी भी मजहब को दी जाने वाली ख़ास सब्सिडी का वहन उसी मज़हब के अमीर लोग करेंगे, मुसलमान को दी जाने वाली सब्सिडी अमीर मुसलमान ही वहन करेंगे, जैन को दिए जाने वाले फायदे अमीर जैन ही वहन करेंगे|
AGENDA#34---सेना के जवानों को रक्षा के साथ साथ VOCATIONAL TRAINING भी दी जायेगी....उनसे रक्षा के अलावा औद्योगिक उत्पादन में काम लिया जाएग, मंतव्य उनको दी जाने वाली तनख्वाह का सदुपयोग है|
AGENDA#35---सरकार ने कहाँ से कितना टैक्स वसूला और फिर कहाँ पर कितना धन लगाया इसका सारा बयोरा सरकारी वेबसाइट पर डाला जाएगा और इस तरह से डाला जाएगा कि उसे हर कोई आसानी से समझ सके|
AGENDA#36---नगरों में, गाँवों में टॉयलेट की बहुत परेशानी है.....सुलभ-शौचालय से बेहतर कोई हल मुझे दिखता नहीं सो इस तरह के टॉयलेट की संख्या बढ़ायी जायेगी, पैसे दें और प्रयोग करें...... यह फार्मूला गाँव से लेकर महानगरों तक प्रयोग किया जा सकता है......हाँ इन्हें और ज़्यादा साफ़ सुथरे बनाये जाना चाहिए|
AGENDA#37---आधार कार्ड बनाने का सिलसिला तुरत पूरा किया जाएगा, व्यक्ति की पक्की पहचान के लिए यह अति आवशयक है.
जैसे बैंक के लिए CIBIL डाटा रखता है उन लोगों का जो बैंकों से लोन लेते हैं, इसी तरह से हर व्यक्ति का एक डाटा सरकारी वेबसाइट पर मौजूद रहेगा. यदि कोई बैंक का डिफाल्टर है, यदि किसी पर कोई कोर्ट केस चल रहा है, यदि कोई सजायफ्ता है तो उस सब की जानकारी इस साईट पर मौजूद रहेगी..और यह जानकारी हरेक के लिए उपलब्ध होगी
हरेक घर-दूकान के बाहर मुखिया का नाम और प्रॉपर्टी नंबर लिखना ज़रूरी होगा|
AGENDA#38---पार्टी में एक टिकेट के एक से ज़्यादा काबिल उम्मीदवार हो सकते हैं, टिकेट ओपन लाटरी से घोषित किया जाएगा, ताकि बाद में किसी कार्यकर्ता को कोई शिकायत न रहे लेकिन 11 व्यक्तियों के एक पैनल द्वारा यह ज़रूर देख जायेगा कि जिस काम के लिए व्यक्ति चाहिए उसे उस काम की गहराई से जानकारी हो, वो कर्मठ हो, वो बुद्धिशाली हो, वो ईमानदार हो|
AGENDA#39---सरकार चलाने के लिए निश्चित ही धन की ज़रुरत है लेकिन अनाप शनाप लगान लेना कहीं की समझदारी नहीं है, कमाने पर टैक्स, खर्चने पर टैक्स, बेचने पर टैक्स, खरीदने पर टैक्स, हर चीज़ पर टैक्स ही टैक्स.
आपको पता है दस रुपये की चीज़ 100 रुपये की हो जाती है क्योकि सरकार उस पर टैक्स ही टैक्स जड़े जाती है और यदि कोई टैक्स बचा ले तो वो चोर, वो दो नम्बरी
नहीं, सरकार को देखना होगा कि वो टैक्स कैसे और कहाँ कहाँ घटा सकती है
चाहे कुछ भी करना पड़े
क्या २६ जनवरी और १५ अगस्त का आयोजन खत्म किया जा सकता है? धन बचेगा, टैक्स घटेंगे, यदि पब्लिक "हाँ" करे तो ऐसा करना होगा
क्या नए सरकारी पद अभी दी जाने वले तनख्वाहों से आधे वेतन पर भरे जा सकते हैं?मेरे ख्याल है निश्चित ही हमें घटे वेतन पर ज़्यादा सक्षम कर्मचारी और राजनेता मिल जायेंगे, जो खुशी खुशी नौकरी स्वीकार करेंगे, खर्च घटेगा, टैक्स घटेगा
क्या राजनेता को मिलने वाले बंगले देना ज़रूरी है, निश्चित ही नहीं, खर्च घटेगा, टैक्स घटेगा
राजनेता की विदेश यात्रा क्यों हुयी, कौन कौन गया उनके साथ और वो वहां पर क्या करके आये, इस सब का जब हम छानबीन करेंगे तो हम पायेंगे कि बहुत सी इस तरह की यात्रायें फ़िज़ूल थी, जिन्हें भविष्य में रोका जा सकता है, खर्च घटेगा, टैक्स घटेगा
क्या कोई सरकारी पद ऐसे भी हैं, जिनकी कोई ज़रूरत नहीं , जिन्हें खतम किया जाना चाहिए, यह भी देखना होगा
खर्चे घटाने के साथ साथ यह भी देखना होगा कि आमदनी कैसे बढ़ाएं, एक्सपोर्ट को बढ़ावा देंगे, भारत में बहुत कुछ ऐसा है जिसकी दुनिया को ज़रुरत है, जिसे दुनिया देखना, समझना चाहेगी.
हमें आयुर्वेद के अच्छे जानकर सारी दुनिया में भेजने चाहियें, हमें योगासन सिखाने वाले सब तरफ भेजने होंगे
हमें हमारी पाक-कला दुनिया के सामने लानी होगी
हमें अपने रेगिस्तान, अपने समुद्र किनारे, अपने पहाड़, अपने जंगल, अपने पुराने किले, अपने मंदिर, अपनी कलाएं दुनिया के सामने लाने होंगीं
हमें यहाँ आने वाले टूरिस्ट के लिए ऐसा माहौल देना होगा कि पूरी दुनिया भारत देखने को लालायित हो जाए
आमदनी पर टैक्स जो आज तकरीबन ३० प्रतिशत है उसे घटा कर १० प्रतिशत कर दिया जाएगा...
और कोशिश की जायगी कि और भी सब टैक्स २५ से ५० प्रतिशत तक घटा दिए जाएँ
और नतीजा यह होगा कि आज जितना टैक्स लोग जमा करते हैं उससे ज़्यादा टैक्स इकठा होगा सरकार के पास, यह ऐसे ही है कि एक दुकानदार महंगा बेचता है लेकिन कम बेचता है, दूसरा सस्ता बेचता है लेकिन कमाता पहले वाले से ज़्यादा है क्योंकि सेल दुसरे की ज़्यादा होती है|
AGENDA#40--- किसान आत्महत्या करें, उन्हें फसल का उचित मूल्य न मिले, गेहूं गोदामों में सड़ जाए, गरीब भूख से मर जाए, कैसी मैनेजमेंट है ?
किसान की फसल का अधिकतम मूल्य मिल सके उसके लिए खुली बोली का इंतज़ाम किया जाएगा
जो सबसे ज़्यादा देगा वो फसल उठा लेगा..आप देखेंगे कि इस तरह से कभी फसल खराब नहीं होगी और फिर भी कुल मिला कर consumer को आज से सस्ती चीज़ें मिलेगी|
AGENDA#41---IPP का प्रत्येक नेता सदैव एच्छिक रूप से LIE DETECTOR TEST करवाने को तैयार होगा, साथ ही उसके वादे उसके हाथ से लिखवाए जायेंगे और हैण्ड राइटिंग एक्सपर्ट की मदद से पहचाना जाएगा कि वो कितना सही कह रहा है, जो नेता इन टेस्ट में फेल होंगे उन्हें जिम्मेवारी नहीं सौंपी जायगी
शपथ ग्रहण के वक्त IPP नेता अपना एच्छिक LIE DETECTOR TEST और HAND WRITING TEST करवाएंगे ताकि पब्लिक को यह पता लग पाए कि वो अपने किये वादों पर कितना खरा उतरने वाले हैं|
AGENDA#42---कुछ साल पहले एक स्कीम चलायी गयी थी VDIS (Voluntary Disclosure of Income Scheme) फिर यह स्कीम बंद कर दी गयी
लेकिन हम यह स्कीम फिर से चलाएंगे
कोई दो नंबर के पैसे को बढ़ावा नहीं मिलता इस से
लोगों ने टैक्स चोरी क्यों की? क्योंकि टैक्स चोरों जैसे हैं
अपना धन चोरों से बचाना चोरी हो गया, दो नंबर का काम हो गया क्या ?
भारत में बहुत बड़ा बहाव है दो नंबर के पैसे का, लेकिन ऐसा है क्यों?
क्योंकि सरकारों ने मजबूर किया लोगों को टैक्स चोरी करने को, टैक्स आटे में नमक की तरह लो कौन चोरी करेगा?
मैं चाहूँगा कि VDIS फिर से चालू की जाए , इससे राजस्व आएगा वो तो अच्छी बात है, बहुत से लोग भी भय मुक्त हो जायेंगे अपने पैसे को लेकर, बाज़ार में वो पैसा भी खुल कर लगेगा जो आज चोरी छुपे लगता है या बस कहीं दबा पड़ा रहता है|
AGENDA#43---पार्टी टिकेट उनको देगी जिन्होंने पार्टी के काम को आगे बढ़ाने के लिए अपना योगदान दिया होगा, जिन में कार्यक्षमता होगी, जो बुद्धीशाली होंगे ..
ऐसा कतई नहीं किया जाएगा कि किसी नए व्यक्ति को मात्र टिकेट इसलिए दे दिया जाए कि वो कोई फिल्म एक्टर है, या जाना माना पत्रकार है, टीवी पर दिखने वाला चेहरा है, नहीं इसके मै सख्त खिलाफ हूँ,
IPP का मतलब है intelligent होना, आपका पार्टी में होना, बुद्धिशाली होना और कर्मठ होना और इमानदार होना ही एकमात्र क्राइटेरिया होगा टिकेट के लिए|
AGENDA#44---आवास की व्यवस्था ठीक से अभी तक हो नहीं पाई है भारत में.
पहला तो यह कि जब हम जनसंख्या नियन्त्रण करते हैं, आवास समस्या भी घटने लगेगी, यदि जनसंख्या बढ़ती ही रहती है तो आप जितने मर्ज़ी इंतज़ाम कर लें वो कम ही रहेगा
दूसरा, जैसे ही हम किरायेदार और मकान मालिक के बीच के कानून को और सुधार देंगे तो किराए के लिए बाज़ार में मकान बढ़ जायेंगे और किराए गिर जायेंगे
तीसरा, प्रॉपर्टी मार्किट को दो नंबर के पैसे खपाने का ठिया न बना के एक नंबर की बाज़ार में तब्दील कर दिया जाएगा, सर्किल रेट आज भी कई जगह असल कीमत बीस प्रतिशत ही है, मार्किट का सर्वे करके सर्किल रेट बढ़ाये जायंगे...और हर छ महीने में सर्किल रेट का पुनरावलोकन किया जाएगा चूँकि प्रॉपर्टी मार्किट बहुत तेज़ी से बदलती है, इस से प्रॉपर्टी के रेट असल रेट होंगे जो बाज़ार मांग और सप्लाई के आधार पर तय होंगे, प्रॉपर्टी की काला बाजारी खतम हो जायगी, जो लोग प्रॉपर्टी मात्र इस किये दबा के बैठे रहते हैं कि उन्हें अपना पैसा खपाना होता है या फिर रेट बढने की उम्मीद होती है , वो लोग इस बाज़ार से बाहर हो जायेंगे , घर वो लोगों की पहुँच में आ जाएगा जिनको असल में इस की ज़रुरत है
चौथा, multi स्टोरी बिल्डिंग बनाई जायेंगी सरकार द्वारा, जब आप ज़मीन के एक टुकड़े पर १५ मंजिला इमारत बना सकते है तो दो या चार मंजिल बना कर उसे क्यों खराब किया जाए, सरकार यह काम अपने हाथ में लेगी, ज़मीन किसानों से ली जायगी उनकी मर्ज़ी से, ज़मीन की ओपन बोली लगेगी, जो किसान को सबसे ज़्यादा कीमत देगा और जो सबसे सस्ता घर देगा वो ही बिल्डर इसमें आ पायेगा, मकान के खरीदारों की एक टीम बनाई जायगी जो, जब तक बिल्डिंग तैयार नहीं होती, काम की supervision करते रहेंगे
पांचवां, जो भी कॉलोनी बस चुकी वो वैध होंगी, अगर अवैध होती तो बसने ही न दी जाती, अब बस गयी तो कहे की अवैध, उन्हें प्रॉपर्टी रजिस्ट्री का हक़ होगा, उन्हें जो सुविधा दी जा सकती हैं वो तुरंत दी जायेंगी
बस्तियां बसते बसते बसती हैं,
और रातों रात नहीं, सालों में, दशकों में बसतीं हैं
कैसे हो गयी अवैध और अगर थी अवैध तो कैसे बस गयीं क्योंकि
बस्तियां तो बसते बसते बसती हैं, और रातों रात नहीं, सालों में, दशकों में बसतीं हैं
असल में अवैध ये बस्तियां नहीं, नेता हैं ,
जिनके लिए गरीबों के वोट की कीमत है, पर जिंदगियां सस्ती हैं
ये बस्तियां अवैध नहीं, यहाँ जिंदगियां हँसतीं हैं
बचपन, बुढ़ापा, जवानियाँ ठसतीं हैं
बस्तियां बसते बसते बसती हैं,
अक्लें नेताओं पर फब्तियां कसती हैं,
अवैध हों तो कहीं बस्तियां बसती हैं|
AGENDA#45--- अक्सर हम सुनते हैं कि सरकारें बुरी इस लिए हैं क्योंकि पब्लिक बुरे लोग चुन के भेजती है संसद में, इस की एक वजह यह भी है कि पब्लिक की सामन्य सोच वक्त के साथ बढी ही नहीं...जमाना हवाई जहाज तक पहुँच गया, पब्लिक अभी भी बैलगाड़ी की समझ से चल रही है, समाज के समग्र विकास के लिए पब्लिक की सामूहिक सोच में ऊँचाई आना ज़रूरी है , इस लिए IPP ऐसा इंतज़ाम करेगी कि पब्लिक के लिए खुली वर्कशॉप आयोजित की जाएँ जिसमें जन साधारण को जीवन की विभिन्न विधायों में निशुल्क पारंगत किया जा सके, उदाहरण के लिए धन की जाल साजी से कैसे बचा जाए , बलात्कार से बचने के लिए लड़कियों को क्या सावधानीयां बरतनी चाहिए, सडक पर चले तो क्या सावधानियां बरते, छुट्टियों में शहर से बाहर जाएँ तो क्या क्या प्लानिंग करना चाहिए ..आदि..आदि |
AGENDA#46--- हमारी सरकार में हमें बस पता लगने की देर होगी कि हमारे मुल्क के किसी कोने में कोई अच्छा एथलिट है या फिर कोई अच्छा वैज्ञानिक या फिर कोई अच्छा कलाकार, हम हर सम्भव प्रयास करेंगे इनको आगे बढाने में, न सिर्फ राष्ट्रीय स्तर पर बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी....
हम अपनी नयी पुरानी कलाओं को देश और विदेश में जितना फैला सकेंगे फैलायेंगे, यदि पब्लिक किसी विधा को बिलकुल नकार देगी तो फिर उस विधा को छोड़ दिया जाएगा
मुझे लगता है कि हमारी पाक कला के आगे पश्चिम के पिज़्ज़ा बर्गर बच्चे हैं...और हमारे आयुर्वेद और योगासन दुनिया सीख ले तो एलॉपथी का धंधा आधा भी न रहेगा
हमारे नृत्य चाहे शास्त्रीय, चाहे फ़िल्मी, इनके आगे पश्चिम के नृत्य मात्र हाथ पैर पटकना है, हमारे सॉफ्ट म्यूजिक के आगे पश्चिम का संगीत मात्र गला फाड़ना है
हम कॉस्मिक हैं, सारी दुनिया से जो अच्छा हो, वो लेने में यकीन करते हैं|
पश्चिम का विज्ञान लेना ही चाहिए लेकिन पश्चिम की अंधाधुंध मार्केटिंग से बचना होगा, वो देखना होगा कि यदि कोला सेहत के लिए नुकसानदायक है तो उसे बढ़ावा न दिया जाए, बर्गर पिज़्ज़ा में यदि मैदा है तो दुनिया को मैदे के नुक्सान बताना ज़रूरी हैं
IPP सरकार यह नहीं देखेगी कि मात्र धंधे को बढ़ना चाहिए, बल्कि यह देखेगी कि धन्धा वो बढ़ने दिया जाए जो समाज के फायदे में हो, न कि मात्र पूंजीपति की पूंजी बढाने का औज़ार
Advertisement में कोई भी बात बढ़ा चढ़ा कर न बताई जाए इसका ख़ास ध्यान रखा जाएगा, जो भी दावा कोई कंपनी/ व्यक्ति करे वो उसे वैज्ञानिक ढंग से साबित करना होगा, उसका सर्टिफिकेट सरकार से लेना होगा , तभी वो अपना दावा पब्लिक में पेश कर पायेगी/ पायेगा|
AGENDA#47--- मुझ से IPP मेम्बर मित्रों ने पूछा कि बेरोजगारी के लिए मेरा क्या सुझाव है.....देखिये हमें करना यह होगा कि हम अपना औद्योगिक उत्पदान जितना तेज़ी से बढ़ा सकें बढ़ाएं, बैटरी रिक्शा चाइना से आये, लानत है, हम यहाँ पर बना कर उससे सस्ता अपने ही मुल्क वासियों को न दे पायें, लानत है
नहीं, पूरी कोशिश करेंगे कि हमारे यहाँ का उत्पादन चाइना से बढ़िया और सस्ता हो, हम बढ़िया से बढ़िया तकनीक लायेंगे और टैक्स इस तरह से लेंगे कि वस्तु अंतर्देशीय बाज़ार में दुनिया को टक्कर दे सके
और शिक्षा में यह ध्यान ज़रूर रखा जाएगा कि व्यक्ति ऐसा कुछ ज़रूर सीखे जो उसे कुछ कमा के दे सके
अब इस से होगा यह कि हमारे बेरोजगारों को रोज़गार मिलेगा, हमारा राजस्व बढ़ेगा|
AGENDA#48---कोई भी व्यक्ति, चाहे वो कोई पुलिस वाला हो, चाहे फ़ौजी, चाहे सिविलियन, जिसने भी कोई बहादुरी का काम किया होगा, किसी की जान बचाई हो, किसी को कोई मदद की हो, सरकार उन्हें उभरेगी हीरो की तरह
हीरो क्या क्रिकेट खेलने वाले या फिल्म के एक्टर ही होते हैं?
नहीं, हम हीरो की परिभाषा ही बदल देंगें|
AGENDA#49--- पार्टी अपने सारे काम काज का बयोरा अपनी वेबसाइट पर देगी, सरकार बनने पर भी ऐसा ही होगा, सरकार क्या काम करने जा रही है, क्या कर रही है, क्यों कर रही है, सब जानकारी साईट पर मौजूद होगी, पब्लिक अपने सुझाव, अपनी शिकायत भी इसी साईट पर दे सकेगी, कुछ भी छुपा न होगा, सब पब्लिक के सामने|
AGENDA#50--- मुझ से पूछा गया कि पार्टी का फण्ड कहाँ से आएगा, निश्चित ही पब्लिक से...
पार्टी समाज की है, धन भी समाज ही देगा, यथासम्भव, यथाशक्ति
सारे आदान प्रदान का बयोरा वेबसाइट पर होगा, फिर भी जो लोग लेन-देन के लिए मुख्यतः जिम्मेवार होंगे वो हर दम एच्छिक Lie detector test/ Hand writing test के लिए तैयार होंगे और हर पन्द्रह दिन बाद इस टेस्ट से गुजरेंगे भी|
जारी....
AGENDA#51---बहुत से लोग अपने बैंक लाॅकर्स तथा बैंक खातों के उत्तराधिकारी नियुक्त नहीं करते।और उनकी मृत्यू के पश्चात वह अकूत धन उन बैंकों में बग़ैर किसी दावेदारी के पड़ा रहता है। आईपीपी इस तरह की व्यवस्था करेगी कि वह ग़ैर दावेदारी वाले खातों और लाॅकर्स को उनके उत्तराधिकारियों को दिलवा सके अथ्वा उन्हें सामाजिक कल्याण योजनाओं में लगाया जा सके। आईपीपी की कार्य योजना में यह भी शामिल है कि जो कुत्सित, मलिन कार्य हैं वह बारी बारी से सब लोग करें। केवल क्षुद्र या नीची जात के लोग ही इस तरह के कार्य क्यों करें। हम एक ऐसा ढांचा विकसित करना चाहते हैं जिसमें बड़े तथा छोटे का भेदभाव समाप्त हो।क्षुद्र लोगों को अशिक्षित रखा गया ताकि उनसे इस प्रकार के कुत्सित कार्य कराए जा सकें।उनसे मैला तथा मलिन उठवाया जा सके। आपने नहीं देखा होगा कि इन कामों को कभी ब्राह्मण लोग कर रहे हैं। हम इस प्रथा अथ्कोवा ढांचे को बदलना चाहते हैं।
Agenda #52---न मेरी है, न तेरी है, हम सबकी है, सब आ जाएँ इस विचार गंगा में, और यह विचार गंगा न सिर्फ गंगा की मैल को साफ़ करेगी बल्कि पर्यवरण के रख रखाव के लिए जी जान से लड़ेगी
प्लास्टिक का उपयोग कम करेंगे
मैंने देखा है गलने वाला प्लास्टिक जैसा पदार्थ, अभी महंगा है लेकिन उसे देखेंगे कैसे सस्ता किया जा सकता है .....पेड़ ज्यादा से ज्यादा लगायेंगे.....
उद्योगों को मजबूर करेंगे कि जितना हो सके औद्योगिक कचरा रीसायकल करें
कचरे का निबटान भी बेकार है अभी, लोगों को ट्रेन करा जाएगा, घर घर जा कर समझाया जाएगा कि गलने वाला और न गलने वाला कूड़ा अलग अलग रखना है, और एसा न करने पर जुर्माना लगाना होगा
फिर कोई ज़मीनी डलाव नहीं होने चाहिए, छोट्टी गाड़ियाँ घर घर से कूड़ा लें और सीधा बड़ी गाड़ियों से जहाँ ले जाना हो ले जा कर फेंक दिया जाए|
Agenda #53---एक व्यक्ति अपने जीवन काल में जितना मर्ज़ी धन कमाना चाहे कमा ले, लेकिन उसकी अगली पीढी को पांच करोड़ से ज़्यादा नहीं मिलेगा उसकी सम्पदा में से, बाकी सम्पदा सामजिक कार्यों में लगेगी उस के मरते ही, शिक्षा और स्वास्थ्य पर सबसे ज़्यादा....इसी तरह से समाज में पूंजीवाद से पैदा हुए अलगाव को पाटा जा सकता है......
यह व्यवस्था पूंजी वाद और समाजवाद का समिश्रण होगी, यदि व्यक्ति को व्यक्तिगत पूंजी का हक़ न मिले तो उसका मोटिवेशन खो जाता है कुछ भी करने का और यदि पूंजी परिवार में ही रहगी तो समाज में एक बड़ा गैप रहेगा हमेशा, गरीब ज्यादातर सारी उम्र स्ट्रगल ही करते रहेंगे
गरीबी अमीरी जन्म से न जुड़े तो बेहतर
कुदरत किसी बच्चे को गरीब की तरह पैदा नहीं करती
सब बच्चे बादशाह की तरह पैदा होते हैं
हम बनाते हैं अमीर गरीब
चलिए कोशिश करें इस फर्क को कम करने का
अमीर चाहें तो अपने जीवन काल में ही समाजिक संस्था को अपना पैसा दान कर सकते हैं जैसा अकी बिल गेट्स और वारेन बफ्फे जैसे लोगों ने किया है
अमीर लोगों के बच्चे कभी प्रति बच्चा 5 करोड़ से ज़्यादा की सम्पति विरसे में न पायेगा
बाकी सब कारोबार, या निजी सम्पदा, सामाजिक कार्यों में बाँट जायेगी और पत्नी या पति भी 5 करोड़ ही पायेगी/ पायेगा विरसे में..
हाँ, जो पूंजी व्यापार मिलेगी होगी, वो व्यापार जब तक चलेंगे उनका प्रॉफिट समाज को मिलेगा और जब बंद होंगे तो उनकी पूंजी समाज को मिल जायेगी
पारिवारिक पार्टनरशिप काम के लिए की जा सकती है लेकिन पूंजी वैसे ही बंटेगी जैसे मैंने ऊपर कहा, परिवार में से पिता या माँ एक को ही मुखिया माना जाएगा जिसके मरने पर पूंजी परिवार और समाज में उपर लिखित तरीके से बंटेगी|जारी...
Agenda #54--- Ranchmen’s fund से जो पैसा आएगा उसका एक निश्चित हिस्सा "मैरिज रिमूवल फण्ड" को जाएगा, जो लोग शादी शुदा हैं, लेकिन अब शादी से बाहर आना चाहते हैं लेकिन धन की कमी की वजह से आ नहीं पा रहे, लाटरी द्वारा ऐसे जोड़ों के नाम निकाले जायेंगे और इस कोष से उनके बच्चों का पालन पोषण और शिक्षण किया जाएगा या यदि पत्नी पैरों पर नहीं खडी तो उसे भी इस कोष से सक्षम बनाया जाएगा|
AGENDA #55--- हमारा मानना है कि हम जितना समाज के काम आ सकें, आना चाहिए.
सो हम समय-समय पर रक्त दान करेंगे, न सिर्फ रक्तदान बल्कि मृत्युपरांत शरीर दान के लिए भी इकरार करेंगे और पब्लिक को भी इस के लिए प्रत्साहित करेंगे
लेकिन यह सब स्वैच्छिक ही होगा, इसके लिए किसी को भी मज़बूर नहीं किया जाएगा, IPP सदस्य को भी नहीं
जो एसा नहीं करेगा हमारी नज़र में भी वो भी सम्माननीय है, हरेक व्यक्ति अपने ढंग से मूल्यवान हो सकता है|
AGENDA #56--- पब्लिक स्कूल उस तरह से नहीं चलाये जायेंगे जैसे आज चलाए जाते हैं
लगभग मुफ्त मिली करोड़ों, अरबों रुपये की सार्वजानिक भूमि के मालिक बन बैठे हैं स्कूल चलाने वाले
पब्लिक स्कूल की भूमि पर हक़ पब्लिक का ही रहेगा, भूमि सार्वजानिक ही रहेगी,
चलाने वाले मात्र मेनेजर की भूमिका निभायेंगें
ओपन बोली लगेगी, जो सबसे कम फीसें लेकर, सबसे बढ़िया माहौल में शिक्षा प्रदान करने की बोली देगा, उसे ही स्कूल चलाने का ठेका दिया जाएगा और यह बोली हर दो-तीन वर्षों में लगती रहेगी
किसी भी समय यदि 60 प्रतिशत से ज्यादा अभिभावक चाहते हैं कि मैनेजमेंट बदल दिया जाए तो उनकी डिमांड पर स्कूल चलाने के लिए बोली फिर से खोली जा सकती है
अभिभावकों की एक एसोसिएशन होनी ही चाहिए.......... Mandatory....स्कूल मैनेजमेंट इस एसोसिएशन के साथ मिलकर ही काम करेगी, इस एसोसिएशन के मेम्बर को हक़ होगा कि वो स्कूल में सफाई, बिजली, पानी और अन्य व्यवस्थायों को देख सके
यदि स्कूल कोई भी खर्च बढ़ाते हैं तो उन्हें अभिभावकों को उसकी वजह बतानी ही होगी
बच्चों को स्कूल यूनिफार्म से आज़ाद किया जाएगा, पहचान के लिए बच्चे कोई "बिल्ला" लगा सकते हैं, पढाई का यूनिफार्म से क्या लेना देना? बच्चा या बड़ा कोई भी एक ही रंग के कपडे रोजाना नहीं पहनना चाहता, फिर काहे बच्चों के जीवन में नीरसता घोलना?
इस तरह से स्कूल जो बहुत सा धन कमाते हैं स्कूल यूनिफार्म से, उस से अभिभावकों को छूट मिल जायेगी
इस के अलावा बच्चों को "लाजिमी प्रार्थना" से भी छूट मिलेगी
जिसे प्रार्थना में जाना हो जाए, न जाना हो न जाए, परमात्मा को खोजना न खोजना, मानना न मानना एक बहुत ही निजी मामला है, उसमें किसी भी तरह से किसी को मजबूर करना ठीक नहीं है|
AGENDA #57--- प्रशासनिक व्यवस्था में जितना हो सकेगा पब्लिक की भागीदारी बढ़ायी जायेगी.....जैसे सरकारी अस्पतालों के निरिक्षण का हक़ होगा आस पास की नागरिक संस्थायों को, इन को हक़ होगा खाते चेक करने का, ऑडियो, विडियो बनाने का, फोटो लेने का...
इसी तरह से मान लीजिये आपके आस पास सडक बनाई जानी है तो RWA को इस सड़क में लगाये जाने वाले मटेरियल की पूरी जानकारी दी जायगी और आमंत्रित किया जाएगा कि वो बनती सड़क का निरिक्षण कर सकें.....विडियो बना सकें
सरकारी स्कूल में पढने वाले बच्चों के अभिभावकों को पूरा हक़ होगा कि वो स्कूल के मैनेजमेंट को चेक कर सकें .....|
AGENDA #58--- बिलकुल पूछा जा सकता है कि IPP जो एजेंडा में घोषित कर रही है उसके लिए प्रतिबद्ध है भी कि नहीं..
तो एक तो यह कि हमने वैज्ञानिक परीक्षणों (LIE DETECTOR TEST, HAND WRITING ANALYSIS ETC) से गुजरने का प्रावधान किया है, वो सबसे पहले हम पर लागू होते हैं
दूसरा, हमारे एजेंडा में कहे गए कामों में से ज़्यादातर पहले एक दो महीनों में ही किये जा सकते हैं, और यदि हम इस इस तरह से काम नहीं करते तो जो भी भारतीय कानून के अंतर्गत वायदा खिलाफी की सजा होगी वो हम भुगतने को तैयार होंगें|
AGENDA #59---लड़कियों के लिए कमाने के ज़्यादा से ज़्यादा अवसर पैदा किये जायेंगे और तलाक आसान किया जाएगा...तलाक के लिए किसी भी एक पक्ष की न काफी होगी, बशर्ते कि बच्चों/बच्चे (यदि है/हैं) के पालन पोषण की ज़िम्मेदारी कोई और ले |
AGENDA #60---होमोसेक्सुअल मैरिज को न तो बढ़ावा दिया जाएगा और न ही उनका रस्ता रोका जाएगा, जिनको भी उस तरह से जीना हो उन्हें जीने दिया जाएगा बशर्ते कि वो सामान्य जनजीवन में कोई बाधा न डालते हों |
AGENDA #61—जिन को बिना शादी के साथ रहना हो वो रह सकेंगे बशर्ते वो ऐसी कोई अर्ज़ी सरकारी कार्यालय में बाकायदा जमा करा दें ताकि बाद में कोई भी एक पक्ष दूसरे पर ज़बरदस्ती का इलज़ाम न लगा पाए, और यह अर्ज़ी एक दम गुप्त रखी जायेगी |
AGENDA #62---हमारा मानना है कि हम जितना समाज के काम आ सकें, आना चाहिए|
सो हम समय-समय पर रक्त दान करेंगे, न सिर्फ रक्तदान बल्कि मृत्युपरांत शरीर दान के लिए भी इकरार करेंगे और पब्लिक को भी इस के लिए प्रत्साहित करेंगे
लेकिन यह सब स्वैच्छिक ही होगा, इसके लिए किसी को भी मज़बूर नहीं किया जाएगा, IPP सदस्य को भी नहीं
जो एसा नहीं करेगा हमारी नज़र में भी वो भी सम्माननीय है, हरेक व्यक्ति अपने ढंग से मूल्यवान हो सकता है|
AGENDA #63---पब्लिक स्कूल उस तरह से नहीं चलाये जायेंगे जैसे आज चलाए जाते हैं,
लगभग मुफ्त मिली करोड़ों, अरबों रुपये की सार्वजानिक भूमि के मालिक बन बैठे हैं स्कूल चलाने वाले
पब्लिक स्कूल की भूमि पर हक़ पब्लिक का ही रहेगा, भूमि सार्वजानिक ही रहेगी,
चलाने वाले मात्र मेनेजर की भूमिका निभायेंगें
ओपन बोली लगेगी, जो सबसे कम फीसें लेकर, सबसे बढ़िया माहौल में शिक्षा प्रदान करने की बोली देगा, उसे ही स्कूल चलाने का ठेका दिया जाएगा और यह बोली हर दो-तीन वर्षों में लगती रहेगी
किसी भी समय यदि 60 प्रतिशत से ज्यादा अभिभावक चाहते हैं कि मैनेजमेंट बदल दिया जाए तो उनकी डिमांड पर स्कूल चलाने के लिए बोली फिर से खोली जा सकती है
अभिभावकों की एक एसोसिएशन होनी ही चाहिए.......... Mandatory....स्कूल मैनेजमेंट इस एसोसिएशन के साथ मिलकर ही काम करेगी, इस एसोसिएशन के मेम्बर को हक़ होगा कि वो स्कूल में सफाई, बिजली, पानी और अन्य व्यवस्थायों को देख सके
यदि स्कूल कोई भी खर्च बढ़ाते हैं तो उन्हें अभिभावकों को उसकी वजह बतानी ही होगी
बच्चों को स्कूल यूनिफार्म से आज़ाद किया जाएगा, पहचान के लिए बच्चे कोई "बिल्ला" लगा सकते हैं, पढाई का यूनिफार्म से क्या लेना देना? बच्चा या बड़ा कोई भी एक ही रंग के कपडे रोजाना नहीं पहनना चाहता, फिर काहे बच्चों के जीवन में नीरसता घोलना?
इस तरह से स्कूल जो बहुत सा धन कमाते हैं स्कूल यूनिफार्म से, उस से अभिभावकों को छूट मिल जायेगी
इस के अलावा बच्चों को "लाजिमी प्रार्थना" से भी छूट मिलेगी
जिसे प्रार्थना में जाना हो जाए, न जाना हो न जाए, परमात्मा को खोजना न खोजना, मानना न मानना एक बहुत ही निजी मामला है, उसमें किसी भी तरह से किसी को मजबूर करना ठीक नहीं है|
AGENDA #64---प्रशासनिक व्यवस्था में जितना हो सकेगा पब्लिक की भागीदारी बढ़ायी जायेगी.....जैसे सरकारी अस्पतालों के निरिक्षण का हक़ होगा आस पास की नागरिक संस्थायों को, इन को हक़ होगा खाते चेक करने का, ऑडियो, विडियो बनाने का, फोटो लेने का...
इसी तरह से मान लीजिये आपके आस पास सडक बनाई जानी है तो RWA को इस सड़क में लगाये जाने वाले मटेरियल की पूरी जानकारी दी जायगी और आमंत्रित किया जाएगा कि वो बनती सड़क का निरिक्षण कर सकें.....विडियो बना सकें
सरकारी स्कूल में पढने वाले बच्चों के अभिभावकों को पूरा हक़ होगा कि वो स्कूल के मैनेजमेंट को चेक कर सकें ..... |
GENDA #65---उत्तराखंड की त्रासदी के ठीक बाद मैंने तीन कवितायें लिखी थीं
१) सन्देश है पहाड़ों से
इंसान की जात को
समझो अपनी औकात को
दूर रखो हम से अपनी जमात को
कुछ न समझें हम तुम्हारी बिसात को
न समझोगे तो हटा दिए जाओगे
बेतहाशा मिटा दिए जाओगे
और कभी देना मत हमें दोष
तुम थे ताकत के नशे में मदहोश
हमने तो सिर्फ़ अपना अस्तित्व बचाया है
तुम मिट गए तो तुम्हारी ही माया है
तुम्हारी ही माया है, तुम्हारी ही माया है
.........
२) फिर से सन्देश है पहाड़ों से
न समझोगे तो मिट जायोगे ए हिन्दोस्तान वालो तुम्हारी दास्ताँ भी न होगी दास्तानों में
..............................................................................................................
३) प्यारी बहन, प्यारे मित्र, प्यारे भाई,
कुदरत हमारी है, अपनी है, नहीं पराई
और वो कोई हमारी तरह बेज़ार है
नहीं, बिलकुल नहीं, बहुत बहुत समझदार है.
क्यों गर्मी में पानी से भरे खरबूज तरबूज पैदा किये
क्यों सर्द जगहों पर गर्माहट से भरे अखरोट और मेवे दिए
क्यों पहाड़ उसने दुर्गम बनाये, क्यों मैदान आसान
मात्र इस लिए कि हम तुम दूर रखें अपना अहसान
क्यों नहीं समझे हम
क्यों नहीं समझे तुम
नदियाँ, पहाड़ , इसलिए नहीं कि
वहां मंदिरों के नाम पर, हनीमून के नाम पर चढ़ायी कर दो, गन्दगी फैलायो
डायनामाइट लगा लगा कर पहाड़ों की जडें हिलाओ
जड़ें पहाड़ की नहीं, अपनी हिला रहे हैं
क़त्ल उसे ही करतें हैं, जिसका खा रहें हैं
क्यों नहीं समझे हम
क्यों नहीं समझे तुम
दोषी तुम हो,
दोषी हम हैं,
धरती को माँ कहते ज़रूर हैं लेकिन हर पल उसका बलात्कार करतें हैं
उस पर एकाधिकार समझ कर अत्याचार करतें हैं
अपनी जन संख्या का वज़न बढ़ाये जातें हैं
उल्लू मर जातें हैं, औलादों को पहाड़ों पे चढ़ाये जातें हैं
कुदरत का थप्पड़ है ये अभी, न समझे तो कहर टूटेगा
विनाश जो 12 में होना था, वो 13 में, 14 में कभी भी टूटेगा
निकलो निकलो अपनी बेवकूफ़ी के जंगलों से बाहर और चढो चढ़ाई अक्ल के पहाड़ की
थोडा वक़्त है, थोड़ी ही तुम्हारी हमारी अक्ल, समझो चेतावनी क़ुदरत की दहाड़ की
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इन कवितायों से मेरा आशय तो मित्र समझ ही गए होंगे
भूगोल वैज्ञानिकों से राय ली जायेगी कि हमारे पहाड़ों पर कब कितने ज़्यादा से ज्यादा लोग भेजे जा सकते हैं...जितने लोगों के जाने को वैज्ञानिक सुरक्षित समझेंगे, उस संख्या से अधिक लोग कभी भी वहां नहीं जाने दिए जायेंगे
लोगों को एक निश्चित पहाड़ पर जाने के लिए पहले से बुकिंग करानी पड़ेगी
इसी तरह से भू-वैज्ञानिकों की राय के मुताबिक ही भू खनन की अनुमति दी जायेगी
भू-वैज्ञानिकों की हर राय से पब्लिक को अवगत कराया जाएगा
हर सम्भव प्रयास किया जाएगा कि हमारी तरफ से हमारे प्यारी पृथ्वी, हम सब का घर, इसे कोई नुक्सान न पहुंचे |
AGENDA #66----यह केवल काले धन का ही विषय नहीं है जिसको सरकार देश में वापिस लाने की बात कर रही है वरन उस घोषित धन को भी वापिस लाना चाहिए जो काले धन से कहीं अधिक मात्रा में विदेशों में चल तथा अचल संपत्ति के रूप में पड़ा हुआ है।और जिसको जान बूझ कर, कुत्सित भाव से विदेशों में डाला हुआ है। यह भी संभव है कि वह धन बढ़ न रहा हो तथा उन लाखों अप्रवासी भारतीयों की मेहनत की कमाई गर्त में पड़ी हुई हो।यह घोषित धन वह हो सकता है जो विदेशों में कार्यरत रहते हुए मृत्यू के गाल में समा गए हों तथा उनके लंबित वेतन, देय जिनकी दावेदारी न की गई हो, वहीं कुछ ऐसी अचल संपत्तियाँ भी होंगी जिनके स्वामी अब इस दुनिया में नहीं रहे होंगे। और उन अचल संपत्तियों का मूल्य दिन प्रति दिन बढ़ता ही जा रहा होगा। काला धन जिसका मुद्दा अभी वर्तमान में ही प्रकाश में आया है जबकि इस तरह का घोषित धन सैक्ड़ों वर्ष पुराना हो सकता है जिसका मूल्य आज के बाज़ार में अरबों रूपयों में हो सकता है। इस प्रकार की संपत्तियाँ विश्व के हर देश में हो सकती हैं जहाँ हमारे बुज़ुर्ग वर्षों तक कार्यरत रहे होंगे। बहुत संभव है कि बहुत से परिवार अपने उन मृत रिश्तेदारों की इन चल अचल संपत्तियों के विषय में कोई ज्ञान या जानकारी न रखते हों। और यह भी संभव है कि कुछ तत्व इन संपत्तियों का दुरोपयोग भी कर रहे हों। दरअसल, हमारे देश में इनके संरक्षण और संचालन के लिए कोई विशेष मंत्रालय या विभाग नहीं है जो विदेशों में पड़ी हुई अरबों रूपयों की चल एवं अचल संपत्तियों का विवरण ऱखे या देख रेख करे।मैं सौभाग्य समझता हूँ कि उच्चतम न्यायालय के संज्ञान में यह विषय लाकर प्रार्थना करना चाहूँगा कि वह भारत सरकार का ध्यानाकर्षण कराए तथा निर्देश दे कि वह इस बाबत समस्त दूतावासों, वाणिज्यदूतावासों को नोटिस जारी कर तुरंत कार्यवाही करने हेतू नोटीफ़िकेशन जारी करे ताकि भारत में रह रहे उनके निर्धन, असहाय परिजनों को उनका अधिकार मिल सके और उनके अपनों की मेहनत की कमाई उनके काम आ सके। इस विषय में उन देशों में कार्यरत उन मृत कर्मचारियों, व्यापारियों के सगे संबंधी, संगी साथी इस विषय में अवश्य ही जानकारी रखते होंगे।उनसे सम्पर्क साध कर इन मुद्दों पर कड़ी कार्यवाही की जा सकती है।बहुत संभव है कि कुछ असामाजिक तत्व उन चल एवं अचल संपत्तियों का दुरोपयोग भी कर रहे हों।
AGENDA #67---बहुत से लोग अपने बैंक लॉकर्स तथा बैंक खातों के उत्तराधिकारी नियुक्त नहीं करते।और उनकी मृत्यू के पश्चात वह अकूत धन उन बैंकों में बग़ैर किसी दावेदारी के पड़ा रहता है। आईपीपी इस तरह की व्यवस्था करेगी कि वह ग़ैर दावेदारी वाले खातों और लाॅकर्स को उनके उत्तराधिकारियों को दिलवा सके अथ्वा उन्हें सामाजिक कल्याण योजनाओं में लगाया जा सके। आईपीपी की कार्य योजना में यह भी शामिल है कि जो कुत्सित, मलिन कार्य हैं वह बारी बारी से सब लोग करें। केवल क्षुद्र या नीची जात के लोग ही इस तरह के कार्य क्यों करें। हम एक ऐसा ढांचा विकसित करना चाहते हैं जिसमें बड़े तथा छोटे का भेदभाव समाप्त हो।क्षुद्र लोगों को अशिक्षित रखा गया ताकि उनसे इस प्रकार के कुत्सित कार्य कराए जा सकें।उनसे मैला तथा मलिन उठवाया जा सके। आपने नहीं देखा होगा कि इन कामों को कभी ब्राह्मण लोग कर रहे हैं। हम इस प्रथा अथ्कोवा ढांचे को बदलना चाहते हैं।
AGENDA #68---मेरे मोहल्ले में झाड़ू लगाने वाली ने आगे लड़के रखे हैं.......मुझे पता लगा ऐसा लगभग हर जगह है......सरकार तनख्वाह देती है पच्चास हज़ार रूपए महीना और खुद काम न करके इन सरकारी मातहतों ने आगे पांच दस हज़ार रूपए महीना पर कामगार रखे हैं....
इसका मतलब.... यह कि सरकारी कर्मचारियों में से बहुत को दस गुना ज्यादा तनख्वाह मिल रही है
और मैंने तो ऐसे भी सरकारी कर्मचारी देखें हैं जो लगभग फुल टाइम अपना बिज़नस करते हैं...उनकी सेटिंग है...वहां एक दूसरे की हाजरियां लग जाती है.
इसका मतलब .....यह कि सरकार ने जितना स्टाफ रखा है शायद उससे आधे से काम चल जाए..
IPP देखेगी यह सब कुछ.....ठीक करेगी यह सब कुछ....
हम वोट लेने के लिए खामख्वाह तनख्वाह या भत्ते बढाने के पक्ष में बिलकुल नहीं हैं....
AGENDA #69---सब पार्टी वर्कर को पार्टी फण्ड से पार्टी के काम के लिए भत्ता अथवा तनख्वाह मिलेगी, जो अपनी मर्जी से न लेना चाहे वो उसकी इच्छा......लेकिन IPP पार्टी वर्कर कभी एसा न कह पायेंगे कि उन्होंने पार्टी में काम किया, पार्टी को खड़ा किया और पार्टी ने उनके लिए कुछ नहीं किया.....पार्टी अपने वर्कर के लिए जो बेहतरीन हो सकेगा करेगी...... |पार्टी फण्ड ऐसे लोगों से भी आता है जो पार्टी की विचारधारा से सहमती रखते हैं......उस फण्ड से ही पार्टी वर्कर की आर्थिक मदद होनी चाहिए...बिलकुल खुले में......हर व्यक्ति को टिकेट नहीं मिल सकता...किसी एक को ही मिलना होता है और फिर अच्छी राजनीती में जीतने पर कोई वारे न्यारे नहीं होंगे , बस जो सरकारी तनख्वाह मिलेगी उस से ही गुज़र करना होगा......तो फिर जो पार्टी को प्यार करने वाले कार्यकर्ता हैं, जो अपने जीवन का बहुमूल्य समय, तन मन लगा देते हैं पार्टी के लिए उन्हें क्या मिलता है ......निश्चित ही पार्टी को ही इसका कोई पुख्ता इंतज़ाम करना होगा |
AGENDA #70---बहुत कहा जाता है कि पढ़े लिखे लोग गैर ज़िम्मेदार हैं, वोट देने की बजाये पिकनिक मनाने चले जाते हैं......
बहुत कहा जाता है कि गरीब लोग, अनपढ़ लोग, कम पढ़े लिखे लोग, एक शराब की बोतल, एक बोरी आटा या ऐसे ही किसी छोटे लालच की वजह से वोट बेच देते हैं
अनर्थ करते है
लेकिन ग़लत है यह सोच, उन्हें पता है कि वोट किसी को भी दो कोई फर्क नहीं पड़ना, सब चोर हैं, अकर्मण्य हैं, अयोग्य हैं, वोट राम लाल को दो चाहे शाम लाल को , बस नाम का फर्क है, शक्ल का फर्क है...उससे ज़्यादा कुछ नहीं
उन्हें पता है, इस सिस्टम के अंतर्गत खड़े उम्मीदवारों में से किसी को भी चुनना अलग अलग बीमारियों में से किसी एक को चुनने जैसा है
उन्हें पता है , इस तरह से किसी एक प्रत्याशी को चुनना, बुरों में से, बेईमानो में से, बेहूदों में से, गैर ज़िम्मेदारों में से, किसी एक को चुनना है
उन्हें पता है कि इस तरह से किसी भी एक प्रत्याशी को चुनना बेईमानों में से, चोरों में से, डाकूओं में से सबसे छोटे चोर, डाकू, सबसे कम बेईमान को चुनना है जो कि चुने जाने के बाद पहले वाले चुने गए प्रत्याशी से बड़ा चोर डाकू और बेईमान साबित होने वाला है
और उनका वोट न देना भी अपने आप में एक तरह की वोटिंग ही है, जो यह बताती है कि वो लोग इस पूरे सिस्टम में विश्वास ही नहीं रखते
यह जो NOTA का आप्शन दिय जा रहा है, वो फ़िज़ूल है, सबको सब पता है.....नया प्रत्याशी भी इसी तरह के सिस्टम में आएगा वो भी बहुत बेहतर साबित नहीं होने वाला
ज़रुरत है तो सिस्टम को दुबारा देखने की
अभी का उदाहरण लें, अँधा पैसा खर्च किया जा रहा है चुनाव पर
यह पैसा कहाँ से आया है, पब्लिक से,
यह पैसा कहाँ से वसूला जायेगा पब्लिक से
मरे जा रहे हैं पब्लिक की सेवा करने को
नहीं, जब तक चुनाव इस तरह से लड़े जायेंगे, भ्रष्टाचार रहेगा
इतना ताम झाम, इतने लोग, इतनी भीड़, इतने असली-नकली समर्थक...
नहीं. यह सब की कीमत है, खर्च है...वो सब भ्रष्टाचार लाएगा......आखिर वसूली भी तो करनी है
चुनाव प्रचार इस तरह से होना ही नहीं चाहिए, किसी भी पार्टी यदि एक निश्चित संख्या में समर्थक जुटा लेती है तो उसे और हरेक उस जैसी पार्टी को सरकारी रेडियो, टीवी, अखबार आदि में बराबर कवरेज दे दी जानी चाहिए, जो कहना हो कह दें, जो लिखना हो लिख दें, ख़तम कहानी
पैसे का रोल ही चुनाव में ख़तम
यह जो आज चुनाव लड़ा जा रहा है, यह कोई तरीका है?
यह तो वोटर का दिमाग खराब करना है, उसे सम्मोहित करना है
गलत है यह, सही करने की एक विधि सुझाई है मैंने, आप भी सुझा सकते हैं
सुस्वागतम|
AGENDA #71---पड़ोस में माता का जागरण हो रहा है..तेज़ लाउड स्पीकर....मैंने फ़ोन करके आवाज़ कम करने को कहा तो थोडा कम कर दी थी............अब किसी ने पुलिस बुला ली है.....स्पीकर हटा लिए गए हैं.........लेकिन बिन स्पीकर के भी बहुत जोर लगा कर गाया बजाया जा रहा है........मेरा घर तो थोडा दूर है......लेकिन बिलकुल साथ वाले...उनका हाल वो ही जाने......यह धर्म है.......?
चाहे मुस्लिम मस्जिद से लाउड स्पीकर लगा कर बोले, चाहे कोई गुरुद्वारे से...चाहे शादी हो या कोई और डी जे पार्टी ...... सब बंद होना चाहिए...लाउड स्पीकर का प्रयोग साउंड प्रूफ जगहों में ही होना चाहिए या शहर से बहुत बाहर...वो भी समय सीमा के साथ|
AGENDA #72--- सडकों पर पंडाल लगाना, लंगर चलाना, बैठ कर नमाज़ पढना, शोभा यात्रा निकालना सब बंद........किसी भी धार्मिक या सामाजिक कार्य के लिए कम्युनिटी सेंटर या मंदिर , मस्जिद, गुरूद्वारे इत्यादि बनाये गए हैं .... समाज के किसी भी एक वर्ग के लिए पूरे समाज के दैनिक जन-जीवन को बाधित नहीं किया जा सकता .....जो भी सडक बंद कारेगा या यातायात अवरुद्ध करेगा......दण्डित होगा|
AGENDA #73---IPP पूरी तरह से प्रयास करेगी कि गोश्तखोरी बंद हो,
हिन्दू नाराज़ होते हैं कि मुस्लिम गाय खाता है जो कि उसके लिए पूज्य है, मेरा मानना है कि हर प्राणी पूज्य है.....
क्या कल कोई बड़ा परानी आकर इंसान के बच्चे को खाए तो यह स्वीकार होगा हमें?
फिर हम कैसे किसी और नस्ल को खा सकते हैं?.......नहीं
यह सब बंद होना चाहिए.....इस दिशा में PETA जो कर रही है मैं उसके समर्थन में हूँ...मेनका गांधी जो कर रही हैं...मैं उसके समर्थन में हूँ.......
अब सवाल है कि किसी का मज़हब इज़ाज़त देता है कि मांस खाया जाए......तो उन्हें तकलीफ होगी कि मांस खाने से कैसे रोका जा सकता है
नहीं, किसी धार्मिक किताब में क्या लिखा है इसका कोई मायने नहीं है.....खाने के लिए जितनी हिंसा कम हो उतना बेहतर...पेड़ पौधों में भी प्राण हैं..वो भी दुःख दर्द अनुभव कर सकते हैं लेकिन क्या हम उनसे नीचे का कोई भोजन ले सकते हैं?
क्या हम लक्कड़ पत्थर खा सकते हैं?.
कोई चारा नहीं.....सो वनस्पति खाए बिना कोई और चारा नहीं...उससे ही काम चलाना होगा....|
AGENDA #74---सब धर्म गुनाहगार हैं मानव को अँधा करने के
दंगों की असल वजह क्या है?....वजह अंध धार्मिकता है और कुछ नहीं
अंध विश्वास की वजह क्या है?....वजह अंध धार्मिकता है और कुछ नहीं
हर वैज्ञानिक विचार के विरोध की वजह क्या है?....वजह अंध धार्मिकता है और कुछ नही
धर्म-उन्मादी शक्तियों के राजनैतिक उठान की वजह क्या है?....वजह अंध धार्मिकता है और कुछ नही
किसी ने गाय की पूँछ काट कर मंदिर में फैंक दी...दंगे, मौतें
किसी ने धर्म ध्वज जला दिया..........दंगे..मौतें
किसी ने पवित्र ग्रंथ जला दिया.........दंगें, मौतें
इंसानियत को इस अंधेपन से बाहर आना होगा...
और पूरा दम लगा रखा है तथा कथित धर्मों के ठेकदारों ने और राजनेताओं ने कि इंसान बुधू, लल्लू, उल्लू बना रहे
वक्त आ गया है खुल कर कहने का कि दफा हो जाओ, हमें इस पृथ्वी पर न कोई तथा कथित धर्म चाहिए, न इन धर्मों को आधार बना कर खड़े राजनेता
हमें आत्मा परमात्मा को खोजना होगा हम खुद खोज लेंगे....उसके लिए क्या हिन्दू, मुस्लिम, सिख होना ज़रूरी होता है?
आज ज़रुरत है ऐसे लोगों कि जो घोषणा करें कि वो किसी धर्म से नहीं बंधे....मुझे पता है बहुत मुश्किल है....असम्भव जैसा...
खुशवंत सिंह जैसे व्यक्ति जो जीवन भर स्वयं को फ्री थिंकर कहते रहे लेकिन अपने सिख रूप को न छोड़ सके......
बहुत मुश्किल है, अमूमन तो व्यक्ति जिस धर्म में पैदा होता है, सारी उम्र उसे ही ठीक मानता, सबसे ठीक मानता है....
जब तक इस जंजाल से बाहर नहीं आयेगी दुनिया....दुनिया तरक्की नहीं कर पायेगी....वैज्ञानिक उपकरण तो आगे बढ़ जायेंगे लेकिन मानवीय सभ्यता न बढ़ पायेगी, वो जंगलों में ही भटकती रह जायेगी......
बहुत कड़ा कदम होगा, लेकिन इंसानियत को उठाना ही पड़ेगा...
आज सेक्युलर की ज़रुरत नहीं, ऐसे लोगों की ज़रुरत नहीं है जो यह कहते हों कि ईश्वर अल्लाह तेरो नाम.................आज ऐसे लोगों की ज़रुरत है जो कहते हों, बस बहुत हुआ यह सब.....सब नाम मनुष्य के दिए हैं.........और जिसे खोजना है, खोज ले चुपचाप....दूसरों को परेशान न करे,
ईश्वर, आत्मा परमात्मा की खोज के नाम पर सब गिरोहबाज़ी, गुटबाजी बंद
IPP का नियंता होने के नाते यह घोषित करता हूँ कि हम सब धर्मों को इस पृथ्वी से विदा करने को कटिबद्ध हैं
AGENDA #75---सभी के द्वारा निम्नतम श्रेणी की नौकरियाँ बारी-बारी से किया जाना !!!
(DIRTY JOBS TO BE DONE BY ALL ON ROTARY BASIS)
सदियों से भारतीय समाज में दलितों / शूद्रों शोषण होता आया है. इन लोगों को जानबूझ कर अनपढ़ रखा गया, गरीब रखा गया, ताकि वे समाज का कचरा उठाते रहें, शौचालय और गन्दी नालियां साफ करते रहें, और चमड़े के जूते चप्पलें बनाते रहें. ये सब सत्ता की धूर्तता थी जो अभी भी चल रही है। आपने मुश्किल से ही कभी किसी ब्राह्मण को किसी के घर का शौचालय और गन्दी नालियों या सड़क की सफाई करते देखा होगा । इन सभी नौकरियों को तथाकथित नीच या छोटी जातियों (दलितों/शूद्रों) के लोगों द्वारा किया जाता है। IPP व्यावहारिक रूप से इस प्रणाली को खत्म कर देगी | समाज के सभी वर्गों के सदस्यों, अमीर या गरीब, किसी को भी, इन गंदी नौकरियों को एक रोटरी-प्रणाली के आधार पर यानी कि बारी बारी से करना होगा । भला क्यों कोई अन्य हमारे लिए ये गंदे कार्य करता रहे? नहीं, अब और नहीं. अब से हम सबको एक-दूसरे के लिए इस प्रकार के कार्य करने चाहिए |
Dirty जॉब से मुक्ति सही तकनीक से संभव है|
आजकल ऐसी मशीने उपलब्ध हैं जो सीवर साफ़ कर देती हैं.. किसी व्यक्ति को अन्दर उतरने की जरुरत नहीं |
विज्ञानं और तकनीक ने ही बहुत तरह की आजादी दी है |
IPP सोसायटी की पूरी संरचना को बदल देगी ।
AGENDA #76---लोकतंत्र जिन्दा लोगों से चलता है, सरकारों से नहीं, जिन्दा कौमें पांच साल इन्तजार नहीं करतीं !!!!!!!
यदि सरकार के विरुद्ध 50 पर्तिशत से ज़्यादा लोग खिलाफ़त करते हैं तो सरकार गिरा दी जानी चाहिए और चुनाव फिर से होने चाहिए............
और चुनाव पर होने वाले खर्च वाला तर्क बिलकुल नहीं चलेगा चूँकि खर्च तभी होता है जब चुनाव का बाजारीकरण किया जाता है....चुनाव लोकतंत्र का उत्सव न होकर प्रोडक्ट सेलिंग बन जाता है.....यह लोकतंत्र बिलकुल नहीं है, यह पैसे का नंगा नाच है....यह अंधाधुंध विज्ञापन से खड़ा किया गया सम्मोहन है...ऐसा करना कतई allowed ही नहीं होना चाहिए........तुम सेवा करने आये हो या लूटने......काहे इतना खर्चा कर रहे हो भाईऔर कौन तुम्हें इतना पैसा दे रहा है और क्यों दे रहा है?
नहीं, यह सब नहीं चलना चाहिए, इस तरह का प्रचार बंद.
कोई भी पार्टी एक निश्चित जनाधार बना लेने पर टीवी, अखबार, रेडियो आदि पर सरकारी खर्चे पर बराबर एक्सपोज़र पाए....खुली बहस आयोजित की जा सकती हैं, जिसमें जिसने अपने प्रोग्राम बताने हों, अपना एजेंडा, बताये....छुट्टी.....सबको बराबर मौका.......और इस तरह से प्राइवेट मीडिया पर भी लगाम लगेगी.....मीडिया बस खबरें देगा.....बहस मुबाहिसा सब नेशनल चैनल पर, कोई प्राइवेट चैनल का दखल नहीं......
और बहुत से इंतज़ाम किये जा सकते हैं......बस थोडा इस दिशा में सोचने की ज़रुरत है
याद रखें ...ज़िंदा क़ौमें पाँच साल इंतज़ार नही करतीं ........ ......सरकार कभी भी बनाई जा सकती हैं गिराई जा सकती हैं....सरकार हमारी बनाई होती हैं...हमारे लिए होती हैं......संविधान, सब कायदा कानून हमारे लिए है.....हम ये सब कभी भी बदल सकते हैं....|
AGENDA #77---सब पशु पक्षियों को चिड़ियाघरों से आजाद कर दिया जाएगा, वहां सिर्फ बीमार, घायल पशु पक्षियों को ही रखा जाएगा...जिन्हें ठीक होते ही कुदरती ठिकानों पर छोड़ दिया जाएगा
इस मामले में PETA जैसी संस्थाओं से और मेनका गांधी जैसे लोगों से जिन्होंने इस क्षेत्र में अच्छा कार्य किया है, सलाह मशवरा लिया जाएगा |
IPP (Indian People Party) Agenda # 1-----Prostitution will be legalized and appropriate Health training will be given to sex workers. Important changes will be brought in current marriage system.
Agenda # 2)---Contract marriages will be legalized in which, before the marriage both the parties will decide whether they are going to have children or not and if yes, then who is going to take responsibility of them; mother, father or both.
Agenda # 3)--Pre-nuptial agreements will be decided before the marriage.
Agenda # 4) A workshop/training will be taken for men and women who are going to get married where they will get proper knowledge of laws related to marriage, sex, health and undergoing through such training will be compulsory.
Agenda # 5) More opportunities will be created for income sources of women…the process of taking divorce will be made easier where ‘no’ from any party will be acceptable, if they have children then the responsibility of upbringing of children should be taken by someone else.
Agenda # 6)The issue of homosexual marriages will neither be encouraged nor be suppressed, people are free to live the way they want unless their actions do not create problems in normal lifestyle of people.
Agenda # 7) People who wants to be together without getting married (live-in) can live together but before getting into a live-in relation they must submit an application in Government office, so that none of the party can accuse anyone later for exploitation. The confidentiality of the application will be maintained.
AGENDA# 8 ) Eunuch (hijadas) will be considered merely as handicapped and will be treated as normal human being in society. They will get full opportunities in the fields of education and employment as well as free tickets for fairs, cinemas, drama etc so the entertainment which they lack naturally, could be fulfilled till a limit.
AGENDA# 9) Every possible efforts will be made to control the problem of overpopulation. People having two or less than two child will be rewarded by government in order to encourage them. Sources like T.V, radio, newspaper, internet will be used to create awareness against overpopulation.
AGENDA# 10) Footpath’s are meant to be walked on, not for vendors and opening shops…all the shops from footpath’s will be removed and the shopkeepers will get shops in proper rooms on cheap monthly installments.
AGENDA# 11) Medical tests like HIV, Hepatitis and Thalassemia will be made compulsory for bride-groom before getting married so that their children can have a disease free and healthy life.
AGENDA# 12) People will be able to vote through their own android phones (smart phones). Their finger prints will be enough for their identity proof…Government employees will go door to door with these phones so that, people who do not have such smart phones will also be able to vote. This work should take at least a week instead of one day as it is one of the most important things for the development of nation. Voting will reach up-to 100%.
AGENDA# 13) Bribe is not the only cause behind corruption but running away from the taken responsibilities also is.If public finds badly damaged roads, dirty gutters, piles of garbage…then instead of just blaming others, make a video and spread it. Responsible Corporators and politicians will be taught how to work…and if they refuse or ignore to understand, they will be fired.
AGENDA# 14) After leaving their post, neither any politician will get any kind of financial support nor any facility from government.
AGENDA# 15) Government will not take care of politicians residence by giving them bungalows. They will get a decent salary from which they can buy a house which they can afford like normal people. Instead of this facility, they will be provided advanced offices where they can work properly.
AGENDA# 16) In order to reduce corruption, all the government offices will be connected to CCTV’s, whose screen will be right direct out of the office so that public can see who is doing what and how inside…Neither any politician nor any officer will be allowed to make deals without its video recording. These video recordings will act as a source of transparency.
AGENDA# 17) The number of death’s will be less in wars if we compare it to road accidents….Traffic challan will be increased…fine is going to be the same but people's vehicles and license will be returned only if they attend a workshop based on traffic rules. In these workshops, traffic sense will be taught through audio-visual techniques, followed by a written exam. The money collected through this fine will be used in reconstruction of damaged roads as soon as possible.
AGENDA# 18) The Government Schemes and Programmes will be named after old-new legends like Bhagat Singh,Rajguru, Sukhdev, Munshi Premchand, Jagdish Basu, Surjo Sen, Kabir, Raheem, Baba Nanak, Guru Govind, Dr. Babasaheb Ambedkar, Issac Newton, Albert Einstein etc. not just after Nehru and Gandhi family…old schemes will also be renamed.
AGENDA# 19) Open Air Gym will be made in public parks so that one can enjoy both, gym and fresh air simultaneously. Monthly fees will be around 300 400 rupees.
AGENDA# 20) Scientific development is the base of inventions…. Inventors are our real heroes, that’s why all the possible efforts will be made to encourage the work of inventors. Special arrangements will be made in each and every nook and corner of the country so that inventors can patent their inventions easily.
AGENDA# 21) The issue of solar energy will be emphasized. Needed products for manufacturing solar energy will be made tax free and social awareness for its usage will be created. Whoever wants to sell electricity made through solar energy on professional level, will be provided needed help from government.
AGENDA# 22) We have numerous futile holidays on the name of politicians and ‘Mahatma’s’….all such kind of holidays will be abolished. If one wants to celebrate, then they surely can do it after going home from work but countries work can not be stopped for such reasons.
Thanks a lot to Dear Young Lady Smruti Bodhi for translating from Hindi to English.
COPY RIGHT MATTER, STEALING IS AN OFFENCE
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